युवराज सिंह

टीम इंडिया के दिग्गज ऑलराउंडर खिलाड़ी युवराज सिंह ने भारतीय क्रिकेट इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों से लिखवाया. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के साथ ही युवी आईपीएल का भी बड़ा नाम रहे हैं. कुल सात फ्रेंचाइजियों के लिए खेल चुके युवराज ने अब आईपीएल को लेकर एक बड़ा बयान दिया है.

आईपीएल को लेकर युवराज ने दिया बयान

yuvraj singh

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दुनिया की सबसे महंगी इंडियन प्रीमियर लीग युवा खिलाड़ियों के लिए बड़ा प्लेटफॉर्म करते हैं और राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह हासिल करते हैं. युवराज सिंह ने आईपीएल में अब तक 12 सीजन में 7 फ्रेंचाइजियों के लिए खेला है. युवराज सिंह ने स्पोर्टस्टार को कहा,

आईपीएल बड़ी रकम देता है और यह युवाओं का ध्यान भटकाता है. वे टेस्ट खेलना चाहते हैं लेकिन सबसे ज्यादा युवा, जो ज्यादातर एक दिवसीय क्रिकेट खेलते हैं, उनका ध्यान आईपीएल खेलना है और राज्यों के लिए चार दिवसीय क्रिकेट नहीं.

सीनियर को नहीं मिलता पहले जैसा सम्मान

आईपीएल के द्वारा तमाम खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय टीम में जगह  बनाई है. इस लीग में नए व युवा खिलाड़ी बड़े-बड़े खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करते हैं और उन्हें काफी कुछ सीखने को मिलता है. मगर युवा व सीनियर खिलाड़ियों के बीच सम्मान की भावना होनी चाहिए. इस बारे में बात करते हुए युवराज ने कहा,

युवाओं के साथ बातचीत से, आपको एहसास होता है कि वे सीनियरों के लिए अधिक सम्मान देते हैं. यह वैसा नहीं है जो हमने अपने सीनियर्स को दिया था. सीनियर के प्रति एक निश्चित सम्मान होना चाहिए, जिन्होंने आपको बहुत कुछ सिखाया है.

आपको बता दें, जून 2019 में संन्यास लेने के बाद भी युवराज सिंह क्रिकेट से जुड़े हुए हैं. युवी ने बीसीसीआई से एनओसी लेकर विदेशी लीग खेलते हैं. उन्होंने ग्लोबल टी20 लीग व अबु धाबी टी10 लीग में हिस्सा लिया था.

इन 2 गेंदबाजों के सामने संघर्ष करते थे युवराज

युवराज सिंह

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टीम इंडिया के ऑलराउंडर खिलाड़ी युवराज सिंह ने अपने दिनों में विपक्षी गेंदबाजों के छक्के उड़ा देते हैं. मगर अब युवी ने स्‍पोर्ट्स स्‍टार को दिए इंटरव्‍यू में बया है कि वह किन गेंदबाजों के सामने संघर्ष करते थे. उन्होंने कहा,

‘वास्‍तव में मैं मुरलीधरन का सामना करते हुए संघर्ष करता था. उनकी गेंदबाजी को भांप नहीं पाता था. इसके अलावा ऑस्‍ट्रेलिया के ग्‍लेन मैक्‍ग्राथ ने भी मुझे विकेट से बाहर निकलती हुई गेंदों पर परेशान किया.

मैंने टेस्‍ट क्रिकेट में मैक्‍ग्राथ का ज्‍यादा सामना नहीं किया, मैं बेंच पर बैठकर सीनियर प्‍लेयर्स की हौसला बढ़ाया करता था.’