हाल के दिनों में भारतीय टीम से बाहर चल रहे सिक्सर किंग युवराज सिंह को लेकर कहा जा रहा था, कि वह यो-यो फिटनेस टेस्ट पास ना कर पाने के कारण भारतीय टीम में अपनी जगह नहीं बना पा रहे थे.
अब यही बात भारतीय टीम के सिक्सर किंग युवराज सिंह ने भी मान ली है उन्होंने यूनिसेफ के एक कार्यक्रम में कहा है, कि वह भारतीय टीम में चयन के लिए जरुरी फिटनेस टेस्ट पास नहीं कर पा रहे थे.
पिछले तीन फिटनेस टेस्ट नहीं कर पाया था पास
युवराज ने अपने बयान में कहा, “मैं यह बताना चाहूँगा, कि मैं अपने पिछले तीन फिटनेस टेस्ट को पास करने में नाकाम रहा था, लेकिन अब मैंने कल अपना फिटनेस टेस्ट पास कर लिया है.”
अपने करियर का फैसला स्वयं करूँगा
युवराज ने आगे अपने बयान में कहा, “मैं अपने क्रिकेट करियर का फैसला स्वयं करूँगा. मैं असफलता से नहीं डरता हूं. मैं उतार-चढ़ाव से गुजरा हूं. मैंने हार देखी है. यह सफलता का स्तम्भ है. मेरे ख्याल से एक सफल इंसान बनने के लिए आपका नाकाम होना जरुरी है. आपका हारना जरुरी है इससे आप एक मजबूत इंसान बनते हो और आप अपने आप को एक अलग स्तर पर पहुंचाते हो. “
2019 विश्व कप तक नहीं छोड़ेंगे भारतीय टीम में वापसी की उम्मीद
अपने इस बयान के साथ ही युवराज ने साफ़ कर दिया, कि वह कम से कम 2019 विश्व कप तक भारतीय टीम में वापसी की उम्मीद नहीं छोड़ेंगे और भारतीय टीम में वापसी करने के लिए अपनी मेहनत करते रहेंगे.
युवराज ने कहा, कि हाल के लचर प्रदर्शन के बाद वह नहीं बता सकते, कि कितने लोग उन पर अब भी विश्वास करते है, लेकिन उन्होंने खुद पर विश्वास करना नहीं छोड़ा है. उन्होंने कहा, “मैं अब भी खेल रहा हूं. मैं नहीं जानता कि किस प्रारूप में मैं खेलने जा रहा हूं, लेकिन मैं पहले की तरह आज भी कड़ी मेहनत कर रहा हूं. हो सकता है, कि यह पहले से भी कड़ी हो, क्योंकि मेरी उम्र बढ़ रही है. मुझे लगता है, कि मैं 2019 तक क्रिकेट खेल सकता हूं. फिर उसके बाद ही कोई फैसला करूँगा.
मुझे खुद पर भरोसा है और मैं अपने भरोसे के कारण ही उस यो-यो टेस्ट को पास कर पाया हूं. जिस यो-यो टेस्ट में मैं पहले तीन बार असफल हुआ था.”