युजवेंद्र चहल भारतीय टीम के लिए सीमित ओवर की क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि अब तक उन्हें टेस्ट डेब्यू का मौका नहीं मिल पाया है. इसी बीच उन्होंने इस बात को माना है कि वह टेस्ट क्रिकेट, तो खेलना चाहते हैं, लेकिन उन्हें टेस्ट क्रिकेट में अभी काफी कुछ सीखने की जरुरत हैं. साथ ही उन्होंने हरभजन सिंह को अपने क्रिकेट करियर की सफलता का श्रेय भी दिया है.
अश्विन, जडेजा और कुलदीप टेस्ट में अच्छा कर रहे
युजवेंद्र चहल ने हिन्दुस्तान टाइम्स से बात करते हुए अपने एक बयान में कहा, “टेस्ट क्रिकेट सबसे चुनौतीपूर्ण फॉर्मेट है. इसमें खिलाड़ियों की असली परीक्षा होती है. फिलहाल टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए रविचंद्रन अश्विन, रविन्द्र जडेजा और कुलदीप यादव अच्छा कर रहे हैं.
हालांकि मैं भी भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहता हूं, लेकिन अभी मैं घरेलू क्रिकेट में लाल गेंद से खुद को साबित करना चाहता हूं, इसके बाद ही मैं भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने के बारे में सोच सकता हूं.”
मुझे और ज्यादा रणजी मैचों का अनुभव लेने की जरुरत
अपनी इसी बात को युजवेंद्र चहल ने आगे बढ़ाते हुए कहा, “साफ कहूं तो मैं अभी इसके लिए तैयार नहीं हूं. मुझे अभी और रणजी मैच खेलने होंगे, फिलहाल मैंने 31 रणजी मैच ही खेले हैं. मुझे अभी और रणजी में समय बिताने की जरुरत है और टेस्ट क्रिकेट के बारे में सीखने की जरुरत है.”
हरभजन सिंह को दिया अपनी सफलता का श्रेय
हरभजन सिंह को अपनी सफलता का श्रेय देते हुए युजवेंद्र चहल ने कहा, “मैंने मुंबई इंडियंस में तीन साल तक भज्जी पाजी के साथ खेला. उनका मेरे क्रिकेट करियर में काफी प्रभाव रहा है. मैंने उनसे सीखा है कि एक स्पिनर के रूप में आक्रामक कैसे हो और बल्लेबाज पर कैसे आक्रमण करना है. अश्विन भाई की गेंदबाजी में भी निरंतरता है. मुझे उम्मीद है कि मैं उनके नक्शेकदम पर चल सकता हूं और लंबे समय तक भारत की सेवा कर सकता हूं.”