जिम्बाब्वे की क्रिकेट टीम भले ही विश्व क्रिकेट में फिसड्डी मानी जाती हो लेकिन इसके बाद भी वो कई बार अपने प्रदर्शन से दूसरी टीमों को चौंका रही है। हाल ही में जिम्बाब्वे ने श्रीलंका को उन्ही की सरजमीं पर वनडे सीरीज में जीत हासिल की थी जिसके बाद टेस्ट मैच में भी शानदार तरीके से सामना किया था। जिम्मबाब्वे टीम इसके बाद अब अपने पूर्व कप्तान ब्रैंडन टेलर के टीम में एक बार फिर से लौट आने पर मजबूती मिली है।
काईल जारविस भी लौटेंगे जिम्बाब्वे की टीम में
ब्रैंडन टेलर ने तो एक बार फिर से काउंटी क्रिकेट को छोड़कर जिम्बाब्वे की टीम की तरफ से खेलने का फैसला किया है वहीं साथ ही जिम्बाब्वे के तेज गेंदबाज काईल जारविस ने भी जिम्बाब्वे की टीम के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने का फैसला कर लिया है। काईल जारविस पिछले कुछ समय से जिम्बाब्वे की टीम को छोड़कर काउंटी क्रिकेट खेलने चले गए थे। काईल जारविस काउंटी क्रिकेट में लंकाशायर की टीम के लिए खेल रहे थे।
काईल जारविस को इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने की दी अनुमति
काईल जारविस के आने से भी जिम्बाब्वे की टीम को बड़ा फायदा पहुंचा है। काईल जारविस को अगले सीजन के लिए लंकाशायर की टीम ने रीलीज होने की अनुमति दे दी है। काईल जारविस को छोड़ने की अनुमति देने को लेकर लंकाशायर क्लब ने कहा कि
“लंकाशायर काउंटी क्रिकेट क्लब पुष्टि करता है कि तेज गेंदबाज काईल जारविस को जिम्बाब्वे के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने के लिए लौटना है। इस तेज गेंदबाज ने पूछा और हमनें इसे इस क्लब के साथ उनके अनुबंध को खत्म होने के बाद जाने की अनुमति दे दी है। वैसे भी उनका अनुबंध खत्म हो रहा था और इसके बाद उन्हें जिम्बाब्वे की टीम के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में खेलने की अनुमति प्रदान की गई है।”
काईल जारविस ने जिम्बाब्वे के लिए 2013 में खेला आखिरी मैच
जिम्बाब्वे की तेज गेंदबाज काईल जारविस ने जिम्बाब्वे के लिए आखिरी बार साल 2103 अगस्त में भारत के खिलाफ हरारे में वनडे मैच खेला था। उन्होनें जिम्बाब्वे के लिए कोलपेक खिलाड़ी के तौर पर 2011 में डेब्यू किया था। काईल जारविस ने जिम्बाब्वे के लिए 8 टेस्ट मैच के साथ ही 24 वनडे मैच और 9 टी-20 मैच में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।