नई दिल्ली, 20 जून (आईएएनएस)| ग्रेटर नोएडा के बुद्ध इन्टरनेशनल सर्कि (बीआईसी) पर 4 से 9 जुलाई तक होने वाले एसएई इंडिया सुपर रेसिंग (सुप्रा) चैम्पियनशिप के पांचवें संस्करण में कुल 150 टीमें हिस्सा लेंगी, जिसमें 200 महिलाएं इंजीनियर शामिल हैं। चैम्पियनशिप के आयोजकों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
भारत की सबसे बड़ी फॉर्मूला स्टूडेंट प्रतियोगिता (एसएई इंडिया सुप्रा) के पांचवें संस्करण का आयोजन देश की अग्रणी वाहन निमार्ता कम्पनी-मारुति सुजुकी के सहयोग से हो रहा है, जिसमें इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में अपनी योग्यता और प्रतिभा के प्रदर्शन का मौका मिलेगा।
इस चैम्पियनशिप में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजकों ने दो पुरस्कार वर्गो की घोषणा की है। इसमें पहला पुरस्कार सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली महिला प्रतिभागी को दिया जाएगा और दूसरा उस टीम को मिलेगा, जिसमें सबसे अधिक महिलाएं शामिल हैं।
आयोजकों ने यह भी दावा किया है कि दिल्ली से महिलाओं की एक टीम की भागीदारी का भी दावा किया है। माना जा रहा है कि यह टीम दूसरे वर्ग का विशेष पुरस्कार हासिल करेगी।
एक शीर्ष अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “हमें अभी महिलाओं की टीम की ओर से केवल एक ही सिफारिश मिली है। अगर रेस के समय तक इस प्रकार की कोई और टीम नहीं शामिल होती, तो दिल्ली की टीम यह पुरस्कार जीत जाएगी। इस विशेष पुरस्कार पिछले संस्करण में भी शामिल था।”
इस चैम्पियनशिप में विदेशी विशेषज्ञ शामिल होंगे, जिसमें से तीन जर्मनी से हैं और एक महिला विशेषज्ञ रूस से हैं। ये सभी निर्णायक दल में शामिल होंगे।
इस चैम्पियनशिप में प्रतिभागियों का कई तकनीकी आधारों पर परीक्षण होगा।
इस अवसर पर सुप्रा एसएईइंडिया 2016 के संयोजक प्रशांत बनर्जी ने कहा, “अधिकतर प्रतिभागी ‘ब्रेक टेस्टिंग’ और ‘एक्सलरेशन कंट्रोल’ स्तर पर ही असफल हो जाते हैं और इस रेस के अंतिम चरण तक 100 में कुल 10 ही पहुंच पाते हैं।”
प्रशांत ने कहा कि इसी कारण इसमें इस वर्ष प्रतिभागियों की संख्या में बढ़ावा किया गया है और आशा जताई जा रही है कि इस बार अंतिम चरण तक 20-25 टीमें पहुंचेंगी। मुख्य रेस 9 जुलाई को होगी और प्रशांत को उम्मीद है कि इस साल टीमों की संख्या में एक या डेढ़ गुना इजाफा होगा।
उन्होंने कहा, “इस बार टीमें बेहतर रूप से तैयार हैं और मूल्यांकन के समय को भी एक दिन और बढ़ा दिया गया है, क्योंकि विदेशी विशेषज्ञ वास्तविक रेस की शुरुआत से पहले टीम के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे।”
इस चैम्पियनशिप में प्रत्येक विशेषज्ञ 30 टीमों का निर्णायक होगा। प्रत्येक टीम में 25 सदस्य हैं, जिसमें में से दो चालकों को इस रेस में हिस्सा लेने के लिए चुना जाएगा।