आईएसएल : ऊंचे मनोबल के साथ गोवा का सामना करेगा पुणे 1

पुणे, 2 नवंबर (आईएएनएस)| हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में बीते साल की उप-विजेता एफसी गोवा की मौजूदा सीजन में स्थिति बेहद खराब है और सम्मानपूर्ण समापन के लिए अब इस टीम के पास जीत के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है। गोवा आईएसएल-3 में गुरुवार को अपना अगला मैच एफसी पुणे सिटी के खिलाफ खेलेगी, जो पुणे के घरेलू मैदान बालेवाड़ी स्पोर्ट्स काम्पलेक्स में होगा।

वैसे स्थिति तो पुणे की भी अच्छी नहीं है और आठ टीमों की तालिका में इस समय वह गोवा से ठीक ऊपर सातवें स्थान पर है। लेकिन एक तो घरेलू मैदान, फिर गोवा की अपेक्षा इस सीजन में उनका बेहतर प्रदर्शन इस मैच के लिए उन्हें सकारात्मक माहौल प्रदान करेगा।

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पुणे ने अब तक छह में से दो मैच गंवाए हैं वहीं गोवा सात मैच खेलकर सिर्फ एक जीत हासिल कर सका है।

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इस मैच से पहले पुणे के कोच एंटोनियो हबास का भी मनोबल ऊंचा है क्योंकि बतौर कोच हबास और गोवा के कोच जीको के बीच अब तक कुल सात मैच हुए हैं, जिनमें से चार में हबास की जीत हुई है। जीको तीन सीजन से गोवा के साथ बने हुए हैं जबकि हाबास इससे पहले दो सीजन तक एटलेटिको दे कोलकाता के कोच रह चुके हैं।

पुणे के लिए अच्छी खबर यह है कि यह टीम गोवा के खिलाफ अपने घर में कभी नहीं हारी है। इन दोनों के बीच बालेवाड़ी में दो मुकाबले हुए हैं, जिनमें से एक में पुणे की जीत हुई है जबकि एक मैच ड्रॉ रहा है।

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हालांकि पिछले चार मैचों से लगातार हार के लिए तरस रही पुणे के लिए जीत की पटरी पर लौटना इतना आसान भी नहीं रहेगा।

गुरुवार के मैच पर हबास ने कहा,

“मुझे याद है कि बीते सीजन में चेन्नयन एफसी की शुरुआत काफी खराब रही थी। उसने कई मैच गंवाए थे। हमारे मार्की खिलाड़ी अक्टूबर के पहले सप्ताह में आए और पूरी टीम 90 फीसदी नई है।”

दूसरी ओर एफसी गोवा की शुरुआत तो और भी खराब रही है, हालांकि जीको कई चीजों के लेकर काफी सकारात्मक हैं। वैसे वह मानते हैं कि टीम के लिए मौजूदा हालात थोड़ा कठिन हो गया है।

जीको ने कहा,

“हमारी स्थिति थोड़ी पेचीदा हो गई है। हमें अब सात में से पांच मैच जीतने होंगे। तब जाकर हम प्लेआफ की दौड़ में बने रह सकेंगे।”

ऐसा नहीं है कि गोवा की टीम इस सीजन में खराब खेली है। गोवा ने इस सीजन में अपने विपक्षी टीमों के खिलाफ अब तक 67 शॉट लगाए हैं लेकिन अपने इन प्रयासों को गोल में बदलने का उसका औसत बेहद खराब रहा है।

गोलपोस्ट पर गोवा से अधिक शॉट केवल कोलकाता और दिल्ली ने लगाए हैं। ऐसे में उसके स्ट्राइकरों को न सिर्फ लगातार हमले करने होंगे बल्कि उन्हें सफलतापूर्वक गोल में भी बदलना होगा।