चेल्सी के बॉस “जोस मौरिन्हो” ने इंग्लिश प्रीमियर लीग और स्पेनिश ला लीगा के बीच अंतर बताते हुए कहा कि इंग्लिश प्रीमियर लीग, ला लीगा के मुक़ाबले ज़्यादा प्रतियोगी है।

उन्होंने इस बात की ओर संकेत किया कि उन्हे स्पेन में समय प्रबंधन मज़ेदार नहीं लगा। उन्होंने कहा कि,”मैं स्पेन में था पर मैंने खेल का लुत्फ़ नहीं उठाया क्योंकि 100 पॉइट्स और 121 गोल से जीतने के बाद भी हमने केवल 3-4 मैच ही खेले। 92 पॉइट्स से हारने के बाद भी हमने केवल 4-5 मैच खेले। अगर आप चैम्पियन नहीं हैं तो आप पर हर मैच जीतने का दबाव होता है। बस जीत और जीत। यही चैम्पियन और दूसरों के बीच की लंबी दूरी है।

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“इंग्लिश प्रीमियर लीग और स्पेनिश ला लिगा के बीच बहुत बड़ा अंतर है। क्या बार्सीलोना या रीयाल मेड्रिड यह प्रीमियर लीग जीतेंगे? शायद हॉँ, शायद नहीं।”

मॉरिन्हो इटली और पुर्तगाल में भी क्लब के इंचार्ज रहे चुके हैं। उन्होंने इसकी तुलना इंग्लिश प्रीमियर लीग से की है। उन्होने कहा,”दूसरे देशों में अाप आराम से मैच जीत सकते हैं। स्पेन और इटली में हमने काफ़ी मैच आराम से जीते हैं और फिर सोचते हैं कि आगे क्या?

“इस सीज़न मैंने कई खिलाड़ियों को ब्रैडफोर्ड के ख़िलाफ़ बाहर बिठाया और हम वो मैच हार गए। यही फ़ुटबॉल है। आपको लगता है आप 2-0 से जीत रहें हैं तभी एक गोल होता है और फिर एहसास होता है कि आख़िरी कुछ मिनट बहुत तनावपूर्ण होने वाले हैं और शायद मैच ड्रॉ करके आप दो अंक का नुक़सान कर दें।

“इंग्लिश प्रीमियर लीग की यही सच्चाई है। आपके पास समय नहीं होता। नाही सिर्फ़ मैच ज़्यादा होते हैं पर मानसिक तीव्रता भी बहुत ज़्यादा होती है।

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