Russia beat Spain in penalty shoot-out in quarter-finals

मास्को, 2 जुलाई; मेजबान रूस ने विश्व कप 2018 में अपना स्वप्निल अभियान जारी रखते हुए आज यहां 2010 के चैंपियन स्पेन को पेनल्टी शूटआउट में 4-3 से हराकर 48 साल बाद क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया।

रूस की इस जीत के नायक निश्चित तौर पर उसके गोलकीपर इगोर अकीनफीव रहे जिन्होंने मैच के दौरान कई शानदार बचाव किये और फिर पेनल्टी शूट आउट में भी दो बचाव करके लुजनिकी स्टेडियम में जश्न में डुबो दिया। नियमित और अतिरिक्त समय तक मैच 1-1 से बराबरी पर था।

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स्पेन ने नियमित और अतिरिक्त समय में गेंद को 79 प्रतिशत समय तक अपने कब्जे में रखा लेकिन वह रूसी रक्षापंक्ति विशेषकर गोलकीपर अकीनफीव को भेदने में नाकाम रहे। उसने 11वें मिनट में सर्गेई इग्नाशेविच के आत्मघाती गोल से बढ़त बनायी। रूस को 41वें मिनट में पेनल्टी मिली जिस पर आर्टम दजयुबा ने बराबरी का गोल किया।

आखिर में विजेता का फैसला पेनल्टी शूटआउट से हुआ। रूस के लिये फेडोर समोलोव, इग्नाशेविच, अलेक्सांद्र गोलोविन और डेनिस चेरीशेव गोल करने में सफल रहे। स्पेन की तरफ से आंद्रेई इनिस्टा, गेर्राड पिक और सर्गियो रामोस ने गोल किये लेकिन कोके और इयगो एस्पास दोनों के शॉट अकीनफीव ने बड़ी खूबसूरती से रोक दिये।

रूस (सोवियत संघ) ने इससे पहले 1970 में अंतिम आठ में जगह बनायी थी। वह अब क्वार्टर फाइनल में सात जुलाई को क्रोएशिया और डेनमार्क के बीच होने वाले मैच के विजेता से भिड़ेगा। लीग चरण में अजेय रहे स्पेन ने रूस के खिलाफ सतर्क शुरुआत की। शुरू में लग रहा था कि दोनों टीमें एक दूसरे को परखने की कोशिश कर रही हैं लेकिन 11वें मिनट में इग्नाशेविच के आत्मघाती गोल से रूस बैकफुट पर चला गया।

यूरी झिरिकोव ने रूसी गोल के बायीं तरफ नाचो को गिरा दिया जिसके कारण स्पेन को फ्री किक मिली। इस्को की फ्रीकिक ने रूसी डिफेंडर इग्नाशेविच को परेशानी में डाल दिया। उन्होंने गोल बचाने के लिये सर्गियो रामोस को भी नीचे गिरा दिया लेकिन गेंद उनकी एड़ी से लगकर गोल में समा गयी। रूसी गोलकीपर इगोर अकीनफीव के पास उसे रोकने का कोई मौका नहीं था।

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स्पेन के कप्तान को लगा कि गोल उन्होंने किया है। वह जश्न भी मनाने लगे लेकिन जल्द ही साफ हो गया कि गेंद रामोस नहीं बल्कि इग्नाशेविच के पांव से लगकर गयी है। इस गोल से इग्नासेविच (38 साल 252 दिन) विश्व कप में सबसे अधिक उम्र में आत्मघाती गोल करने वाली खिलाड़ी भी बन गये। इससे पहले रिकार्ड हांडुरास के नियोल वालाडर्स (37 साल 43 दिन) के नाम पर था जिन्होंने फ्रांस के खिलाफ 2014 में यह गोल किया था।
रूस ने इसके बाद दबाव भी बनाया। खेल के 26वें मिनट में इग्नाशेविच ने गलती की भरपायी करने की अच्छी कोशिश की। उन्होंने गोलोविन को अच्छा पास दिया जो उसे अच्छी तरह से नहीं संभाल पाये और रूस ने मौका गंवा दिया।

गोलोविन के पास 36वें मिनट में भी मौका था लेकिन दो रक्षकों को छकाने के प्रयास में उनका शाट गोल पोस्ट के करीब से बाहर चला गया। इसके बाद हालांकि जल्द ही रूस ने बराबरी कर दी।

कार्नर किक पर आर्टम दजयुबा का हेडर गेर्राड पिक के हाथ से टकरा गया जिससे रूस को पेनल्टी मिली। स्पेन ने इसका विरोध किया लेकिन रेफरी टस से मस नहीं हुए। दजयुबा ने इसे आसानी से गोल में बदलकर लुजनिकी स्टेडियम में नयी जान भर दी। मध्यांतर तक दोनों टीमें 1-1 से बराबरी पर थी।

स्पेन की टीम अकीनफीव को पहले हाफ में ज्यादा परेशान नहीं कर पायी। दूसरे हाफ में 59वें मिनट में डियगो कोस्टा ने इस्को के साथ मिलकर मूव बनाया लेकिन पूरी रूसी टीम गोल बचाने के लिये आ गयी। इसके बाद 74वें मिनट में भी रूस ने गोल बचाने की अपनी काबिलियत का अच्छा परिचय दिया जब इस्को के शाट को फेडोर कुद्रयासोव ने बचाया।

रूस ने चेरीशेव और समोलोव को दूसरे हाफ में उतारा। इन दोनों के अलावा गोलोविन ने जवाबी हमले पर निगाहें टिकी थी। दूसरी तरफ कोस्टा की जगह आंद्रेस इनिस्टा मैदान पर उतर चुके थे। उन्होंने लगातार हमले किये। इनिस्टा ने 85वें मिनट में गोल की तरफ करारा शाट भी जमाया लेकिन अकीनफीव ने बड़ी खूबसूरती से इसका बचाव कर दिया।

दूसरे हाफ में कोई भी गोल नहीं कर पायी और मैच अतिरिक्त समय तक खिंच गया जिसमें स्पेन की टीम अधिक संयोजित और प्रतिबद्ध दिखी। नियमित खेल की तरह अतिरिक्त समय में भी गेंद रूसी पाले में ही मंडराती रही जिसके खिलाड़ियों ने फिर से अपनी ताकत गोल बचाने पर लगायी।

अकीनफीव ने 109वें मिनट में फिर से बेहतरीन बचाव करके रूसी समर्थकों को राहत पहुंचायी। उन्होंने रोड्रिगो का शाट गोल में जाने से बचाया। रिबाउंड पर गेंद दानी कार्वाजल के पास पहुंची लेकिन इलिया कुतेपोव ने उनका शाट रोक दिया।