गोवा में फिर से सबके सिर चढ़कर बोलने लगा है फुटबाल का बुखार 1

गोवा, 15मार्च; सर्गियो लोबेरा की एफसी गोवा टीम भले ही हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के चौथे सीजन के फाइनल में नहीं पहुंच पाई लेकिन उसने अपने शानदार खेल के जरिए 2015 के फाइनल में चेन्नयन एफसी से मिली हार के अलावा 2016 सीजन में खराब प्रदर्शन की बुरी यादों को अपने अपने जेहन से मिटा दिया है। गोवा को दूसरे सेमीफाइनल में चेन्नई के हाथों हार मिली लेकिन अगर वह फाइनल में बेंगलुरू से भिड़ रही होती तो यह एक ड्रीम फाइनल होता क्योंकि दोनों टीमें अपने पास अधिक से अधिक गेंद रखने के अलावा आक्रमण की शैली पर यकीन करती हैं। गोवा की टीम फाइनल में तो नहीं पहुंच सकी लेकिन उसने अपने शानदार खेल से गोवा वासियों का दिल जीत लिया और अब वे फिर से फुटबाल को ‘खाने, पीने और सोने’ लगे हैं।

इसमें कोई शक नहीं कि गोवा वासियों की जिंदगी में फुटबाल का हमेशा से अहम स्थान रहा है। इसमें भी कोई हैरानी नहीं कि 2014 में आईएसएल की शुरुआत से एफसी गोवा को समर्थकों को अपार प्यार मिलता रहा है।

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गोवा का आईएसएल का अब तक का सफर मिला-जुला रहा है। यह टीम पहले साल सेमीफाइनल में पहुंची और फिर ब्राजीलियाई दिग्गज कोच जीको की देखरेख में 2015 में फाइनल में पहुंची लेकिन चेन्नई के हाथों हार गई। साल 2016 में यह टीम लीग में सबसे नीचे रही। इस खराब प्रदर्शन के बाद जीको ने गोवा के साथ नाता तोड़ लिया।

इस साल गोवा की टीम के लिए काफी अहम था और लोबेरा ने गोवा वासियों को फिर से फुटबाल के प्रति प्यार में पड़ने को बाध्य किया। वह गोवा को पहला खिताब दिलाने में नाकाम रहे लेकिन चार साल में तीन सेमीफाइनल खेलना भी इस क्लब के लिए एक शानदार उपलब्धि है।

लोबेरा ने कहा, “जब मैं पहली बार यहां आया। मैंने लोगों को बता दिया कि मैं आक्रामक फुटबाल खेलने पर यकीन करता हूं। हमने जिस अंदाज में गोल किए, उससे हमारी शैली सफल होती दिखी।”

लोबेरा की टीम ने चौथे सीजन की समाप्ति सबसे अधिक गोलों के साथ किया। इस टीम ने 18 मैचों में 42 गोल किए। स्पेन के फेरान कोरोमिनास और मैनुएल लेंजारोते ने कुल 30 गोल किए।

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एफसी गोवा हमेशा से एक आक्रामक टीम रही है। जीको की देखरेख में भी टीम ने साल 2015 में 14 मैचों में 29 गोल किए थे। साल 2014 में गोवा सबसे अधिक गोल करने वाली टीमों की सूची में 21 गोलों के साथ दूसरे स्थान पर रहा। 2016 में यह टीम फिसड्डी रही लेकिन गोल करने के मामले में यह पांचवें स्थान पर थी।

एक बार जीको ने कहा था कि आक्रामक शैली गोवा की पहचान है। इस साल लोबेरा ने इस शैली को अलग स्तर पर पहुंचाया और यही कारण था कि यहां के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में इस टीम के मैचों के दौरान स्टेडियम बहुत बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।