The eyes of France are on the Second World Cup trophy, Croatia is desperate for the best performance
Pic credit: Getty images

मास्को , 14 जुलाई: युवाओं से भरी फ्रांस की टीम अपने स्टार किलियान एमबापे और एंटोइन ग्रिजमान के बूते कल यहां होने वाले 2018 विश्व कप फुटबाल टूर्नामेंट के फाइनल में क्रोएशिया को पराजित कर दूसरी बार यह ट्राफी हासिल करना चाहेगी।

हालांकि चार हफ्ते पहले टूर्नामेंट के शुरू होने के समय इस फाइनल की कल्पना कुछेक लोगों ने ही की होगी।

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लियोनल मेस्सी , क्रिस्टियानो रोनाल्डो और नेमार जैसे स्टार फुटबालर स्वदेश लौट चुके हैं , इसी तरह अंतरराष्ट्रीय मैचों में पारंपरिक रूप से ताकतवर टीमें जर्मनी , ब्राजील और अर्जेंटीना भी बाहर हो चुकी हैं।

फ्रांस की टीम टूर्नामेंट की दूसरी सबसे युवा टीम है , जिसमें तेज तर्रार एमबापे की मौजूदगी उसके लिये प्रेरणादायी रही। वहीं क्रोएशियाई टीम भी लुका मोदरिच से प्रेरित है जो इस समय दुनिया के सबसे बेहतरीन मिडफील्डर में शामिल हैं।

हालांकि कुछ खेल समीक्षक इस बात से निराश होंगे कि फाइनल दो ताकतवर टीमों के बीच नहीं हो रहा या इसमें कोई दक्षिण अमेरिकी टीम मौजूद नहीं है। क्योंकि ऐसा स्पेन के 2010 में नीदरलैंड को मात देकर खिताब जीतने के बाद दूसरी बार हो रहा है जब ब्राजील , जर्मनी , इटली या अर्जेंटीना जैसी धुरंधर टीमों ने फाइनल में जगह नहीं बनायी है।

लेकिन यह विश्व कप का फाइनल है और फ्रांस के पास 1998 के बाद दूसरा खिताब जीतकर अर्जेंटीना और उरूग्वे के साथ शामिल होने का मौका है।

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पिछली बार जब फ्रांस ने खिताब जीता था , तब डिडिएर डेस्चैम्प्स टीम के कप्तान थे और अब वह कोच हैं। इससे वह खिलाड़ी और मैनेजर के तौर पर खिताब हासिल करने वाले तीसरे खिलाड़ी बन सकते हैं तथा मारियो जागालो और फ्रांज बैकेनबॉर की सूची में जुड़ सकते हैं।

मिडफील्डर ब्लेसे माटुईडी ने कहा , ‘‘ विश्व कप फाइनल , यह सपने के साकार होने जैसा है। हम ट्राफी के इतने करीब हैं कि हम इसे छूना चाहते हैं। यह हमारी जिंदगी का सबसे अहम मैच है। ’’ 

वर्ष 2006 के फाइनल में उसे इटली से पेनल्टी में हार का सामना करना पड़ा था और उसकी खिताब की भूख यूरो 2016 फाइनल में मेजबान पुर्तगाल से हारने के बाद और ज्यादा बढ़ गयी है।

माटुईडी ने कहा , ‘‘ यह हमारे लिये सबक था और इसका मतलब है कि हम जानते हैं कि फाइनल खेलना क्या होता है। ’’ 

हालांकि फ्रांस की आधी टीम अब बदल गयी है लेकिन एमबापे अपने आक्रामक प्रदर्शन से स्टार बने हुए हैं। उन्होंने अंतिम 16 में अर्जेंटीना पर मिली 4-3 की जीत के दौरान मैदान पर तेज तर्रार प्रदर्शन से सभी का दिल जीता। लेकिन इसके अलावा फ्रांस ने डेस्चैम्प्स की टीम के तौर पर बेहतर खेल दिखाया जिसमें उनका जोर डिफेंस पर था।

फ्रांस ने अपने ग्रुप में आस्ट्रेलिया और पेरू को हराया जबकि डेनमार्क से गोलरहित ड्रा खेला जो टूर्नामेंट का एकमात्र गोलरहित ड्रा रहा।

इसके बाद टीम अर्जेंटीना , उरूग्वे और बेल्जियम के सामने काफी मजबूत दिखी और अब उस फाइनल में सही प्रबल दावेदार है जो 1998 के सेमीफाइनल का दोहराव होगा।

तब लिलियान थुर्राम के दो गोल की बदौलत फ्रांस ने क्रोएशिया को 2-1 से मात दी थी जो स्वतंत्र देश के तौर पर पहला विश्व कप खेल रहा था।

क्रोएशिया ने अपने सभी तीनों ग्रुप मैच जीते , उसने अर्जेंटीना को हराने के बाद डेनमार्क और रूस को पेनल्टी में पराजित किया। इसके बाद सेमीफाइनल में इंग्लैंड को सेमीफाइनल में अतिरिक्त समय में मात दी।

ज्लाटको डालिच की टीम के लिये यह सफर काफी चुनौतीपूर्ण रहा है और अब टीम एक बार फिर खुद को प्रेरित करते हुए अंतिम प्रयास में खुद को साबित करना चाहेगी।

डालिच ने स्वीकार किया , ‘‘ हमने मुश्किल सफर तय किया है। यह जिंदगी में एकमात्र मौका है। हमारे लिये सबकुछ कठिनाईयों भरा रहा है लेकिन मुझे भरोसा है कि हम प्रेरणा हासिल कर मजबूत प्रदर्शन करेंगे। ’’ 

क्रोएशियाई टीम को पूरा भरोसा है कि दुनिया भर से काफी लोग उनका समर्थन करेंगे। इवान राकितिच ने कहा , ‘‘ मुझे ऐसा लगता है कि लाखों लोग हमारे जीत की कामना करेंगे। ’’