आस्ट्रेलिया को हराने में सक्षम है भारतीय हॉकी टीम : जफर इकबाल 1

नई दिल्ली, 27 मार्च; भारतीय हॉकी टीम के पूर्व खिलाड़ी जफर इकबाल का कहना है कि भारत की पुरुष हॉकी टीम आस्ट्रेलिया की चुनौती को पार करने में सक्षम है। उन्होंने साथ ही कहा कि अगले महीने आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में हो रहे राष्ट्रमंडल खेलों में भाग ले रही देश की पुरुष और महिला हॉकी टीमें संतुलित हैं और किसी भी टीम को मात देने में सक्षम हैं।

जफर मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोनी पिक्चर्स नेटवर्क (एसपीएन) और दिल्ली खेल पत्रकार संघ (डीएसजीए) द्वारा राष्ट्रमंडल खेलों में जा रहे भारतीय दल को शुभकामनाएं देने के लिए आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने आए थे।

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जफर से पूछा गया कि भारत अधिकतर मौकों पर आस्ट्रेलियाई चुनौती को पार नहीं कर पाता है। इसका वह क्या कारण देखते हैं? इस पर उन्होंने कहा, “आस्टेलियाई टीम अच्छी है, इसमें कोई शक नहीं है। लेकिन, ऐसा नहीं है कि हम उन्हें हरा नहीं सकते। हम जो हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) कराते हैं, वो विश्व की सर्वश्रेष्ठ हॉकी लीग है और इसके माध्यम से हमारे खिलाड़ियों को उनके साथ खेलने का मौका मिलता है। उससे हमारे खिलाड़ियों में काफी आत्मविश्वास आया है।”

उन्होंने कहा, “हॉकी लीग ने काफी आत्मविश्वास दिया है। इस बार मुझे लगता है कि इस टीम में क्षमता है कि वो आस्ट्रेलिया के साथ-साथ बाकी टीमों के खिलाफ भी अच्छी चुनौती पेश करेगी। आस्ट्रेलिया अच्छी टीम है। उसने बताया है कि हॉकी कैसे खेली जाती है, लेकिन हमारी टीम भी कम नहीं है।”

जफर के मुताबिक भारत की पुरुष और महिला टीमें संतुलित हैं और राष्ट्रमंडल खेलों के लिए अच्छी तैयारी कर चुकी हैं।

उन्होंने कहा, “हमारी टीमें तैयारी कर चुकी है। दोनों टीमें काफी संतुलित टीमें हैं। हॉकी मुश्किल खेल है। इन खेलों में आस्ट्रेलिया ने पांच बार स्वर्ण पदक जीता है। न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका जैसी टीमें हैं। तो, यह खेल काफी मुश्किल हैं। 2002 में महिला टीम ने स्वर्ण पदक जीता था। इस बार टीम का संयोजन काफी अच्छा है।”

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जफर का मानना है कि उनके समय से अब का समय बदला है और आम जनता हार को भी सकारात्मक रूप में लेकर टीमों की हौसलाअफजाई करने लगी है।

बकौल जफर, “हमारे जमाने से काफी अंतर आया है। हम जब हारते थे तो हमारी आलोचनाएं होती थीं, लेकिन अब जब ऐसा होता है तो तारीफें मिलती हैं कि अच्छा खेला, वहां तक पहुंचे। हालिया दौर में मानसिकता बदली है। यह अच्छी बात है और यह जरूरी भी है।”