मॉस्को, 27 जनवरी (आईएएनएस)| रूस के भारोत्तोलन संघ (आरडब्ल्यूएफ) ने अतर्राष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) के खिलाफ खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) में दायर किया गया मुकदमा वापस लेने का फैसला किया है। समाचार एजेंसी तास के अनुसार, आईडब्ल्यूएफ ने पिछले साल रूस की सदस्यता को निलंबित करने का फैसला किया था, जिसके के खिलाफ रूस के भारोत्तोलन संघ की ओर से मुकदमा दायर किया गया। सानिया मिर्ज़ा के एक लेटेस्ट फोटो हुआ सोशल मीडिया पर वायरल लोगों ने किये भद्दे कमेंट्स
साल 2008 और 2012 में रूस के तीन भारोत्तोलक एथलीटों के डोपिंग नमूनों की फिर से जांच की गई थी, जिसके परिणाम पॉजिटिव आए थे और इस कारण आरडब्ल्यूएफ की सदस्यता निलंबित कर दी गई।
आईडब्ल्यूएफ ने 29 जुलाई, 2016 को रूस भारोत्तोलन की पूरी टीम के रियो ओलम्पिक खेलों में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। सोनी सिक्स पर होगा आरएफवायएस फुटबाल फाइनल का प्रसारण
रूसी एथलीटों के अलावा उसके भारोत्तोलन संघ की सदस्यता को भी एक साल तक निलंबित करना का फैसला लिया। इसके साथ ही बेलारूस और कजाखस्तान के संघ को भी निलंबित कर किया।
अंतराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) के कार्यकारी बोर्ड ने डोपिंग के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए पिछले साल 17 मई को एक विशेष सत्र का आयोजन किया। इसमें रियो ओलम्पिक से पहले एथलीटों को डोपिंग मामलों से सुरक्षित रखने हेतु नए उपाय भी तय किए गए। पुजारा ने दी पूरी भारतीय टीम को डिनर पार्टी, लेकिन अनुष्का कों साथ लेकर पहुँच गये भारतीय टेस्ट कप्तान
डोपिंग रोधी प्रयासों के तहत आईओसी ने 2008 और 2012 ओलम्पिक खेलों के एथलीटों के डोपिंग नमूनों की फिर से जांच के आदेश दिए।
इस प्रक्रिया में दो चरणों के तहत डोपिंग नमूनों की जांच की गई, जिसमें से 98 एथलीटों के नमूनों के परिणाम पॉजिटिव आए।