संजीवनी जाधव

भारत की लंबी दूरी की धाविका संजीवनी जाधव पर डोंपिग रोधी मामले का उल्लंधन करने के मामले में अखिल भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एआईएफएफ) की एथलेटिक्स इंटिग्रिटी इकाई (एआईयू) ने दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। तेईस साल की इस युवा खिलाड़ी ने साल 2019 में एशियन चैपिंयनशिप में 10,000 मीटर की दौड़ में कांस्य पदक जीता था । वहीं इसी चैपिंयनशिप में साल 2017 में भी कांस्य पदक जीता था।

डोंपिग

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19 जून 2018 के बाद सभी स्पर्धाओं के नतीजों को किया गया रद्द

नासिक में पैदा हुई संजीवनी को पहली बार डोंपिग टेस्ट में दोषी पाया गया है , इसलिए उन्हें कम से कम सजा देने का निर्णय लिया गया हैं। 19 जून 2018 के बाद संजीवनी द्वारा खेले गए सभी खेलों  के परिणामों को रद्द कर दिया गया हैं । जावध पर प्रतिंबध भी इसी अवधि से लगा दिया गया है।

नाडा

जिस समय संजीवनी पर यह प्रतिबंध लगाया गया था, उस समय वह बैगलुरू में टीसीएस खेल रही थी, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था। हालांकि आपकों बता दे कि संजीवनी का डोपिंग टेस्ट नाडा (नेशनल एंटी डोपिंग एंजेसी ) द्वारा एक खेल के इवेंट द्वारा लिया गया था । जिसमें वह दोषी पायी गयी हैं।

शानदार रहा संजीवनी का अबतक का सफर , जीते कई मेडल

संजीवनी ने पहली बार गोल्ड मेडल इंटर स्टेट गोवाहटी में 5000 मी. और 10000 मी. की रेस में जीता था । उसके बाद फेडरेसन ऑफ पटियाला में 10000 मी. में गोल्ड और 5000 मी. की रेस में कांस्य पदक अपने नाम किया था । वहीं दोहा में आयोजित एशियन चैपिंयन शिप में 10000 मी. की रेस में भी कांस्य पदक जीता था। इसका साथ ही उन्होंने 2018 में जाकार्ता में आयोजित हुए एशियन गेम का भी हिस्सा बनी थी । जिसमें उन्होंने कोई गोल्ड तो नहीं जीता था , लेकिन अच्छा मुकाम हासिल किया था।

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मेडल

खुद को बेकसूर बता रही हैं संजीवनी

संजीवनी ने कहा

“मुझे नहीं पता कि कैसे में नाडा द्वारा लिए गए डोंपिग टेस्ट में फेल हो गई । मैंने किसी भी प्रकार की दवाओं का सेवन नहीं किया था। मैं पूरी तरह बेकसूर  हूं । मैंने अपना खेल हमेशा पूरी ईमानदारी से खेला है। मुझे मेरी मेहनत पर पूरा भरोसा हैं, और मैं हमेशा उसी के बल पर जीतती आई हूं । मैं खुद को बेकसूर साबित करके रहूंगी।”