रियो डी जेनेरियो, 7 अगस्त (आईएएनएस)| रियो ओलम्पिक में विजयी आगाज के बाद भारतीय पुरुष हॉकी टीम अपने दूसरे मुकाबले के लिए पूरी तरह से तैयार है। पुरुष हॉकी स्पर्धा में भारतीय टीम का दूसरा मुकाबला आठ अगस्त को मौजूदा ओलम्पिक विजेता टीम जर्मनी से होगा।
इस साल एफआईएच चैम्पियंस ट्रॉफी में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम का टूर्नामेंट में जर्मनी से हुआ मुकाबला 3-3 से ड्रॉ रहा था।
पीआर श्रीजेश की कप्तानी वाली टीम हालांकि चैम्पियंस ट्रॉफी में हुए मुकाबले में तीसरे क्वार्टर तक जर्मनी से 3-1 से आगे थी, लेकिन अंतिम क्र्वाटर में हुई कुछ गलतियों के कारण यह मुकाबला ड्रॉ हो गया।
भारत का यह प्रदर्शन काफी बेहतरीन था। हालांकि, इस टूर्नामेंट में जर्मनी की टीम अपने पूरे खिलाड़ियों के साथ नहीं खेल रही थी।
भारतीय टीम के लिए यह बेहद जरूरी है कि वह जर्मनी के खिलाफ चैम्पियंस ट्रॉफी में हुए मुकाबले के चौथे क्वार्टर में की गई गलतियों को न दोहराए। रियो ओलम्पिक में सोमवार को होने वाले मुकाबले में श्रीजेश की टीम को दोगुनी तैयारियों के साथ उतरना होगा।
एथेंस में 2004 में हुए ओलम्पिक खेलों के बाद से भारतीय टीम की यह पहली अच्छी शुरुआत है। टीम के मुख्य कोच रोलेंट ओल्टमैंस ने कहा, “मैंने चैम्पियंस ट्रॉफी में जर्मनी के प्रदर्शन का अध्ययन किया था और वह काफी मजबूत टीम है, लेकिन मैं खेल में अपनी टीम के लिए कुछ अवसर भी देखता हूं और उनका इस्तेमाल करना होगा।”
रोलेंट ने शनिवार को आयरलैंड के खिलाफ मिली जीत के बाद कहा, “हमें अपने 100 प्रतिशत प्रदर्शन से भी अधिक करना होगा।”
मुख्य कोच ने इसके साथ ही टीम को शनिवार को आयरलैंड के खिलाफ हुए मुकाबले की वीडियो देखने और इसके सीखने के लिए भी कहा, ताकि जर्मनी के खिलाफ टीम की तैयारी सुनिश्चित हो सके।
जर्मनी ने रियो ओलम्पिक में शनिवार को अपने पहले मुकाबले में कनाडा को 6-2 से मात दी थी। रोलेंट ने कहा कि वह इस बात से काफी खुश हैं कि खिलाड़ियों ने उनकी योजना को अपने खेल में लागू किया। हालांकि, उनका कहना है कि मौजूदा ओलम्पिक विजेता के खिलाफ मुकाबला काफी अलग होगा और इसके लिए एक अलग योजना होगी।
हाल ही में छह देशों के टूर्नामेंट में भारतीय टीम की योजना जर्मनी के खिलाफ सफल नहीं हुई थी, जिसमें टीम को प्रतिद्वंद्वी टीम जर्मनी के खिलाफ 0-4 से हार का सामना करना पड़ा था।
भारत को 1996 अटलांटा ओलम्पिक खेलों में जर्मनी के खिलाफ जीत मिली थी। इसमें टीम के खिलाफ हुए पहले मुकाबले में भारत ने 0-3 से जीत दर्ज की थी।
सिडनी और एथेंस में हुए ओलम्पिक खेलों में भारत को जर्मनी के खिलाफ मुकाबले का अवसर नहीं मिला, क्योंकि दोनों टीमें अलग-अलग समूह में थी। वहीं, 2012 लंदन ओलम्पिक में जर्मनी ने भारत को 5-2 से मात दी थी।
जर्मनी के खिलाफ एक और ऐतिहासिक जीत करने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर आश्वस्त कप्तान श्रीजेश ने कहा, “भले ही हमें आयरलैंड के खिलाफ कम अंतर से जीत मिली हो, लेकिन टीम काफी प्रेरित है। हमने रियो ओलम्पिक में अपना विजयी आगाज किया है और तीन अंक हासिल किए हैं। हम अब उत्साहित हैं और जर्मनी के जैसी बड़ी टीमों के खिलाफ हुए मुकाबलों का हमेशा से आनंद लेते रहे हैं। मैं आश्वस्त हूं कि हम मौजूदा ओलम्पिक विजेता को कड़ी टक्कर देंगे।”
जर्मनी की टीम में ऐसे भी खिलाड़ी शामिल हैं, जो पांच बार ओलम्पिक स्वर्ण पदक हासिल कर चुके हैं। इसमें मिडफील्डर से डिफेंडर बने मोर्टिज फुस्र्ते उन खिलाड़ियों में से एक हैं। इसके अलावा 22 वर्षीय क्रिस्टोफर रुहर और स्ट्राइकर फ्लोरियान फुचिस भी शामिल हैं, जो वर्तमान में विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर हैं।
जर्मनी के खिलाफ मुकाबला भारत के लिए काफी मुश्किल साबित हो सकता है, लेकिन श्रीजेश की कप्तानी वाली टीम इसके लिए पूरी तरह से तैयार है।