तमिलनाडु के सलामी बल्लेबाज अभिनव मुकुंद ने बड़ौदा के खिलाफ मंगलवार को रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान अपने 10 हजार रन पूरे किए. 30 वर्षीय मुकुंद ने यह मुकाम अपने 144वें मैच में हासिल किया, उनके इस मुकाबले से पहले 9966 रन थे और उन्होंने आज जैसे ही 34 रन बनाए वह रणजी में 10000 रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए. तमिलनाडु की ओर से खेलते हुए मुकुंद ने 242 गेंदों पर 206 रन रनों की शानदार पारी खेली.
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 300 है. मुकुंद ने वर्ष 2007 में रणजी में पदार्पण किया था. उन्होंने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था. मुकुंद भारत के लिए अब तक 7 टेस्ट मैच खेल चुके हैं. दोहरा शतक जड़ने के बाद मुकुंद ने ईएसपीएन के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि 10 हजार रन एक रात में नहीं बनते हैं.
10 हजार रन बनाने के बाद कैसा अनुभव हो रहा है ?
ईएसपीएन से खास बातचीत में अभिनव मुकुंद ने बताया कि, “100 रणजी मैच खेलना और फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 10 हजार रन बनाना सुखद है. ये काम एक रात में नहीं होता.”
बता दें कि अभिनव मुकुंद तीन साल से टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं. उन्होंने भारत के लिए अपना पिछला मैच 2017 में गाले में श्रीलंका के खिलाफ खेला था. मुकुंद ने कहा, मेरे करियर का 13वां साल चल रहा है, तो मैं कह सकता हूं कि मैंने इसका लुत्फ उठाया है. मुझे जो मिला मैं उसके लिए शुक्रगुजार हूं.”
एक ही सत्र में कैसे लगाया था शतक?
रेलवे के खिलाफ अभिनव मुकुंद ने एक ही सत्र में शतक लगाया दिया था. इस बारे में उन्होंने कहा, ‘मैं ऐसा सोचकर नहीं गया था. बल्कि हम टॉस हार गए थे. आमतौर पर आम पहले ही दिन लंच के बाद बल्लेबाजी के लिए तैयार नहीं होते. लेकिन मैंने शुरुआत में जाकर ही कुछ बाउंड्री लगाई, जिसके बाद सब कुछ सही होता चला गया. वो बल्लेबाजी के लिए मुश्किल विकेट था. स्पिनरों के लिए भी पिच से काफी मदद थी, लेकिन मैं उन्हें सहज नहीं होने देना चाहता था.”
सबसे पसंदीदा पारी कौन सी थी?
अपने पसंदीदा पारी के बारे में बताते हुए अभिनव मुकुंद ने कहा कि “2011 में जब हम हरियाणा के खिलाफ घर में खेले थे. तब मैंने दोहरा शतक लगाया था और पहले नंबर से लेकर 11वें नंबर के बल्लेबाज के साथ बल्लेबाजी की थी.”
सबसे मुश्किल गेंदबाज जिसके खिलाफ बल्लेबाजी करने में आई परेशानी?
मुकुंद ने सबसे मुश्किल गेंदबाज पर बात करते हुए कहा, “जहां तक सबसे मुश्किल गेंदबाजों की बात है तो भुवनेश्वर कुमार, पंकज सिंह, विनय कुमार का सामना करना चुनौतीपूर्ण होता है. मैंने इन तीनों गेंदबाजों की टीमों के खिलाफ शतक बनाए हैं, लेकिन इनके खिलाफ मैं असफल भी हुआ हूं.”