चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच हुए जयपुर में मुकाबले में बेन स्टोक्स के आखिरी ओवर मेें एक नाॅ बाॅल को लेकर विवाद देखने को मिला था, जिसमें चेनन्ई के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी डग आउट से पिच पर पहुंचे गए थे. और अंपायर के साथ बहस की थी. एसा पहली बार हुआ था जब धोनी अंपायर के फैसले से नाखुश होकर मैदान तक में आ गए थे.
बता दें कि इस मैच में चैन्नई सुपरकिंग्स लक्ष्य का पीछा कर रही थी, यह आखिरी ओवर था. जिसकी चौथी गेंद का सामना सैंटनर ने किया. यह गेंद सैंटनर की कमर के काफी ऊपर थी. ऐसे में इसे नॉ बॉल दिया जाना चाहिए था. अंपायर के नो बाॅलन न देने पर कप्तान धोनी पिच पर पहुंच गए थे. और वहां पर अंपायर के साथ बहस की थी, जिसके बाद उनके ऊपर मैच की फीस का 50 फीसदी जुर्माना भी लगाया गया था.
अंपायर ने किया धोनी का बचावः
जब ये नॉ बॉल को लेकर विवाद हुआ तब लेग अंपायर ब्रूस ऑक्सनफ़ोर्ड थे. आईएएनएस से बातचीत में एक शख्स ने बताया कि ऑक्सनफ़ोर्ड के बयान के बाद मैच रेफरी ने मैच फीस का जुर्माना तय किया. सूत्रों के मुताबिक
“मैच के बाद सभी पक्षों को मैच रेफरी के कमरे में बुलाया गया था. इस दौरान ऑक्सनफ़ोर्ड ने साफ़ किया कि वह चेन्नई के कप्तान धोनी के मैदान पर आने और नो बॉल के बारे में चर्चा करने को लेकर बुरा महसूस नहीं कर रहे हैं.”
50 प्रतिशत जुर्माना ः
धोनी पर उनकी मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है. अगर अंपायर धोनी का बचाव न करते तो ये जुर्माना काफी बड़ा भी हो सकता था.
पूर्व खिलाड़ियों द्वारा आलोचना का शिकार हुए धोनीः
धोनी द्वारा मैदान पर जाकर अंपायर से बहस करने की पूर्व खिलाड़ियों ने आलोचना की है. माइकल वाँन ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि ”ये खेल के लिए सही नहीं है. किसी भी कप्तान को ये हक़ नहीं है कि डगआउट से पिच पर जाकर भड़के.”
चेन्नई सुपरकिंग्स ने इस मैच को जीत लिया था, जिसके बाद वह अंकतालिका में शीर्ष पर काबिज हो गई थी.
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