भारतीय क्रिकेट टीम ने हालिया समय में तो अपार सफलता हासिल की है और हर विरोधी टीम को जोरदार पटखनी दी है। भारतीय टीम के लिए अपने घरेलु सीजन में तो विरोधी टीम को पटखनी देना आसान था, लेकिन अब भारतीय टीम विराट कोहली की कप्तानी में दक्षिण अफ्रीका के बड़े दौरे के लिए जा रही है। भारतीय टीम के साथ ही विराट कोहली के लिए भी ये दौरा बहुत ही सबसे बड़ी परीक्षा माना जा रहा है।
विराट कोहली दक्षिण अफ्रीका में दिलाएंगे सफलता!
विराट कोहली भारतीय टीम के लिए अब तो जबरदस्त सफलता दिलाते आए हैं लेकिन कहीं ना कहीं विराट कोहली को दक्षिण अफ्रीका की जमीं पर इस सफलता को कामय रखने की चुनौती है। दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर भारतीय टीम को वार्मअप मैच के साथ ही 3 टेस्ट, 6 वनडे और तीन टी-20 मैच खेलने हैं।
भारत ने अजहर की कप्तानी में 1992 में किया था पहला दौरा
वैसे भारतीय टीम के दक्षिण अफ्रीका के दौरे के इतिहास पर नजर डाली जाए तो कभी भी आसान नहीं रहे हैं। भारतीय टीम साल 1992 से 2018 के इस दौरे के साथ ही दक्षिण अफ्रीकी जमीं पर सातवीं बार जा रही है। इस दौरान भारतीय टीम के साथ कई कप्तान गए और आए लेकिन किसी को भी खास सफलता नहीं मिली।
अजहर की कप्तानी में भारत ने गंवाई टेस्ट और वनडे सीरीज
बात करते हैं सबसे पहले भारतीय टीम के दक्षिण अफ्रीका दौरे कि तो साल 1992 में भारत मोहम्मद अजहरूद्दीन की कप्तानी में वहां गया। इस दौरे पर भारत ने चार टेस्ट और सात वनडे की सीरीज खेली थी। भारतीय टीम को मोहम्मद अजहरूद्दीन की टीम ज्यादा सफलता नहीं दिया सकी और भारत को चार मैचों की टेस्ट सीरीज में 0-1 से हार का सामना करना पड़ा तो वनडे सीरीज में भी 2-5 से मात खायी।
पहले दो टेस्ट मैच कराए ड्रा
टेस्ट सीरीज की बात करे तो भारतीय टीम की कप्तानी इस दौरे पर मोहम्मद अजहरूद्दीन के हाथ में थी तो वहीं दक्षिण अफ्रीका की बागडौर केप्लर वेसल्स के हाथ में थी। भारतीय टीम ने पहले दो टेस्ट मैच जो डरबन और जोहान्सबर्ग में खेले गए उसमें शानदार प्रदर्शन किया और दोनों ही टेस्ट मैच ड्रॉ करवा दिए। और बड़ी चुनौती के साथ लड़ाई करने की काबिलियत को दिखाया।
तीसरा टेस्ट मैच हारने के साथ ही गंवायी 0-1 से सीरीज
तीसरा टेस्ट मैच पोर्ट एलिजाबेथ में खेला गया। भारतीय टीम ने इस मैच में कपिल देव के सातवें नंबर पर बनाए गए 129 रनों के लिए याद किया जाएगा। लेकिन भारतीय टीम को इस टेस्ट मैच में 9 विकेट से हार का सामना करना पड़ा और सीरीज में 0-1 से पीछे हो ही गए। भारत के लिए प्रवीण आमरे ने डरबन में अपने पहले ही मैच में शतक लगाया, तो वहीं अनिल कुंबले ने बाउंसी पिच पर 18 विकेट निकाले। ये दोनों चीजें इस टेस्ट सीरीज में भारत के लिए सही रही।
वनडे सीरीज में भी भारतीय टीम हुई नतमस्तक, हुई 2-5 से हार
टेस्स सीरीज के बाद दोनों ही टीमों के बीच 7 मैचों की वनडे सीरीज का आगाज हुआ। वनडे सीरीज में दक्षिण अफ्रीका ने भारतीय टीम तो पूरी तरह से दबोच दिया। भारत ने जहां इस वनडे सीरीज में केवल दो बार ही 200 रनों की आंकड़ा छुआ। पहले दो मैचों को हारने के बाद भारत ने तीसरा मैच तो जीता लेकिन अगले चार मैचों में एक ही मैच भारत जीत सका और सीरीज को बुरी तरह से हार गया।