आईपीएल में शतक लगा चूके इस भारतीय खिलाड़ी ने व्यक्त की नम आँखों से अपनी भावुक कहानी 1

पॉल वाल्थाटी उन प्रतिभाओं में एक है, जिन्होंने आईपीएल के माध्यम से प्रसिद्धी हासिल की. वाल्थाटी वर्ष 2011 आईपीएल सीजन के दौरान किंग्स XI पंजाब की ओर से खेलते हुए चेन्नई सुपर किंग्स के विरुद्ध नाबाद 120 रनों की पारी खेलकर सुर्ख़ियो में आये थे.

होनहार बल्लेबाज़ वाल्थाटी ने वर्ष 2002 से 2011 के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन प्रसिद्धी हासिल करने में नाकाम रहे. वर्ष 2002 में हुए अंडर-19 विश्वकप के दौरान वाल्थाटी ने  पार्थिव पटेल और इरफ़ान पठान के साथ भारत अंडर-19 टीम का प्रतिनिधित्व किया. इस टूर्नामेंट में बांग्लादेश के विरुद्ध खेले गए मैच के दौरान वाल्थाटी की आँखों चोट लगी, जिसके कारण उन्हें लम्बे समय तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ा.  हरभजन सिंह और अभिषेक बच्चन ने उड़ाया स्टार फुटबॉलर पॉल पोगबा का मज़ाक

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4 वर्षो बाद वाल्थाटी को एक और मौका मिला, इस दौरान उन्होंने वनडे मैच में मुंबई की ओर खेलते हुए बरौडा के विरुद्ध पदार्पण किया. इस मैच में वाल्थाटी ने नंबर 6 पर बल्लेबाज़ी करते हुए 31 गेंदों पर 16 रनों की पारी खेली और जिसके बाद उन्हें लम्बे समय तक मुंबई के लिए दोबारा खेलने का मौका नहीं मिल पाया.

विसडन इंडिया से बातचीत के दौरान वाल्थाटी ने कहा, “यह बहुत कठिन समय था. जब आप नहीं जानते है, कि आप फिर खेलेगे या नहीं, यह सबसे कठिन समय में से एक हैं. जब आप इस तरह के संदेह में होते हैं, तब आप मुश्किल से सो पाते हैं. अगर क्रिकेट में मेरी दिलचस्पी नहीं होती तो मैं शायद तब (खेलना) बंद कर दिया होता, लेकिन एक बार जब मैंने लय हासिल किया और खेलने के लिए वापस आ गया तो मुझे एहसास हुआ, कि मैं फिर से इसमें अच्छा कर सकता हूँ.”

वर्ष 2008 में आईपीएल आया और राजस्थान रॉयल्स फ्रंचाईजी ने वाल्थाटी के साथ बड़ा क़रार किया, लेकिन शरुआती 2 वर्षो में वाल्थाटी को केवल 2 मैच खेलने को मिल सके, जबकि वर्ष 2010 में वाल्थाटी को एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला. इसके बाद कुछ बड़े खिलाड़ियों की सिफ़ारिशो के बाद वाल्थाटी को ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज़ एडम गिलक्रिस्ट के साथ पारी की शुरुआत करने का मौका मिला, इसके बाद ही वाल्थाटी ने नाबाद 120 रनों की पारी खेली और वह रातो रात स्टार बन गए.  दिल्ली के खिलाफ इस आईपीएल की सबसे बड़ी जीत दर्ज करने के बाद पंजाब के कप्तान ग्लेन मैक्सवेल ने विरोधी टीमों को दे दी कड़ी चुनौती

इस सीजन को याद करते हुए वाल्थाटी ने कहा, “मैं जानता था, कि सीजन में मैं अच्छा करूँगा, लेकिन मैंने सपने में भी नहीं सोचा था, कि मैं शतक बनाऊगा. शतक बनाने के बाद उस रात मैंने ऑरेंज कैप जीता, परन्तु कैप में ज्यादा दिन कायम नहीं रख पाया और इसके बाद मैंने महसूस किया, कि मैंने क्या गलत किया था.”

मुंबई की ओर से अपने करियर की शुरुआत करने वाले वाल्थाटी आईपीएल में सफ़लता हासिल करने के बाद हिमाचल प्रदेश टीम से खेलने लगे, जिसके बाद 5 रणजी मैचो में वह 120 रन भी  नहीं बना पायें. जिसके बाद उनका प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर शुरू होते ही खत्म हो गया. इसके बाद ख़राब प्रदर्शन के लिए वाल्थाटी ने कलाई को चोट को ज़िम्मेदार ठहराया जोकि उन्हें आईपीएल के दौरान लगी थी.

“मुझे आईपीएल के दौरान कलाई में चोट लगी थी. मैं टीम का महत्वपूर्ण बल्लेबाज़ था, इस कारण मैं बाहर नहीं बैठना चाहता था, जिस कारण चोट के बावजूद भी आईपीएल मैच खेला. आईपीएल के बाद मैंने सर्जरी कराई, लेकिन हिमाचल के लिए रणजी में अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहा.”  पंजाब की दमदार जीत के बाद संदीप शर्मा नहीं बल्कि इस भारतीय खिलाड़ी को लोगों ने दिया जीत का श्रेय

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वाल्थाटी ने आगे कहा,  “मैं उस समय युवा और भोला था, यदि मैं चालाक होता तो मैं आराम कर सकता था और चोट को बढ़ने नहीं देता. जिसके बाद मैं रणजी ट्राफी बेहतर से खेल सकता था और इससे शायद मेरे  पेशेवर खिलाड़ी बनाने की संभाबनाओ में सुधार होता.”

वाल्थाटी वर्ष 2011 सीजन को सफ़लता को 2012 में दोहराने में नाकाम रहे और 6 मैचो में केवल 30 रन बना पायें, जिसके बाद उन्हें प्लेयिंग XI से बाहर कर दिया गया. वर्ष 2013 में वाल्थाटी को केवल एक मैच खेलने का मौका मिला, जिसमे वह महज 6 रन बनाकर आउट हुए. इस मैच के बाद दोबारा प्रोफेशनल क्रिकेट नहीं खेल पायें.

Gautam

I am Gautam Kumar a Cricket Adict, Always Willing to Write Cricket Article. Virat and Rohit are My Favourite Indian Player.