रूस की मुक्केबाजी टीम रियो ओलम्पिक में लेगी हिस्सा : एआईबीए 1

मास्को, 4 अगस्त (आईएएनएस)| अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) की समीक्षा समिति ने रूस की मुक्केबाजी टीम को रियो ओलम्पिक-2016 में हिस्सा लेने की मंजूरी दे दी है। अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) ने गुरुवार को इस बात की घोषणा की।

एआईबीए ने एक बयान में कहा,

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“आईओसी के कार्यकारी बोर्ड द्वारा 24 जुलाई को दिए गए फैसले के बाद एआईबीए ने रियो ओलम्पिक-2016 के लिए क्वालीफाई करने वाले रूस के 11 मुक्केबाजों का डोपिंग विश्लेषण किया और आईओसी कार्यकारी बोर्ड के फैसले में बताए गए पैमानों को आधार मानते हुए खिलाड़ियों की योग्यता पर अपनी सिफारिशें आईओसी को सौंपी।”

बयान में कहा गया है,

“यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और आईओसी की समीक्षा समिति से पुष्टि हो चुकी है।”

रियो ओलम्पिक में हिस्सा लेने वाले रूस के मुक्केबाजों में वासिली येगोरोव (49 क्रिलोग्राम भारवर्ग), मिशा एलोइआन (52 किलोग्राम भारवर्ग), व्लादिमिर निकितिन (56 किलोग्राम भारवर्ग), एडलान अब्दुराशिदोव (60 किलोग्राम भारवर्ग), विताली दुनायेत्सेव (64 किलोग्राम भारवर्ग), आंद्रे जामकोवोय (69 किलोग्राम भारवर्ग), अर्टेम चेबोतारेव (75 किलोग्राम भारवर्ग) पेत्रा खामुकोव (81 किलोग्राम भारवर्ग), और एवगेनी तिश्चेंको (91 किलोग्राम भारवर्ग) शामिल हैं।

वहीं, रूस की महिला मुक्केबाजी टीम में अनस्तासिया बेलिआकोवा (60 किलोग्राम भारवर्ग) और इरोस्लावा इकुशिना (75 किलोग्राम भारवर्ग) शामिल हैं।

कनाडा के प्रोफेसर रिचर्ड मैक्लारेन की अध्यक्षता वाली वाडा की स्वतंत्र समिति ने सोच्ची में हुए शीतकालीन ओलम्पिक खेलों पर पेश की गई अपनी रिपोर्ट में रूस के खिलाड़ियों और अधिकारियों द्वारा डोपिंग के नियमों के उल्लंघन की बात कही थी।

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समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि रूस के खेल मंत्रालय, रूस की राष्ट्रीय टीमों के अभ्यास केंद्र और संघीय सुरक्षा सेवाओं ने भी खेलों में डोपिंग कार्यक्रम का समर्थन किया था।

रिपोर्ट में कहा गया था कि 2011 से 2015 के बीच 30 खेलों से जुड़े रूसी खिलाड़ियों की डोपिंग जांच में कुल 643 मामले सही पाए गए।

इसके बाद वाडा ने अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी), अंतर्राष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति (आईपीसी) और सभी अंतर्राष्ट्रीय महासंघों से रूस के खिलाड़ियों पर रियो ओलम्पिक-2016 सहित सभी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी।