हारे तो भी क्या हुआ फिर भी एथलेटिक्स के ऑल टाइम टॉप-5 में है यह एथलीट 1

कैरियर में अंतिम बार 100 मीटर दौड़ में जमैका के उसेन बोल्ट ने ट्रैक पर जब कदम रखा तो शायद ही किसी को उनके जीतने में शक रहा होगा। आखिर उनका रिकॉर्ड ही ऐसा था कि कोई भी उनकी हार के बारे में सोच ही नहीं सकता था, लेकिन लंदन में चल रही विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उनके सबसे बड़े विपक्षी अमरीका के जस्टिन गाटलिन ने उन्हें सबसे अहम रेस में पछाड़ दिया। मिताली राज नहीं बल्कि मात्र 32 मैच खेलने वाली स्मृति मन्धाना ने दिया भारतीय कप्तान विराट कोहली को इस मामले में मात

बोल्ट ने फिर भी तीसरे स्थान पर आकर कांस्य पदक जीता, लेकिन जिस एथलीट के खाते में 19 गोल्ड मेडल दर्ज हों, उसके लिए ब्रांज मेडल के साथ अलविदा कहना किसी हार से कम नहीं है। इसके बावजूद उनकी महानता कम नहीं होती। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच होने वाले टेस्ट सीरीज के लिए दोनों टीमो ने बदला अपना कप्तान

ब्रैडमैन के 0 से होगी हमेशा तुलना

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भले ही क्रिकेट के सर डॉन ब्रैडमैन की आखिरी पारी के 0 की तरह बोल्ट की ये दौड़ हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज होकर याद की जाती रहे, लेकिन इस रेस के साथ 30 साल की उम्र में 100 मीटर दौड़ के ट्रैक से हमेशा के लिए अलविदा कह रहे बोल्ट की महानता कम नहीं होने जा रही है। मात्र 30 गेंदों में 95 रन की तूफानी पारी खेल एलेक्स हेल्स ने उड़ाया विरोधी टीम की नींद, टूटने से बचा डिविलियर्स का विश्व रिकॉर्ड

आंकड़ों की नजर में देखा जाए तो जमैका को ये महान एथलीट खेल इतिहास के सबसे महान धावकों में पहले नंबर ही दिखाई देता रहेगा। कारण है उसका जबरदस्त करियर रिकॉर्ड। आइए आपको बताते हैं एथलेटिक्स इतिहास के 5 महान धावकों के बारे में, जिससे आपको पता चलेगा कि आखिर सर्वकालिक महान क्यूं हैं बोल्ट।

1) कभी जीत पाएगा कोई उसेन बोल्ट जितने पदक व रिकॉर्ड

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22 ओलंपिक व विश्व चैंपियनशिप पदक जीते हैं उसेन बोल्ट ने। बोल्ट के करियर में उन्होंने तीन लगातार ओलंपिक में 100 मीटर, 200 मीटर और 4 गुणा 100 मीटर दौड़ के कुल 9 ओलंपिक गोल्ड मेडल अपने खाते में दर्ज किए। हालांकि बाद में बीजिंग ओलंपिक-2008 की रिले दौड़ का मेडल उनके एक साथी के डोप में फेल होने से वापस ले लिया गया, लेकिन शायद ही तब भी कोई एथलीट उनके 8 गोल्ड मेडल के रिकॉर्ड को तोड़ पाएगा। इसके अलावा उन्होंने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 11 गोल्ड मेडल, 2 सिल्वर मेडल और अब 1 ब्रांज मेडल भी जीता है।

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100 मीटर दौड़ में बोल्ट पहले और इकलौते स्प्रिंटर हैं, जो 9.60 सेकंड से नीचे समय लाने में सफल रहा। उन्होंने बर्लिन विश्व चैंपियनशिप-2009 में 9.58 सेकंड का विश्व रिकॉर्ड बनाया था, जो आज भी कायम है। बर्लिन में ही उन्होंने अपनी पसंदीदा 200 मीटर दौड़ भी 19.19 सेकंड में पूरी कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था, जो आज तक नहीं टूटा है। 4 गुणा 100 मीटर रिले दौड़ का उनका व उनके साथियों का लंदन ओलंपिक-2012 में बनाया 36.84 सेकंड का विश्व रिकॉर्ड भी तोडऩा मुश्किल दिखाई देता है। क्रिकेट के जन्मदाता इंग्लैंड के 127 साल का पुराना रिकॉर्ड तोड़ने से सिर्फ 1 कदम दूर है विराट कोहली


2) ‘ब्लैक घोस्ट’ कार्ल लुइस की महानता पर शक किसे

अमेरिका के कार्ल लुइस ने 6 ओलंपिक गोल्ड और 6 विश्व चैंपियनशिप गोल्ड जीते थे। ये सिर्फ उनके ट्रैक रेस के गोल्ड हैं, जिसमें उनके लंबी कूद में जीते पदकों को शामिल नहीं किया गया है। कार्ल लुइस ने टोक्यो में 1991 में 100 मीटर दौड़ सिर्फ 9.86 सेकंड में दौड़कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था।

3) माइकल जॉनसन ने कर रखी थी 200 व 400 मीटर की रजिस्ट्री

अमेरिका के माइकल जॉनसन 200 व 400 मीटर दौड़ में ठीक वैसे ही थे, जिस तरह अपने समय में उसेन बोल्ट दबदबा बनाकर रहे। जॉनसन ने 4 ओलंपिक गोल्ड और 8 विश्व चैंपियनशिप गोल्ड मेडल अपने नाम किए। शुरुआती दौर में 100 मीटर में भी भाग्य आजमाकर जॉनसन 10.09 सेकंड तक ही बेस्ट कर पाए।

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लेकिन 200 मीटर में उन्होंने अटलांटा ओलंपिक-1996 में 19.32 सेकंड का उस समय का विश्व रिकॉर्ड बनाया, जो आज भी तीसरा बेस्ट टाइम है इस दौड़ का। 400 मीटर दौड़ में तो जॉनसन का सेविला चैंपियनशिप में 199 में बनाया 43.18 सेकंड का विश्व रिकॉर्ड आज तक नहीं तोड़ पाया है कोई एथलीट।

4) महान जेसी ओवेन्स ने झुकाई थी हिटलर की गर्दन

जेसी ओवेन्स को उनके ट्रैक पर जीते 3 ओलंपिक गोल्ड व एक लंबी कूद गोल्ड के साथ एक ओलंपिक में 4 गोल्ड जीतने वाला ट्रैक एंड फील्ड के सिर्फ दो में से एक एथलीट होने के लिए याद नहीं किया जाता। ना ही उनकी लंबी कूद का 8 मीटर से ऊपर का 24 साल तक रहा रिकॉर्ड ही सबसे ज्यादा याद रहता है।

याद रहती है जर्मनी के तानाशाह रूडोल्फ हिटलर की वो झुकी हुई गर्दन, जो इस अश्वेत एफ्रो-अमेरिकन के सम्मान में सलाम करने के लिए उसे झुकानी पड़ी थी। ओवेन्स ने बर्लिन ओलंपिक-1936 में हिटलर के सामने 4 गोल्ड मेडल जीतकर उसकी गोरे लोगों के सर्वश्रेष्ठ होने की थ्योरी को खारिज कर दिया था।

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5) मॉरिस ग्रीन भी छाए रहे अपने समय में

भले ही मॉरिस ग्रीन का नाम कुछ लोगों को हैरानी भरा लगे, लेकिन 2 ओलंपिक गोल्ड और 5 विश्व चैंपियनशिप गोल्ड जीतने वाले इस एथलीट को नकारा नहीं जा सकता है। ग्रीन ने 100 मीटर दौड़ में एथेंस चैंपियनशिप-1999 में 9.79 सेकंड का बेहतरीन समय निकाला था, जबकि स्टॉकहोम चैंपियनशिप-1997 में उन्होंने 200 मीटर दौड़ 19.86 सेकंड में पूरी की थी।

RAJU JANGID

क्रिकेट का दीवाना हूँ तो इस पर लिखना तो बनता है।