राष्ट्रीय महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में सरजू को स्वर्ण 1

हरिद्वार, 24 नवंबर (आईएएनएस) पहली इलीट महिला मुक्केबाजी राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में गुरुवार को मणिपुर की सरजू ने 48 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। मुक्केबाजी के लिए मशहूर हरियाणा ने अपना जलवा कायम रखा और 10 फाइनल मुकाबलों में से पांच में स्वर्ण पदक हासिल किए।

नवगठित भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के झंड़े तले आयोजित इस चैम्पियनशिप में हालांकि अर्जुन अवार्ड हासिल कर चुकीं और विश्व चैम्पियनशिप में भारत को कांस्य पदक दिलाने वाली हरियाणा की कविता चहल उलटफेर का शिकार हो गईं।

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कविता को 82 किलोग्राम भारवर्ग में 2015 एशियाई चैम्पियनशिप में कांस्य जीतने वाली रेलवे की सीमा पूनिया ने 4-1 से मात देते हुए स्वर्ण हासिल किया।

यूथ चैम्पियनशिप में कांस्य पदकधारी पंजाब की सिमरनजीत कौर ने 64 किलोग्राम भारवर्ग में अपनी हरियाणा की विपक्षी ज्योति को चौथे एवं अंतिम राउंड में तकनीकी आधार पर नॉकआउट करते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया। सिमरनजीत को इस चैम्पियनशिप की सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज की खिताब दिया गया।

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वहीं निखत जरीन को हराने वाली हरियाणा की नीरजा ने भी 51 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में जीत के सिलसिले को बरकारर रखते हुए सोने का तमगा हासिल किया।

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इस चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली खिलाड़ियों को 20,000 रुपए, रजत पदक जीतने वाली खिलाड़ियों को 12,000 रुपये और कांस्य पदक जीतने वाली खिलाड़ियों को सात हजार रुपये का नगद पुरस्कार दिया गया।

विश्व चैम्पिनशिप में भारत को रजत पदक दिलाने वाली सरजू को इस चैम्पियनशिप में कड़ा संघर्ष करना पड़ा। उनका हर मुकाबला काफी कड़ा रहा। फाइनल में भी उनकी प्रतिद्वंदी उत्तराखंड की कृष्णा थापा ने उन्हें अच्छी टक्कर दी लेकिन सरजू उनसे थोड़ी बेहतर रहीं।

यहीं बात पांचों जजों ने मानी और सरजू को 5-0 से विजेता घोषित किया। सरजू इससे पहले 2011 में भी कृष्णा को फाइनल में हरा चुकी हैं। सरजू का यह चौथा राष्ट्रीय चैम्पियनशिप खिताब है। कृष्णा को इस चैम्पिनशिप सर्वश्रेष्ठ चैलेंजर का खिताब दिया गया।

स्वर्ण जीतने के बाद सरजू ने आईएएनएस से कहा,

“मैंने उन्हें 2011 में भी हराया था। मैंने इसके लिए अच्छी तैयारी की थी। मैच स पहले मैंने उनके वीडियो देखे थे और उसी के हिसाब से अपनी रणनीति बनाई थी।”

वहीं निरजा ने फाइनल में अपना आक्रामक खेल जारी रखा और फाइनल में रेलवे की मीनाक्षी को 5-0 से मात देते हुए जीत हासिल की।

फाइनल में सबसे बड़ा उलटफेर करने वाली सीमा ने अपनी प्रतिद्वंदी को अच्छी टक्कर दी और सीधे पंचों के साथ हुक और अपरकट का अच्छा इस्तेमाल करते हुए कविता जैसी मजबूत खिलाड़ी को मात देते हुए अपना पहला राष्ट्रीय चैम्पियनशिप खिताब हासिल किया।

2014 में विश्व चैम्पिनशिप में भारत को पदक दिलाने वाली हरियाणा की सवीती ने ऑल इंडिया पुलिस की निर्मला को 5-0 से मात देते हुए जीत हासिल की।

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हरियाणा की शिक्षा ने 54 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में उत्तरप्रदेश की सोनिया को जीत के सपने को तोड़ दिया। शिक्षा ने सोनिया को 5-0 से मात दी।

हरियाणा की ही सोनिया ने एक और रोचक मुकाबले में उत्तराखंड की कमला बिष्ट को 5-0 से मात देते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

एशियन चैम्पियनशिप में कांस्य जीतने वाली रेलवे की प्रियंका चौधरी ने 60 किलोग्राम भारवर्ग में हरियाणा की मोनिका को स्वर्ण जीतने से वंचित रखा। अभी तक शानदार प्रदर्शन करती आ रही मोनिका, प्रियंका के अनुभव के आगे हार गई और प्रियंका ने उन पर 4-1 से जीत दर्ज की।

हरियाणा की एक और मुक्केबाज पूजा ने फाइनल में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश की शशीकला को 5-0 से मात देते हुए स्वर्ण पहना। वहीं ऑल इंडिया पुलिस की कविता ने 75 किलोग्राम भारवर्ग में अरुणाचल प्रदेश की रूमी गोगोई को 4-1 से मात दी।

सेमीफाइनल में हारने वाले खिलाड़ियों के हिस्से कांस्य पदक आया ।