Asia Cup 2025: भारतीय सरजमीं पर अगले महीने होने वाले एशिया कप हॉकी 2025 से पहले एक बड़ी खबर सामने आयी है। बता दे टूर्नामेंट से ठीक पहले पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर इस प्रतियोगिता से अपना नाम वापस ले लिया है, जिससे न सिर्फ टूर्नामेंट की चमक फीकी पड़ी है बल्कि खेल प्रेमियों के उत्साह को भी गहरा धक्का लगा है।
पाकिस्तान हॉकी महासंघ यानी PHF ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ यानी FIH और एशियन हॉकी फेडरेशन यानी AHF को पत्र लिखकर जानकारी दी है कि वह सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए भारत में आयोजित होने वाले इस बड़े टूर्नामेंट में अपनी टीम नहीं भेजेगा।
सुरक्षा का बहाना या राजनीति का खेल
दरअसल, पाकिस्तानी हॉकी महासंघ के अध्यक्ष तारीक बुगती ने बयान जारी करते हुए कहा कि मौजूदा हालात में इंडिया जाकर खेलना उनकी टीम के लिए “जोखिम भरा” हो सकता है। उनका कहना है कि खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर आशंकाएं हैं और ऐसे में वे नहीं चाहते कि टीम किसी खतरे में पड़े। साथ ही उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, “हमने FIH और AHF को सूचित कर दिया है कि मौजूदा हालात में इंडिया जाकर खेलना हमारे लिए संभव नहीं है। हमने उनसे पूछा है कि क्या गारंटी है कि हमारे खिलाड़ी भारत में पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे और बिना डर के प्रदर्शन कर पाएंगे।”
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भारत की छवि पर सवाल उठाना हास्यास्पद
बता दे तारीक बुगती का यह तर्क न केवल खेल की भावना के खिलाफ है बल्कि यह इंडिया जैसे विश्वसनीय मेजबान देश की छवि पर भी अनावश्यक सवाल उठाने जैसा है। इंडिया ने बीते वर्षों में क्रिकेट वर्ल्ड कप, कॉमनवेल्थ गेम्स, हॉकी वर्ल्ड कप समेत अनेक बड़े टूर्नामेंटों की मेजबानी सफलतापूर्वक की है। दुनियाभर की टीमें और खिलाड़ी यहां आकर न सिर्फ बेहतरीन अनुभव हासिल करते हैं, बल्कि इंडिया की सुरक्षा और व्यवस्था की सराहना भी करते हैं।
वहीं दूसरी ओर, पाकिस्तान खुद आतंकी हमलों और आंतरिक अस्थिरता का शिकार रहा है। साथ ही उनके यहां विदेशी टीमें खेलने से बचती रही हैं। ऐसे में इंडिया की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाना एक राजनीतिक एजेंडे के तहत किया गया कदम लगता है।
एक और déjà vu : क्रिकेट वर्ल्ड कप जैसा नाटक
दरअसल, यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने इस तरह का रुख अपनाया है। क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 के दौरान भी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड यानी PCB ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर अपनी टीम को इंडिया भेजने से मना कर दिया था। लेकिन बाद में टीम को भेजा गया, जहां उनके प्रदर्शन ने दर्शाया कि असली चुनौती मैदान पर होती है, कूटनीति में नहीं।
टूर्नामेंट पर असर और FIH की अगली चाल
ऐसे में पाकिस्तान के नाम वापस लेने के बाद अब FIH और AHF की ओर से जल्द ही इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया आने की उम्मीद है। हो सकता है कि पाकिस्तान की जगह किसी अन्य टीम को मौका दिया जाए या शेड्यूल में बदलाव भी किया जा सकता है। साथ ही बता दे यह भी संभव है कि पाकिस्तान को इसके लिए आर्थिक और प्रतिबंधात्मक दंड का सामना करना पड़े, क्योंकि यह टूर्नामेंट पेरिस ओलंपिक क्वालिफिकेशन से भी जुड़ा हुआ है।
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