Asia Cup : 09 सितंबर से शुरू हो रहे एशिया कप (Asia Cup) 2025 के लिए टीम इंडिया ने अपनी बेंच स्ट्रेंथ मजबूत रखी है। अगर कोई खिलाड़ी चोटिल होता है तो बेंच स्ट्रेंथ से ही खिलाड़ी बैक-अप के तौर पर टीम में शामिल हो जाएगा। ऐसे में किसी मुख्य बल्लेबाज के चोटिल होने पर भी श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) और यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) को मौका मिलने की उम्मीद कम ही है। टीम मैनेजमेंट की ओर से इस प्रकार के रवैये को लेकर प्रशंसक नाराज हो रहे हैं कि क्यों दो मुख्य खिलाड़ियों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।
Asia Cup के लिए टीम इंडिया को लेकर छिड़ी बहस
जैसे-जैसे एशिया कप (Asia Cup) 2025 की घड़ियां नजदीक आ रही हैं, टीम इंडिया के चयन पर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। सूर्यकुमार यादव की अगुवाई वाली 15 सदस्यीय मुख्य टीम कागpax पर तो मजबूत दिख रही है, लेकिन बड़ा विवाद रिजर्व खिलाड़ियों के चयन को लेकर है। कई लोगों का मानना था कि अगर किसी भी मुख्य बल्लेबाज़ को चोट लगती है, तो श्रेयस अय्यर (Shreyash Iyer) या युवा स्टार यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) जैसे अनुभवी खिलाड़ियों को सबसे पहले टीम में शामिल किया जाएगा।
हालांकि, अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि चयनकर्ताओं की योजना कुछ और Shreyash Iyer ही है। इन दोनों पर निर्भर रहने के बजाय, अगर बल्लेबाज़ी प्रतिस्थापन की ज़रूरत पड़ी, तो प्रबंधन रियान पराग (Riyan Parag) को टीम में शामिल करने के लिए तैयार है।
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Riyan Parag का ऑल-राउंड प्रदर्शन
पराग की बढ़त का मुख्य कारण उनकी ऑल-राउंड क्षमताएं हैं। अय्यर और जायसवाल, जो मुख्य रूप से विशेषज्ञ बल्लेबाज हैं, के विपरीत, पराग टीम को एक अतिरिक्त गेंदबाजी विकल्प प्रदान करते हैं। घरेलू क्रिकेट (Domestic Cricket) और आईपीएल (IPL) में पिछले कुछ सीजन में, उन्होंने पार्ट-टाइम स्पिन के उपयोगी ओवरों में योगदान देने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है, जिससे उनके कप्तानों को ज़्यादा ऑप्शन मिलता है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में खेले जाने वाले एशिया कप (Asia Cup) जैसे टूर्नामेंट में, जहाँ पिचें स्पिन और धीमी गति के गेंदबाजों के लिए मददगार होती हैं, यह अतिरिक्त कौशल अमूल्य हो जाता है।
इसके अलावा, पराग का नाम पहले से ही वाशिंगटन सुंदर (Washington Sundar), प्रसिद्ध कृष्णा (Prasiddh Krishna), ध्रुव जुरेल (Dhruv Jurel) और यशस्वी जायसवाल के साथ रिजर्व खिलाड़ियों की सूची में है। इसका मतलब है कि वह टीम के संतुलन को बिगाड़े बिना तुरंत खेलने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। चयनकर्ताओं का मानना है कि चोट लगने की स्थिति में, किसी विशेषज्ञ बल्लेबाज को लाने की तुलना में ऐसे खिलाड़ी को चुनना ज़्यादा सुरक्षित विकल्प है जो बल्लेबाजी में गहराई और गेंदबाजी दोनों प्रदान करता हो। इसी वजह से अय्यर और जायसवाल अपनी मजबूत बल्लेबाजी क्षमता के बावजूद किनारे कर दिए गए।
प्रशंसकों ने रणनीति पर सवाल उठाए
यह फैसला सभी प्रशंसकों को पसंद नहीं आया है। सोशल मीडिया पर, कई लोगों का तर्क है कि श्रेयस अय्यर का मध्यक्रम में अनुभव और जायसवाल की सलामी बल्लेबाजी की विस्फोटक क्षमता उन्हें स्पष्ट विकल्प बनाती है। दोनों ने पिछले एक साल में भारत के लिए मैच जिताऊ प्रदर्शन किया है और उनकी रेटिंग काफी ज़्यादा है। आलोचकों का मानना है कि पराग के पक्ष में उन्हें नजरअंदाज करना एक व्यापक प्रवृत्ति को दर्शाता है जहाँ चयनकर्ता सिर्फ़ बल्लेबाज़ी क्षमता की बजाय बहुमुखी प्रतिभा को प्राथमिकता देते हैं।
फिर भी, टीम प्रबंधन आश्वस्त दिखता है कि पराग की दोहरी भूमिका उच्च दबाव वाले मैचों में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। Asia Cup 2025 में भारत का अभियान 10 सितंबर को यूएई के खिलाफ शुरू होगा और उसके बाद 14 सितंबर को पाकिस्तान के खिलाफ धमाकेदार मुकाबला होगा, ऐसे में टीम का हर फैसला सवालों के घेरे में होगा। पराग को मौका मिले या न मिले, एशिया कप (Asia Cup) 2025 से पहले उनके अय्यर और जायसवाल को पछाड़ने की संभावना सबसे चर्चित कहानियों में से एक बन गई है।
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