भारतीय हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) पर हाल ही में हो रही आलोचना के बीच इस 24 वर्षीय खिलाड़ी ने बड़ा बयान दिया हैं और गंभीर का खुलकर समर्थन किया हैं। कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ अपने अनुभव और गंभीर की मेंटरशिप में बिताए समय को याद करते हुए इस खिलाड़ी ने कहा कि गंभीर वह सर्वश्रेष्ठ कोच और इंसान हैं जिनके साथ उन्हें अब तक काम करने का मौका मिला।
भारत के टेस्ट क्रिकेट में हालिया खराब प्रदर्शन के बावजूद, गुरबाज़ का मानना है कि एक सीरीज़ के आधार पर किसी को दोषी ठहराना सही नहीं है और गंभीर का काम करने का तरीका भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने की क्षमता रखता है।
Gautam Gambhir को लेकर हो रही आलोचना पर इस खिलाड़ी का समर्थन

अफ़ग़निस्तान के विकेटकीपर बल्लेबाज़ गुरबाज़ ने अपने बयान में साफ कहा कि गंभीर पर की जा रही आलोचना उन्हें हैरान करती है। उनका कहना है कि किसी भी देश में करोड़ों प्रशंसक होते हैं और उनमें से कुछ लोग आलोचना कर सकते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि कोच की मेहनत या नेतृत्व क्षमता कम हो जाती है।
गुरबाज़ के मुताबिक, गंभीर ने अपने कोचिंग कार्यकाल में भारत को कई महत्वपूर्ण सीरीज़ जिताई हैं और हाल ही में ODI में चैंपियंस ट्रॉफी तथा T20 फॉर्मेट में एशिया कप जैसे बड़े खिताब दिलाए हैं। ऐसे में एक टेस्ट सीरीज़ हार जाना उनकी कोचिंग पर सवाल खड़ा करने का आधार नहीं होना चाहिए।
KKR में गंभीर की मेंटरशिप का अनुभव
2024 IPL में KKR के खिताब जीतने का श्रेय देते हुए गुरबाज़ ने बताया कि गंभीर ने टीम में एक ऐसा माहौल तैयार किया जहाँ खिलाड़ी बेझिझक खेल सकें और टीम का हर सदस्य अपने रोल में स्पष्ट हो। उन्होंने कहा कि गंभीर अनुशासित जरूर हैं लेकिन अनावश्यक सख्ती नहीं दिखाते।
उनका मानना है कि अनुशासन और स्वतंत्रता के बीच यह संतुलन ही KKR की सफलता का सबसे बड़ा कारण बना। गुरबाज़ के अनुसार, गंभीर (Gautam Gambhir) कभी भी खिलाड़ियों पर दबाव नहीं बनाते, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास देने पर जोर देते हैं, जिससे टीम का प्रदर्शन अपने आप बेहतर हो जाता है।
खिलाड़ियों को दोष देने की मानसिकता पर गुरबाज़ की राय
गुरबाज़ ने एक खिलाड़ी के नज़रिये से कहा कि किसी हार के बाद खिलाड़ियों को निशाना बनाना गलत है, क्योंकि हर खिलाड़ी हर मैच में अपना सर्वोत्तम देने की कोशिश करता है।
उन्होंने कहा कि हार और जीत खेल का हिस्सा हैं और जब कोई टीम कठिन समय से गुजरती है तो खिलाड़ियों और कोच को आलोचना नहीं बल्कि समर्थन की जरूरत होती है। उनके अनुसार, गंभीर खिलाड़ियों की गलतियों पर चिल्लाने की बजाय उन्हें सुधार के रास्ते बताते हैं, जो उन्हें एक बेहतरीन मेंटर बनाता है।
गंभीर की कोचिंग शैली पर गुरबाज़ का भरोसा
गुरबाज़ ने गंभीर (Gautam Gambhir) की कोचिंग शैली को अद्वितीय बताया। उनके अनुसार, गंभीर का ध्यान सिर्फ रणनीति पर ही नहीं बल्कि टीम के वातावरण और मानसिक स्थिति पर भी रहता है। वह खिलाड़ियों को यह एहसास दिलाते हैं कि टीम में हर किसी की भूमिका महत्वपूर्ण है और कोई भी अकेले मैच नहीं जीतता।
अनुशासन के साथ सहज माहौल पैदा करने की गंभीर की क्षमता ने न केवल KKR बल्कि भारतीय टीम को भी मजबूत बनाया है। गुरबाज़ का मानना है कि गंभीर आने वाले वर्षों में भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं, बशर्ते उन्हें स्थिरता और समर्थन मिले।
ये भी पढ़े : शुभमन गिल हुए फिट, अफ्रीका टी20 सीरीज में चयन के लिए उपलब्ध, लेकिन सिर्फ पहला टी20 खेलने में संशय