Shubman Gill : टी20 वर्ल्ड कप 2026 का आयोजन 7 फरवरी से लेकर 8 मार्च के बीच भारत और श्रीलंका में होगा। इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम बतौर डिफेंडिंग चैंपियंस उतरेगी। 2024 टी 20 वर्ल्ड कप में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को सात रनों से हराकर अपना दूसरा टी 20 विश्वकप जीता था और अब भारतीय टीम की नज़र अपने ख़िताब को बचाने और तीसरे ख़िताब जीतने पर टिकी हैं।
पिछले एक साल में भारत ने टी20 में ओपनर के रूप में अभिषेक शर्मा के साथ अधिकतर मैचों में संजू सैमसन को बतौर ओपनर खिलाया और सैमसन ने भी शानदार प्रदर्शन किया। लेकिन शुभमन गिल (Shubman Gill) की टीम में वापसी के बाद अब सैमसन को मध्यक्रम में खिलाया गया और उन्हें कुछ मैचों में ड्रॉप करके जितेश शर्मा को शामिल किया गया।
गिल को लगातार बतौर ओपनर मौके मिले हैं, लेकिन उनका प्रदर्शन अभी तक उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है, बावजूद इसके हेड कोच गौतम गंभीर उन पर भरोसा बनाए हुए हैं। दूसरी ओर, फैन्स की राय है कि शुभमन गिल को टी20 वर्ल्ड कप 2026 में जगह नहीं मिलनी चाहिए।
ऐसे में हम आपको तीन प्रमुख कारण बताते हैं कि क्यों टी20 वर्ल्ड कप 2026 में शुभमन गिल को टीम इंडिया में नहीं मिलनी चाहिए जगह। आइये जानते हैं :

टी20 में बतौर ओपनर Shubman Gill का औसत प्रदर्शन
शुभमन गिल (Shubman Gill) का हालिया टी20 मैचों में ओपनर के तौर पर प्रदर्शन खास प्रभावशाली नहीं रहा है। एशिया कप 2025 के बाद से टीम इंडिया उन्हें निरंतर शीर्ष क्रम पर आजमा रही है, लेकिन वे इन मौकों को बड़े स्कोर में बदलने में नाकाम रहे हैं। इस अवधि में गिल ने 12 पारियों में सिर्फ 28.77 की औसत से 259 रन बनाए हैं, जिसमें एक भी अर्धशतक शामिल नहीं है। इसी कारण यह चर्चा तेज हो गई है कि टी20 वर्ल्ड कप से शुभमन गिल को हटाकर दूसरे खिलाड़ी को अभिषेक शर्मा के साथ ओपनिंग करवानी चाहिए।
टी20 स्ट्राइक रेट में निरंतरता की कमी
टी20 क्रिकेट में पावरप्ले का रोल बेहद अहम माना जाता है। जितनी तेज़ी से कोई टीम शुरुआती छह ओवरों में रन बनाती है, जीत की संभावनाएँ उतनी ही बढ़ जाती हैं। इस समय अधिकतर फील्डर 30 गज के घेरे के भीतर होते हैं, जिससे ओपनर को आक्रामक बल्लेबाजी का पूरा मौका मिलता है।
जहां भारत के लिए अभिषेक शर्मा ओपनिंग करते हुए तेज़-तर्रार शुरुआत करके पावरप्ले में बड़े स्कोर की मजबूत नींव रखते हैं, वहीं शुभमन गिल अक्सर शुरुआती ओवरों में लय पकड़ने के लिए संघर्ष करते दिखते हैं। गिल का धीमा स्ट्राइक रेट टीम की रनगति को उसी गति से आगे नहीं बढ़ा पाता, जिसकी टी20 फॉर्मेट में जरूरत होती है। यही कारण है कि कई विशेषज्ञ और फैन्स मानते हैं कि गिल को टी20 वर्ल्ड कप 2026 में जगह नहीं मिलनी चाहिए।
टी20I में जायसवाल का रिकॉर्ड गिल से अधिक प्रभावशाली
शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल के टी20I आंकड़ों की तुलना करें तो साफ दिखता है कि बाएं हाथ के ओपनर जायसवाल का रिकॉर्ड कहीं अधिक प्रभावशाली है। गिल ने भारत (India) के लिए 33 पारियों में 29.89 की औसत और 140.43 के स्ट्राइक रेट के साथ 837 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं।
दूसरी ओर, जायसवाल ने सिर्फ 23 पारियों में ही 36.15 की औसत और 164.31 के शानदार स्ट्राइक रेट से 723 रन जड़े हैं। इस दौरान उन्होंने एक शतक के साथ पाँच अर्धशतक भी बनाए हैं। आंकड़े साफ दर्शाते हैं कि जायसवाल टी20I में गिल से ज्यादा स्थिर, आक्रामक और प्रभावी रहे हैं।
इसके बावजूद, हेड कोच गौतम गंभीर का भरोसा शुभमन गिल पर बना हुआ है, और वे टी20 फॉर्मेट में उन्हें बतौर उपकप्तान लगातार मौके दे रहे हैं। यही वजह है कि गिल टीम मैनेजमेंट की योजनाओं में अब भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते नजर आते हैं, भले ही आंकड़े जायसवाल के पक्ष में हों।
ये भी पढ़े : वाशिंगटन सुंदर अगले 4 टी20 मैचों से बाहर, नहीं खेल पाएंगे अब मैच, ये खिलाड़ी खेलेगा इनकी जगह