BCCI ने पुरानी चयन समिति को खत्म करके नई टीम का गठन किया, जिसके मुखिया अजीत अगरकर (Ajit Agarkar) को बनाया गया। विश्वकप 2023 से कुछ महीने पहले अजीत अगरकर को मुख्य चयनकर्ता बनाया गया। उनके आने के बाद शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को मौका देने के बजाए चोटिल खिलाड़ी को शर्तों पर शामिल किया जाना लगा। एशिया कप में लोकेश राहुल और श्रेयस अय्यर के फिट नहीं होने पर भी टीम में शामिल किया गया। विश्वकप के चयन में भी यही देखा गया।
इग्लैंड सीरीज के दौरान लोकेश राहुल के चोटिल होने के बाद भी उन्हें टीम में चुना गया, लेकिन दूसरी तरफ रणजी में शानदार प्रदर्शन कर रहे मयंक अग्रवाल, चेतेश्वर पुजारा आदि खिलाड़ियों नहीं चुना गया। जब से अगरकर चयनकर्ता बने तब से सबसे बुरा ईशान किशन के साथ हुआ है।
पहले ईशान किशन को प्लेइंग 11 से दूर करने और राहुल को फिट करने के लिए इशान से विकेटकीपिंग ना कराकर राहुल से कराया जाने लगा। अब तो इशान को टीम से भी बाहर कर दिया गया है। आज हम आपको ऐसे 5 खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे जिनका करियर अजीत अगरकर (Ajit Agarkar) के आने के बाद चौपट हो गया है।
शॉ का कब होगा चयन?
टेस्ट मैच के अपने पहले ही मैच में शतक ठोककर शानदार डेब्यू करने वाले पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं। अजीत अगरकर (Ajit Agarkar) के चयनकर्ता बनने के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि शॉ को अब टीम इंडिया में शामिल किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
रणजी में शानदार प्रदर्शन करने के बाद शॉ को चुना नहीं जा रहा है। उन्होंने अबतक रणजी के इस सीजन में तीन मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 4 पारियों में 269 रन बनाए हैं। इसके अलावा शॉ ने भारत के लिए 5 टेस्ट मैच की नौ पारियों में 339 रन बनाए हैं। उन्होंने एक शतक और 2 अर्धशतक भी लगाया है।
भुवनेश्वर कुमार के साथ भी बुरा हुआ
टी20 विश्वकप 2022 के बाद से टीम इंडिया से बाहर किए गए स्विंग के किंग भुवनेश्वर कुमार (Bhuvneshwar Kumar) को अब भी वापसी की उम्मीद है, लेकिन अजीत अगरकर (Ajit Agarkar) के रवैये को देखकर लगता नहीं है कि अब उनका चयन होगा।
भारतीय सरजमीं पर हुए विश्वकप की टीम में भुवी को नहीं चुना गया था। इनसे ऊपर शार्दूल ठाकुर को तरहीज दी गई। भुवनेश्वर ने भारत के लिए तीनों फॉर्मेट में 229 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 294 विकेट अपने नाम किया। अगर आईपीएल में इनका प्रदर्शन ठीक रहता है तो भूवी को मौका मिल सकता है।
पुजारा की टेस्ट पारी भी खत्म
जब से अजीत अगरकर (Ajit Agarkar) चयनकर्ता बने हैं तब से उनका फोकस युवा खिलाड़ियों पर रहा है। सभी फॉर्मेट में उन्होंने युवा खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा मौका दिया। इग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भी युवाओं को ही आजमाया गया। इस वजह से चेतेशवर पुजारा, रहाणे आदि खिलाड़ियों को मौका नहीं दिया गया।
पुजारा इस सीजन रणजी ट्रॉफी में 90 की औसत से रन बना रहे है। सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में वह तीसरे नंबर पर हैं इसके बाद भी उनका चयन नहीं हुआ है।पुजारा ने टीम इंडिया के लिए 103 टेस्ट मैच खेले हैं। उऩ्होंने 176 पारियों में भारत के लिए 7195 रन बनाए हैं।
ईशान को नहीं संभाल पाए अगरकर
लगातार प्लेइंग 11 से बाहर रहने और विकेट कीपर की भूमिका लोकेश राहुल को सौंप पर प्लेइंग 11 में फिट करने की रणनीति से इशान किशन(Ishan Kishan) इतने नाराज हो गए कि वह मेंटल हेल्थ का बहाना बनाकर टीम इंडिया से छुट्टी ले लिए।
अजीत अगरकर (Ajit Agarkar) के आने से इशान किशन का क्रिकेटिंग करियर अधर में लटक गया है। युवा प्रतिभावान खिलाड़ी के बर्बाद होने से अगरकर रोक पाने में अभी तक नाकाम साबित हुए हैं। इशान ने भारत के लिए अभी तक 61 इंटरनेशनल मुकाबले खेले हैं, जिसमें उन्होंने 1807 रन बनाए हैं।
मयंक टेस्ट क्रिकट से भी दूर
भारतीय टीम के ओपनर बल्लेबाज मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) को भी अगरकर ने मौका नहीं दिया। एक बार टीम इंडिया से बाहर होने के बाद मयंक अग्रवाल को दोबार फिर खेलने को मौका नहीं मिल पाया।
32 वर्षीय बल्लेबाज मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) ने भारत के लिए 21 मैच खेले हैं। मयंक ने 36 इनिंग्स में 1488 रन बनाए हैं, जिसमें 4 शतक और6 अर्धशतक शामिल हैं। मयंक का उच्चतम स्कोर 243 रनो का रहा है।
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