काउंटी क्रिकेट (County Cricket): क्रिकेट के खेल का इजात इंग्लैंड में हुआ था और जहां-जहां अंग्रेजी हुकूमत रही वहाँ पर इस खेल का विकास तेजी के साथ हुआ। इंग्लैंड में जन्मे इस खेल ने महज कुछ सालों के अंदर ही लोकप्रियता हासिल कर ली और आज ये खेल दुनिया के हर एक कोने में खेला जाता है। क्रिकेट के खेल को आईसीसी के संचालित किया जाता है और इस खेल के सभी नियम आईसीसी के द्वारा ही बनाए गए हैं।
इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड के द्वारा काउंटी क्रिकेट चैम्पियनशिप को आयोजित किया जाता है और यह एक घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट है। लेकिन इस टूर्नामेंट की लोकप्रियता दुनिया के सभी कोनों में है। यह एक बहु-दिवसीय टूर्नामेंट है और दुनिया भर के खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में खेलने के लिए उत्सुक रहते हैं। कई दिग्गज भारतीय खिलाड़ी भी काउंटी क्रिकेट (County Cricket) में हिस्सा ले चुके हैं और इस दौरान इनका प्रदर्शन भी बेहद ही शानदार रहा है।
आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि, आखिरकार काउंटी क्रिकेट (County Cricket) में कुल कितने भारतीय खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया है और इन खिलाड़ियों ने कुल कितने मैच खेले हैं। इसके साथ ही हम आपको बताएंगे कि, बीसीसीआई की मैनेजमेंट के द्वारा किन कारणों की वजह से खिलाड़ियों को काउंटी क्रिकेट (County Cricket) में हिस्सा लेने की अनुमति दी जाती है और खिलाड़ी क्यों इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए उत्साहित रहते हैं।
County Cricket में हिस्सा लेने वाले भारतीय खिलाड़ी

अगर काउंटी क्रिकेट (County Cricket) में भारतीय खिलाड़ियों के योगदान की बात करें तो कई भारतीय खिलाड़ियों ने इस टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है। इसमें से कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो आजादी के पहले ही इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुके हैं और जब देश का बंटवारा हुआ तो वो पाकिस्तान चले गए और वहीं से क्रिकेट खेलने लगे।
अभी तक के काउंटी क्रिकेट (County Cricket) के इतिहास में कुल 27 खिलाड़ी ऐसे हुए हैं जिन्होंने काउंटी क्रिकेट में हिस्सा लिया है। काउंटी क्रिकेट में सबसे पहले हिस्सा लेने वाले खिलाड़ी नवाब ऑफ पटौदी सीनियर हैं और इन्होंने वॉर्सेस्टरशायर के लिए सल 1932 से 1938 के बीच 33 मैचों में हिस्सा लिया है।
इनके अलावा बड़े नामों की बात करें तो इसमें फरुख इंजीनियर, बिशन सिंह बेदी, श्रीनिवासन वेंकटराघवन, सुनील गावस्कर, कपिल देव, रवि शास्त्री, सचिन तेंदुलकर, मोहम्मद अजहरुद्दीन, सौरव गांगुली, अनिल कुंबले, राहुल द्रविड़, हरभजन सिंह, चेतेश्वर पुजारा और जहीर खान जैसे खिलाड़ी हैं। इन सभी खिलाड़ियों ने काउंटी क्रिकेट (County Cricket) डिवीजन-1 में हिस्सा लिया है। नीचे बताई गई सूची में काउंटी क्रिकेट (County Cricket) डिवीजन-2 में शामिल होने वाले भारतीय खिलाड़ियों को सम्मिलित नहीं किया गया है।
खिलाड़ी का नाम | काउंटी टीम | मैचों की संख्या और अवधि |
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नवाब ऑफ पटौदी सीनियर | वॉर्सेस्टरशायर | 33 मैच, 1932–1938 |
अब्दुल हफीज़ करदार | वारविकशायर | 39 मैच, 1949–1950 |
नवाब ऑफ पटौदी जूनियर | ससेक्स | 82 मैच, 1957–1970 |
अब्बास अली बैग | समरसेट | 23 मैच, 1960–1962 |
फरुख इंजीनियर | लंकाशायर | 164 मैच, 1968–1976 |
बिशन बेदी | नॉर्थहैम्पटनशायर | 102 मैच, 1972–1977 |
श्रीनिवास वेंकटाराघवन | डर्बीशायर | 40 मैच, 1973–1975 |
दिलीप दोशी | नॉटिंघमशायर, वारविकशायर | 73 मैच, 1977–1981 |
सुनील गावस्कर | समरसेट | 15 मैच, 1980 |
कपिल देव | नॉर्थहैम्पटनशायर, वॉर्सेस्टरशायर | 40 मैच, 1981–1985 |
रवि शास्त्री | ग्लैमरगन | 60 मैच, 1987–1991 |
मोहम्मद अजहरुद्दीन | डर्बीशायर | 30 मैच, 1991–1994 |
सचिन तेंदुलकर | यॉर्कशायर | 16 मैच, 1992 |
अनिल कुंबले | नॉर्थहैम्पटनशायर | 10 मैच, 1995 |
जावगल श्रीनाथ | ग्लॉस्टरशायर | 9 मैच, 1995 |
सौरव गांगुली | ग्लैमरगन, लंकाशायर, नॉर्थहैम्पटनशायर | 21 मैच, 2000–2006 |
राहुल द्रविड़ | केंट | 16 मैच, 2000 |
वीवीएस लक्ष्मण | लंकाशायर | 7 मैच, 2007 |
जहीर खान | वॉर्सेस्टरशायर | 16 मैच, 2006 |
हरभजन सिंह | एसेक्स, लंकाशायर, सरे | 15 मैच, 2005–2012 |
मुरली कार्तिक | मिडलसेक्स, लंकाशायर, समरसेट, सरे | 60 मैच, 2005–2012 |
मुनाफ पटेल | नॉटिंघमशायर | 3 मैच, 2007 |
आरपी सिंह | लीसेस्टरशायर | 3 मैच, 2008 |
पीयूष चावला | ससेक्स | 5 मैच, 2009 |
सौरभ तिवारी | लीसेस्टरशायर | 3 मैच, 2010 |
एस श्रीसंत | वारविकशायर | 3 मैच, 2010 |
ईशांत शर्मा | मिडलसेक्स | 3 मैच, 2011 |
वरुण आरोन | डरहम | 2 मैच, 2014 |
चेतेश्वर पुजारा | डर्बीशायर, यॉर्कशायर, नॉटिंघमशायर, ससेक्स | 50+ मैच, 2014–2025 |
प्रज्ञान ओझा | सरे | 3 मैच, 2015 |
वरुण चोपड़ा | वारविकशायर | 100+ मैच, 2006–2019 (नोट: इंग्लैंड में जन्मे पर भारत के लिए खेले) |
जयदेव उनादकट | ससेक्स | 5 मैच, 2023–2025 |
पृथ्वी शॉ | नॉर्थहैम्पटनशायर | 4 मैच, 2023–2025 |
युजवेंद्र चहल | नॉर्थहैम्पटनशायर, केंट | 5+ मैच, 2023–2025 |
ईशान किशन | नॉटिंघमशायर | 2 मैच, 2025 |
तिलक वर्मा | हैम्पशायर | 4 मैच, 2025 |
ऋतुराज गायकवाड़ | यॉर्कशायर | पूरा सीजन, 2025 |
आखिर क्यों बीसीसीआई देती है खिलाड़ियों को County Cricket खेलने की अनुमति
बीसीसीआई की मैनेजमेंट के द्वारा अपने किसी भी खिलाड़ी को विदेशी सरजमीं में खेली जाने वाली लीगों में खेलने की अनुमति नहीं दी जाती है। अगर कोई खिलाड़ी बीसीसीआई के नियमों को ताक में रखते हुए दूसरी लीग में खेलने का फैसला करता है तो फिर उस खिलाड़ी को बीसीसीआई दंडित करती है। ऐसे मने कई खिलाड़ियों का क्रिकेट करियर भी समाप्त हो जाता है।
लेकिन बीसीसीआई के द्वारा खिलाड़ियों को काउंटी क्रिकेट (County Cricket) में खेलने की अनुमति दी जाती है और इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण यह है कि, भारतीय खिलाड़ियों को इंग्लैंड की कंडीशन का पता चल पाए। इसके साथ ही इस टूर्नामेंट में दुनिया भर के बेहतरीन टेस्ट खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं और ड्रेसिंग रूम शेयर करने से खिलाड़ियों की स्किल्स में सुधार होता है। बाद में जब ये खिलाड़ी इंग्लैंड की धरती में राष्ट्रीय टीम का नेतृत्व करने के लिए जाते हैं तो खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार देखने को मिलता है।
काउंटी क्रिकेट में खेलने से होता है खिलाड़ियों का विकास
इंग्लैंड का मौसम तेज गेंदबाजों के लिए पैराडाइज रहता है और यहाँ पर बल्लेबाजी करना सबसे मुश्किल माना जाता है। ऐसे में भारतीय बल्लेबाजों की ये कोशिश रहती है कि, वो इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेकर बेहतरीन खेल दिखाएं ताकि उन्हें राष्ट्रीय टीम के लिए चुना जाए। इसका सबसे बड़ा उदाहरण करुण नायर के रूप में देखने को मिल सकता है।
दरअसल बात यह है कि, जब करुण भारतीय टीम से बाहर चल रहे थे तो इन्होंने काउंटी क्रिकेट (County Cricket) में खेलते हुए रनों के अंबार लगाए और इसके बाद इन्होने घरेलू क्रिकेट में भी इसी फॉर्म को जारी रखा और इनकी वापसी भारतीय टीम में हो गई। वहीं गेंदबाजों की कोशिश रहती है कि, वो शानदार बॉलिंग कर सबकी निगाहों में अपनी जगह बनाने में सफलता हासिल कर पाएं। काउंटी में बेहतरीन प्रदर्शन करके ही अर्शदीप सिंह को टेस्ट टीम से बुलावा आया था।