रणजी मैच (Ranji Matches): टीम इंडिया को बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में 1-3 से करारी हार का सामना करना पड़ा था. जिसके बाद से बीसीसीआई खिलाड़ियों पर काफी सख्ती दिखा रही है. बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के लिए फिर से नए नियम निकाले है जिसके तहत कोई भी खिलाड़ी अगर अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी मैच नहीं खेल रहा है तो उसे घरेलू क्रिकेट खेलना पड़ेगा।
भारतीय खिलाड़ी जो लगभग एक दशक से घरेलू क्रिकेट नहीं खेल रहे है वो भी अब रणजी मैच (Ranji Matches) खेलते हुए दिखेंगे. रणजी के अगले राउंड की शुरुआत 23 जनवरी से हो रही जिसमें रोहित शर्मा खेलते हुए दिखेंगे जबकि कोहली और राहुल अभी चोटिल है और वो अगले राउंड जो कि 30 जनवरी से होना है उसमें खेलते हुए दिख सकते है. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि क्यों उन्हें रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए फ़ोर्स नहीं करना चाहिए.
Ranji Matches न खेलने के कारण
हाल के समय में कोई टेस्ट मैच न होना- टीम इंडिया को अगला टेस्ट दौरा इंग्लैंड का करना है और वो दौरा जून में शुरू होगा। फ़िलहाल भारतीय टीम को जून के पहले कोई भी टेस्ट मैच नहीं खेलना है इसलिए इन खिलाड़ियों को रणजी खेलने के लिए फ़ोर्स नहीं करना चाहिए था.
कॉन्फिडेंस में कमी- राहुल को छोड़ दें तो कोहली और रोहित शर्मा काफी ख़राब फॉर्म से जूझ रहे है. अगर वो रणजी ट्रॉफी खेलने जाए और उसमें भी वो कम स्कोर पर आउट हो गए तो उनका कॉन्फिडेंस और ज्यादा गिर जायेगा। टीम इंडिया को चैंपियंस ट्रॉफी खेलना है और ये टूर्नामेंट ज्यादा बड़ा नहीं है इसलिए इसमें सभी खिलाड़ियों का फॉर्म और कॉन्फिडेंस में होना जरुरी है इसलिए इन्हें रणजी खेलने के लिए अभी फ़ोर्स नहीं करना चाहिए था.
चोट– रणजी ट्रॉफी के ग्राउंड्स और अंतराष्ट्रीय क्रिकेट के ग्राउंड में जमीन आसमान का अंतर होता है. अगर रणजी खेलते समय इनमें से किसी भी खिलाड़ी को फील्डिंग के दौरान चोट लगती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा और चैंपियंस ट्रॉफी में इन खिलाड़ियों का बैकअप भी जल्दी से नहीं मिल पायेगा. इसलिए इन खिलाड़ियों को रणजी खेलने के लिए फाॅर्स नहीं करना चाहिए था.