3 Indian players were caught red handed while match fixing, but were later honorably acquitted.

मैच फिक्सिंग (Match Fixing): मैच फिक्सिंग (Match Fixing) क्रिकेट में ही नहीं बल्कि किसी भी खेल बहुत ख़राब है. मैच फिक्सिंग के बाद उस खेल के फैंस का उसके ऊपर से विश्वास उठ जाता है. मैच फिक्सिंग किसी भी खेल के लिए काला अध्याय होता है.

इससे फैंस का न सिर्फ उस खिलाड़ी के ऊपर से भरोसा उठता है बल्कि उस टीम के अन्य खिलाड़ियों पर से भी भरोसा कम हो जाता है. भारतीय क्रिकेट भी फिक्सिंग जैसी काली करतूतों से अछूता नहीं रहा है. कई ऐसे खिलाड़ी है जिनको फिक्सिंग के आरोप में रेंज हाथों पकड़ा गया था लेकिन बाद में उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया गया था.

भारतीय खिलाडी भी कर चुके हैं Match Fixing

मैच फिक्सिंग करते हुए रंगे हाथों पकड़े गए थे 3 भारतीय खिलाड़ी, लेकिन बाद में हो गए बाइज्जत बरी 1

मोहम्मद अज़हरुद्दीन- भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन को साल 2000 में फिक्सिंग के आरोप में पकड़ा गया था. जिसके बाद उनके ऊपर आजीवन प्रतिबन्ध भी लगा दिया था लेकिन उन्होंने इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी थी जिसके बाद उनके ऊपर से लाइफटाइम का बैन हटा दिया गया था और उन्हें दोष से हटाते हुए बाइज्जत बरी कर दिया था.

अज़हरुद्दीन को साल 1999-2000 में साउथ अफ्रीका के पूर्व कप्तान हंसी क्रोंजे ने आरोप लगाया था कि उन्हें अज़हरुद्दीन ने बुकी से मिलवाया था जिसके बाद अज़हरुद्दीन के ऊपर फिक्सिंग के चार्ज लगाए गए थे.

अजय जडेजा- अजय जडेजा के ऊपर भी उसी सीरीज में मैच फिक्सिंग का आरोप लगा था और उसके बाद उनके ऊपर भी बीसीसीआई ने बैन लगा दिया था लेकिन उन्होंने हाई कोर्ट में जाकर उस फैसले को चुनौती दी थी जिसके बाद उनका बैन 5 साल का कर दिया गया था. हालाँकि उनके ऊपर लगे आरोप से भी वो बाइज्जत बरी हो गए थे.

एस श्रीसंत- एस श्रीसंत भारत के पूर्व तेज गेंदबाज थे जिनके ऊपर साल 2013 में आईपीएल में मैच फिक्सिंग का आरोप लगा था जिसके बाद उनको और उन्ही के टीम के दो और साथ अजित चंदेला और अंकित चव्हाण को पुलिस ने गिरफ़्तार किया था.

फिक्सिंग के आरोप के बाद श्रीसंत को लाइफटाइम बैन लगा दिया था जिसके खिलाफ वो उच्च न्यायलय में गए थे जहाँ पर उनके लाइफटाइम बैन को घटाकर 7 साल कर दिया गया था और उन्हें भी बरी कर दिया गया था.

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