Team India Head Coach: साल 2024 टी20 वर्ल्ड कप के बाद से ही भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच का पदभार संभाल रहे हैं गौतम गंभीर। गंभीर (Gautam Gambhir) की कोचिंग में भारतीय टीम ने व्हाइट बॉल में तो काफी अच्छा किया है।
लेकिन रेड बॉल में बेहद ही बुरा हाल रहा है। इस वजह से फैंस उन्हें कोच पद से हटाए जाने की मांग कर रहे हैं। तो आइए आज के इस आर्टिकल के जरिए तीन ऐसे कारणों के बारे में जान लेते हैं, जिसकी वजह से दोनों फॉर्मेट के कोच अलग-अलग होने चाहिए।
इन तीन कारणों की वजह से अलग-अलग होने चाहिए कोच

गेम का एप्रोच
वनडे और टी20 क्रिकेट में अक्सर एग्रेसिव अप्रोच काम आती है। उसमें हमें सीमित ओवर मिलते हैं, जिस वजह से हमारे को सूझबूझ का परिचय देने की ज्यादा जरूरत नहीं रहती और हम उसमें आक्रामक तरीके से खेल कर आसानी से जीत दर्ज कर सकते हैं। यही काम इंडियन क्रिकेट टीम साल 2023 से करते चले जा रही है, जिसका उसे इनाम भी मिल रहा है।
लेकिन टेस्ट क्रिकेट में सूझबूझ का परिचय देना होता है। टेस्ट क्रिकेट में संभल कर गेंदबाजी-बल्लेबाजी करनी पड़ती है और इसमें स्पेशलिस्ट प्लेयर्स पर तवज्जो दी जाती है बजाय ऑलराउंडर के। मगर हेड कोच गौतम गंभीर जब से टेस्ट में आए हैं वह इसमें भी ऑलराउंडर पर ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं और बोलिंग से ज्यादा वह बैटिंग को मजबूत करने की कोशिश में हैं, जिसके चलते इंडिया टेस्ट में हार का सामना कर रही है। भारतीय क्रिकेट टीम को सबसे पहले न्यूजीलैंड टेस्ट सीरीज फिर ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज और अब साउथ अफ्रीका टेस्ट सीरीज भी गंवानी पड़ेगी।
Gautam Gambhir’s full coaching portfolio outside Dubai is actually wild.
SL: 3-0 T20I win
BAN in India: 2-0 Test win
NZ in India: 3-0 T20I, 3-0 Test whitewash
ENG in India: 3-0 ODI win, 4-1 T20I win
ENG (away): 2-2 Test draw
WI in India: 2-0 Test win
AUS (away): lost ODI 2-1,…— Khushendr Palwar (@khushendr) November 25, 2025
मेंटल प्रेसर
जिस तरह खिलाड़ियों को आराम की जरूरत होती है और हर खिलाड़ी के बस का तीनों फॉर्मेट एक समय पर खेल पाना आसान नहीं होता उसी तरह एक कोच के लिए भी तीनों फॉर्मेट में कोचिंग करना और बेहतरीन रिजल्ट देना आसान बात नहीं है। इस वजह से बीसीसीआई को व्हाइट बॉल और टेस्ट के लिए अलग-अलग कोचस रखने चाहिए, ताकि उन्हें भी रेस्ट मिल सके और वह सही तैयारी कर सकें।
क्योंकि दोनों प्रारूपों के लिए अलग-अलग तरह की सोच चाहिए होती है और अक्सर जब एक ही खिलाड़ी तीनों फॉर्मेट में कोचिंग करता है तो वह किसी न किसी फॉर्मेट में पीछे रह ही जाता है, जिस तरह अभी गंभीर रेड बॉल में पीछे रह रहे हैं।
रिजल्ट न मिलना
बीसीसीआई को इस समय अलग-अलग कोचस इसलिए भी रखना चाहिए, क्योंकि इंडिया को रिजल्ट नहीं मिल रहा। अगर इंडिया को पॉजिटिव रिजल्ट मिल रहा होता तो बदलाव की कोई जरूरत नहीं होती। लेकिन जब चीजें विपरीत जा रही हों तो बदलाव अवश्य करना चाहिए। भारत बनाम साउथ अफ्रीका टेस्ट सीरीज में इंडियन टीम का हाल बेहाल नजर आया है।
भारतीय टीम साउथ अफ्रीका के खिलाफ पूरी तरह से बेबस नजर आ रही है। हेड कोच गौतम गंभीर के फैसले बेहद ही उटपटांग हैं। वह कभी किसी बल्लेबाज को नंबर तीन तो कभी सीधे आठ पर भेज दे रहे हैं। साथ ही प्लेइंग 11 में भी वह विश्वास नहीं जाता रहे हैं। इस वजह से अलग-अलग हेड कोच होने चाहिएं।
FAQs
भारतीय क्रिकेट टीम का मौजूदा हेड कोच कौन है?
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