चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara): चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) को अपनी धीमी और टिकाऊ बल्लेबजी के लिए जान जाता है। उन्हें क्रीज़ पर समय बिताना पसंद है. उनका डिफेन्स इतना सॉलिड है कि उसको आसानी से भेद पाना बहुत मुश्किल होता है जिसकी वजह से उनको भारत की नयी ‘द वॉल’ कहा जाता था। उन्होंने अपनी डिफेन्स और क्रीज़ पर टिकने की काबिलियत से ही टीम इंडिया को कई मैच न सिर्फ जिताये है बल्कि बहुत से अहम मैच ड्रॉ कराने में मदद की है।
Cheteshwar Pujara ने खेली है शानदार परियां
ऑस्ट्रेलिया में उनकी सिडनी और गाबा की पारी को शायद ही कोई भूल सकता हो। भारत में ही उन्होंने कई अच्छी परियां खेली है जिनमे से 2017 रांची में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दोहरा शतक और 2012 में अहमदाबाद में इंग्लैंड के खिलाफ दोहरा शतक बहुत ही जरुरी था। उनकी पारी की वजह से ही इंडिया उन मैचों में ड्रॉ करा पाया था जबकि गाबा टेस्ट मैच में तो इंडिया को जीत मिली थी। उन्होंने डोमेस्टिक क्रिकेट में लम्बे समय तक बल्लेबाजी करके अपनी टीम को मैच जिताने में मदद की है।
इस आर्टिकल में हम पुजारा की ऐसी ही पारी के बारे में जानेंगे जिसमें पुजारा ने अपने धैर्य और सहस का परिचय दिया था। उन्होंने 461 गेंदों का सामना किया था। दरअसल ये मैच साल 2013 में तमिलनाडु और सौराष्ट्र के बीच खेला गया था। जिसमें सौराष्ट्र ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी थी।
सौराष्ट्र के ओपनिंग बल्लेबाज सस्ते में पवेलियन निपट गए। जिसके बाद पुजारा ने मोर्चा संभाला और उन्होंने कप्तान जयदेव शाह के साथ मिलकर तमिल नाडु के गेंदबाजों को नाकों चने चबवा दिए। पुजारा ने इस पारी में दिखया कि क्यों उनको सेट होने के बाद आउट करना इतना मुश्किल है.
पुजारा ने की मैराथन साझेदारी
पुजारा ने जयदेव के साथ चौथे विकेट के लिए 353 रनों की साझेदारी कर डाली। एक समय लग रहा था कि सौराष्ट्र की टीम 200 रनों के अंदर सिमट जाएगी लेकिन पुजारा ने उस स्कोर को बहुत आगे ले गए और सुष्ट्र ने 581 रनों पर पारी घोषित की। पुजारा ने 461 गेंदों में 269 रन बनाये। जिसमें 33 चौके शामिल थे।
अभिनव ने भी ज्यादा दोहरा शतक
तमिल नाडु की तरफ से भी अभिनव मुकुंद और दिनेश कार्तिक ने शतक जड़ें। अभिनव ने 240 रनों की मैराथन पारी खेली तो वहीँ कार्तिक ने 133 रन बनाये। तमिलनाडु ने भी 565 रन बनाकर पारी घोषित कर दी और ये मैच ड्रा पर समाप्त हो गया।