भारतीय क्रिकट टीम के दिग्गज टेस्ट बल्लेबाजों में शुमार चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) ने साल 2005 में अपने फर्स्ट क्लास करियर की शुरुआत की थी और तब से अब तक वह अनगिनत मैच विनिंग पारियां खेल चुके हैं। उन्होंने घरेलू क्रिकेट से लेकर इंटरनेशनल क्रिकेट तक कई ऐसी ऐतिहासिक पारियां खेली हैं, जिससे टीम को जीत मिली है। वह हमेशा टीम की ढाल बने हैं और एक दीवार की तरह डंट कर बल्लेबाजी की है।
आज के अपने इस आर्टिकल के जरिए हम उनके एक ऐसी ही पारी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें उन्होंने करीब 548 मिनट तक बल्लेबाजी की थी और तिहरा शतक जड़ दिया था।
548 मिनट तक गेंदबाजों को किया था परेशान
चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) ने साल 2013 रणजी ट्रॉफी में सौराष्ट्र की ओर से खेलते हुए अपने क्रिकेट करियर की सबसे बड़ी पारी खेली थी। उन्होंने रणजी ट्रॉफी 2013 में कर्नाटक के खिलाफ 352 रन बनाए थे, जोकि आज तक उनके फर्स्ट क्लास करियर की सबसे बड़ी पारी है।
इस दौरान वह 548 मिनट पर क्रीज पर डंटे रहे थे और 427 गेंदों का सामना किया था। इस दौरान पुज्जी ने 49 चौके और 1 छक्का भी जड़ा था। इस पारी में उनका स्ट्राइक रेट 82.43 का था, जोकि टेस्ट के लिहाज से ठीक-ठाक है। उन्होंने पहली पारी में फ्लॉप होने के बाद दूसरी पारी में कमाल का कमबैक करके यह पारी खेली थी।
पहली पारी में फ्लॉप हुए थे Cheteshwar Pujara
सौराष्ट्र और कर्नाटक के बीच हुए मुकाबले में चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) ने पहली पारी में 49 गेंदों में सिर्फ 37 रन बनाए थे। जबकि टीम के बाकि खिलाड़ियों ने काफी अच्छा खेला था। हालांकि दूसरी पारी उन्होंने अपने सयंम का परिचय दिया था और 352 रन बना डाले थे। उनकी पारी की बदौलत मुकाबला ड्रा पर खत्म हुआ था।
ड्रा पर खत्म हुआ था मैच
सौराष्ट्र और कर्नाटक के बीच हुए मुकाबले में सौराष्ट्र ने पहली पारी में 469 रन बनाए थे। इसके बाद कर्नाटक की टीम ने अपनी पहली पारी में 396 रन बनाए थे और 73 रनों से पीछे ही रह गई थी। इसके बाद अपनी दूसरी पारी में सौराष्ट्र ने खेल ख़त्म होने तक 718/9 रन बनाए थे और पहली पारी में बढ़त की बदौलत मैच जीत लिया था।