विराट कोहली (Virat Kohli): विराट कोहली (Virat Kohli) और रोहित शर्मा इस दशक के सबसे बड़े बल्लेबाज हैं. उन्होंने अपने दम पर न जाने भारतीय टीम को कितने मैच जिताये है. उन्होंने टीम इंडिया को आईसीसी टूर्नामेंट जिताने में भी मदद की है. उन्होंने न सिर्फ भारत में बल्कि और देशों के युवा खिलाड़ियों को भी अपनी बल्लेबाजी से प्रेरित किया है. इन दनों ने आधुनिक क्रिकेट में बहुत से रिकॉर्ड अपने नाम किये है.
लेकिन टेस्ट में दोनों बल्लेबाज तिहरा शतक नहीं लगा पाए है और उनका ये सपना भी होगा कि वो टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक लगाकर अपने नाम रिकॉर्ड दर्ज करें. लेकिन भारत का एक ऐसा बल्लेबाज भी है जिसने तिहरा नहीं बल्कि फर्स्ट क्लास में चार सौ से भी ज्यादा रन बना रखे है.
भाऊसाहेब निम्बालकर ने जड़ें थे 443 रन
दरअसल ये खिलाडी कोई और नहीं बल्कि भारत की तरफ से फर्स्ट क्लास क्रिकेट में महाराष्ट्र की तरफ से खेलने वाले बल्लेबाज भाऊसाहेब निम्बालकर है. इन्होने 1948/49 के रणजी सीजन में महाराष्ट्र की तरफ से खेलते हुए चार सौ से भी ज्यादा रन बनाये थे.
इस आर्टिकल में हम भाऊसाहेब निम्बालकर की ऐसी पारी के बारे में जानेंगे जिसमें उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से कई रिकॉर्ड अपने नाम किये था. इस पारी में निम्बालकर ने 494 मिनट क्रीज़ पर बल्लेबाजी की थी जिसमें उन्होंने 49 चौके और 1 छक्के की मदद से 443 रन बनाये बनाये थे. इस पारी में निम्बालकर ने बाउंड्री से ही 202 रन बनाये थे.
काठियावाड़ की ख़राब बल्लेबाजी
दरअसल ये मैच रणजी ट्रॉफी में महाराष्ट्र और काठियावाड़ के बीच 1948/49 में खेला था. जिसमें काठियावाड़ की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए कप्तान प्रद्युमन सिंह उर्फ़ ठाकोर साहब ऑफ़ राजकोट के अर्धशतक की बदौलत उनकी टीम सिर्फ 238 रनों पर सिमट गई.
भंडारकर और निम्बालकर के आगे काठियावाड़ के गेंदबाजों ने टेके घुटने
काठियावाड़ की तरफ से ओपनर कमल भंडारकर के दोहरे शतक और भाऊसाहेब निम्बालकर के 443 रनों की बदौलत महारष्ट्र ने 4 विकेट के नुकसान पर 826 रन बनाये थे. महाराष्ट्र की तरफ से सभी बल्लेबाजों ने अच्छी बल्लेबाजी की जिसकी वजह से वो पहाड़ जैसा स्कोर बनाने में सफल हुए. हालाँकि इस मैच में काठियावाड़ की दूसरी पारी नहीं आयी जिसकी वजह से ये मैच ड्रा पर समाप्त हो गया.
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