चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara): चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) भारत के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज माने जाते थे. उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से टीम इंडिया को न जाने कितने मैच जिताये है और बहुत से मैच ड्रा कराने में मदद की है.
चेतेश्वर पुजारा का डिफेंस इतना सॉलिड था कि उसे भेद पाना बड़े से बड़े गेंदबाज के लिए आसान नहीं होता था. चेतेश्वर पुजारा की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में खेली गई पारियां शायद ही कोई भूल सकता हो. उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से टीम इंडिया को दो बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी जिताने में मदद की थी.
Cheteshwar Pujara ने खेली थी मैराथन पारी
इस आर्टिकल में हम चेतेश्वर पुजारा की उस पारी के बारे में जानेंगे जिसमें उन्होंने गेंदबाजों की जमकर कुटाई की थी. पुजारा ने इस जुझारू पारी में 548 मिनट बल्लेबाजी की थी और उस दौरान उन्होंने 427 गेंदों का सामना किया था जिसमें उन्होंने 49 चौके और 1 छक्के की मदद से 352 रन बनाये थे. पुजारा ने अपनी इस मैराथन पारी में मात्र 50 गेंदों में 202 रन केवल बाउंड्री से बनाये थे.
अर्पित के शतक की मदद से सौराष्ट्र ने बनाया बड़ा स्कोर
दरअसल ये मैच रणजी ट्रॉफी में कर्नाटक और सौराष्ट्र के बीच साल 2013 में खेला गया था. सौराष्ट्र ने पहले बल्लेबाजी करते अर्पित वासवाड़ा के शतक और शेल्डन जैक्सन के अर्धशतक की बदौलत सौराष्ट्र ने 469 रन बनाये थे. सौराष्ट्र की टीम को शुरुआती झटके लगने के बाद अर्पित और जैक्सन ने पारी को सँभालते हुए बड़ा स्कोर खड़ा करने में मदद की.
मनीष पांडेय ने लगाया था शानदार शतक
कर्नाटक की टीम की शुरुआत अच्छी रही. राहुल और उथप्पा ने पहले विकेट के लिए 95 रन जोड़े थे लेकिन उन दोनों के आउट होने के बाद कोई भी बल्लेबाज ज्यादा देर तक क्रीज़ में समय बिताने के लिए तैयार नहीं था. हालाँकि मनीष पांडेय ने एक छोर सँभालते हुए शतक जड़ दिया लेकिन वो सौराष्ट्र को बढ़त बनाने से नहीं रोक सकें. कर्नाटक की टीम पहली पारी में 396 रनों पर ढेर हो गई, और सौराष्ट्र ने 73 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त बना ली।
पुजारा और जैक्सन के आगे नतमस्तक कर्नाटक के गेंदबाज
सौराष्ट्र की दूसरी पारी में चेतेश्वर पुजारा ने खूंटा गांड दिया और उन्होंने तिहरा शतक मारने के बाद ही दम लिया. शेल्डन जैक्सन ने भी उनका बखूबी साथ निभाया. दोनों ने चौथे विकेट के लिए 343 रनों की साझेदारी की थी. जैक्सन पहली पारी में शतक मारने से चूक गए थे लेकिन इस पारी में उन्होंने कोई गलती नहीं करते हुए शानदार शतक लगा दिया.
सौराष्ट्र ने आखिरी दिन 718 रनों पर अपनी पारी घोषित की. जिसकी वजह से इस मैच का कोई नतीजा नहीं आ सका और ये मैच ड्रा पर समाप्त हो गया.