Ajinkya Rahane: भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से हैं, जिनकी तकनीकी बल्लेबाज़ी और संयम पूर्ण खेल की सराहना पूरी दुनिया में की जाती है। हालांकि बीते कुछ वर्षों में उनका अंतरराष्ट्रीय करियर उतार-चढ़ाव से गुजरा है और बीसीसीआई ने अब उन्हें टीम इंडिया से बाहर कर दिया है, लेकिन घरेलू क्रिकेट में उनका जलवा आज भी कायम है।
रहाणे ने खेली थी शानदार पारी
जी हां और वजह है उनका रणजी ट्रॉफी 2009 में खेला गया ऐतिहासिक शतक, जिसमें उन्होंने हैदराबाद के खिलाफ नाबाद 265 रनों की शानदार पारी खेलकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा था। क्रिकेट जानकारों का मानना है कि उसी पारी ने रहाणे के लिए टीम इंडिया के दरवाज़े खोले और फिर उन्होंने खुद को एक बेहतरीन टेस्ट बल्लेबाज़ के रूप में साबित भी किया।
रणजी ट्रॉफी 2009: जब रहाणे ने रनों की झड़ी लगा दी थी
दरअसल, रणजी ट्रॉफी 2009 में मुंबई और हैदराबाद के बीच हैदराबाद के मैदान पर खेले गए मैच में अजिंक्य रहाणे ने अपने करियर की सबसे शानदार पारियों में से एक खेली थी। मुंबई की ओर से खेलते हुए उन्होंने 382 गेंदों का सामना करते हुए 23 चौकों और 2 छक्कों की मदद से नाबाद 265 रन बनाए। यह पारी न केवल उनके धैर्य और तकनीक का परिचायक थी, बल्कि इससे यह भी साबित हुआ कि वह किसी भी परिस्थिति में बड़ी पारियां खेलने की काबिलियत रखते हैं।
मैच का पूरा हाल: रहाणे की कप्तानी पारी से मुंबई ने हासिल की बढ़त
याद दिला दे इस मुकाबले में हैदराबाद की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया, लेकिन उनकी पूरी टीम महज़ 266 रनों पर सिमट गई। जवाब में मुंबई की ओर से अजिंक्य रहाणे, साहिल कुकरेजा और वसीम जाफर की शानदार पारियों की बदौलत टीम ने महज़ दो विकेट खोकर 521 रन बना दिए और पारी घोषित कर दी।
अजिंक्य रहाणे – 265* रन
साहिल कुकरेजा – 122 रन
वसीम जाफर – 107* रन
इसके बाद हैदराबाद की टीम तीसरी पारी में 6 विकेट के नुकसान पर 276 रन ही बना सकी और मैच ड्रॉ रहा, लेकिन रहाणे की पारी ने सबका दिल जीत लिया।
मुंबई के भरोसेमंद कप्तान और घरेलू क्रिकेट के दिग्गज
बता दे आज रहाणे भले ही भारतीय राष्ट्रीय टीम का हिस्सा न हों, लेकिन घरेलू क्रिकेट में वह मुंबई टीम के कप्तान के रूप में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने ना केवल अपनी टीम को कई बार मुश्किल हालात से बाहर निकाला है, बल्कि युवाओं को भी मार्गदर्शन दिया है। रहाणे का अनुभव और उनका मैदान पर शांत स्वभाव उन्हें एक आदर्श लीडर बनाता है।
अजिंक्य रहाणे का फर्स्ट क्लास करियर: आंकड़े जो खुद बयां करते हैं कहानी
अगर अजिंक्य रहाणे के अब तक के फर्स्ट क्लास करियर की बात करें तो वह बेहद ही शानदार रहा है:
कुल मैच: 192
पारियां: 326
कुल रन: 13,533
औसत: 45.56
शतक: 40
अर्धशतक: 58
ये आंकड़े साफ तौर पर बताते हैं कि रहाणे ने वर्षों तक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में निरंतरता के साथ प्रदर्शन किया है। खासकर टेस्ट क्रिकेट में उनकी क्लासिक तकनीक और धैर्यपूर्ण बल्लेबाज़ी टीम इंडिया के लिए कई मौकों पर संकटमोचक बनी है।
अजिंक्य रहाणे का करियर एक मिसाल है
ऐसा इसलिए क्यूंकि उन सभी युवा खिलाड़ियों के लिए, जो कड़ी मेहनत, संयम और समर्पण से क्रिकेट में लंबी पारी खेलना चाहते हैं। भले ही फिलहाल वह भारतीय टीम का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन घरेलू क्रिकेट में उनकी चमक आज भी बरकरार है और उनकी बल्लेबाज़ी देखकर यह कहने में कोई हिचक नहीं कि रहाणे का करियर एक मिसाल है।