भारतीय टी20 टीम के मौजूदा कप्तान सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) को हम सभी लोगों ने सिर्फ टी20 बैटर होने का टैग दे दिया है। लेकिन जब उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी तो वह ऑल फॉर्मेट प्लेयर थे और उन्होंने अपने क्रिकेट करियर में रणजी से लेकर लिस्ट ए हर जगह कोहराम मचा रखा है।
आज के अपने इस आर्टिकल के जरिए हम उनके बल्ले से निकले एक बेहतरीन और ऐतिहासिक दोहरे शतक के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसमें उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से हर किसी को हैरान परेशान करके रख दिया।
Suryakumar Yadav ने जड़ा दोहरा शतक

सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) ने वैसे तो प्रोफेशनल क्रिकेट में साल 2010 में ही कदम रख दिया था। लेकिन उनके बल्ले से ऐतिहासिक पारी हमें देखने को मिली 2011 के अंत में। 2011 रणजी ट्रॉफी एलीट ग्रुप में उड़ीसा के खिलाफ मुंबई की ओर से खेलते हुए उन्होंने 200 रन बनाए और प्लेयर ऑफ द मैच का अवार्ड जीता।
मुंबई की ओर से नंबर पांच पर बल्लेबाजी करने उतरे सूर्या (Suryakumar Yadav) ने मैदान के चारों ओर शॉट्स लगाए और 232 गेंदों में 200 रन बनाकर बसंत मोहंती का शिकार बने। इस दौरान वह 372 मिनट क्रीज पर डटे रहे और उनके बल्ले से कुल 29 बाउंड्रीज आई।
सूर्या ने जड़ी 29 बाउंड्रीज

मुंबई और उड़ीसा के बीच हुए मुकाबले में सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) 200 के स्कोर पर तीसरा विकेट गिरने के बाद मैदान पर इंटर हुए और उन्होंने अन्य सभी बल्लेबाजों के साथ मिलकर सूझबूझ भारी बल्लेबाजी की और टीम को 529 रनों तक पहुंचाया। इस दौरान उन्होंने 29 बाउंड्री जड़ी, जिसमें से 28 चौके और 1 छक्का था। मुंबई की टीम ने 8 विकेट के नुकसान पर 529 रन बनाकर पारी को घोषित कर दिया।
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कुछ ऐसा रहा मैच
बताते चलें कि मुंबई और उड़ीसा का यह मैच कटक में खेला गया था और जब टॉस उछाला गया तो वह गिरा मुंबई के पक्ष में और मुंबई में पहले बैटिंग का फैसला किया। इस टीम ने काफी अच्छी बल्लेबाजी का नमूना पेश किया और 150 ओवर्स में 8 विकेट के नुकसान पर 529 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। इस दौरान सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) के 200 रनों के अलावा कौस्तुभ पवार ने 127 रन बनाए। कप्तान वसीम जाफर के बल्ले से 35 रनों की पारी आई। विरोधी टीम के लिए बसंत मोहंती, संतोष जेना और दीपक बेहरा दो-दो विकेट लेने में कामयाब हुए।
उड़ीसा की टीम ने अपनी पहली पारी में उम्मीद से बेहद ही खराब प्रदर्शन किया और सिर्फ 93 रनों पर ऑल आउट हो गई। इस बीच निरंजन बेहरा ने सबसे ज्यादा 26 रन वहीं बसंत मोहंती ने 23 रन बनाए। मुंबई की ओर से धवल कुलकर्णी ने चार विकेट जबकि जहीर खान ने तीन विकेट हासिल किया।
महज 93 रनों पर ऑल आउट होने की वजह से उड़ीसा को फॉलो ऑन का सामना करना पड़ा और फॉलो ऑन मिलने के बाद भी यह टीम सिर्फ 226 रनों पर ढेर हो गई, जिसके चलते मुंबई ने एक पारी और 210 रनों के बड़े अंतर से मैच अपने नाम कर लिया। दूसरी पारी के टॉप रन स्कोरर बसंत मोहंती और लग्नजीत सामल रहे। मोहंती ने 41 जबकि सामल ने 35 रन बनाए। मुंबई की ओर से इस बार गेंदबाजी में रमेश पवार ने कमाल दिखाया और 6 सफलताएं अर्जित की। अभिषेक नायर भी पीछे नहीं रहे और उन्होंने दो विकेट चटकाए। इस तरह से एक ऐतिहासिक और बेहतरीन मुकाबले का अंत हुआ।