पाकिस्तानी बल्लेबाज: पाकिस्तान को क्रिकेट में तेज गेंदबाजों के लिए जाना जाता है कि यहाँ से बहुत अच्छे तेज गेंदबाज निकलकर आते है. ऐसा सिर्फ कहा ही नहीं जाता है बल्कि ऐसा होता भी रहा है और आज भी यही कहवत सही होती चली आ रही है. लेकिन पाकिस्तान की टीम ने दुनिया को ऐसे बल्लेबाज भी दिए है जिनकी बैटिंग देखने में अलग ही आनंद आता था. वो जब बल्लेबाजी करते थे तो मानों उनके पास बहुत समय रहता है और उन्हें अपने टैलेंट को जाया नहीं होने दिया और उसका बखूभी इस्तेमाल करते हुए अपनी टीम को बहुत से मैच जिताये है.
पाकिस्तानी बल्लेबाज नावेद लतीफ़ ने लगाया था तिहरा शतक
इस आर्टिकल में हम उस पाकिस्तानी बल्लेबाज की बात करेंगे जिसने अपनी तूफानी बल्लेबाजी के दम पर 394 रन ठोक दिए थे. दरअसल ये खिलाड़ी कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तान के बल्लेबाज नावेद लतीफ़ है. इन्होने इस पारी में 780 मिनट बल्लेबाजी की थी जिसमें उन्होंने 595 गेंदों का सामना किया था और उसमें 52 चौके और 5 छक्के की मदद से 394 रन बनाये थे. यहीं नहीं इस पारी की खासियत ये थी कि इसमें उन्होंने 238 रन सिर्फ 57 गेंदों में बाउंड्री की मदद से बनाये थे.
कयुम हसन के शतक ने बचायी थी गुजरनवाला की लाज
दरसल ये मैच क़ाइदे आज़म ट्रॉफी में गुजरनवाला और सरगोधा के बीच साल 2000 में खेला गया था. गुजरनवाला ने पहले बल्लेबजी करते हुए कयुम उल हसन के शतक की बदौलत 261 रन बनाने में सफल हुई थी. हालाँकि उनके अलावा बाकी सभी बल्लेबाज ढेर हो गए थे. सरगोधा की तरफ से सरफराज और अहमद हयात ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 4-4 विकेट लिए थे.
सरगोधा ने बनाया था पहाड़ सा स्कोर
सरगोधा की टीम से भी मिस्बाह उल हक़ ने नावेद लतीफ़ का बखूबी साथ दिया था. उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी करते हुए 93 रन बनाये थे, जबकि मोहम्मद हफीज और तनवीर हसन ने भी शानदर बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतक मारा था. जिसकी वजह से सरगोधा ने पहली पारी में 721 रन बनाये थे. सरगोधा की टीम ने पहली पारी के आधार पर 483 रनों की बढ़त बना ली थी.
ड्रा हुए मैच
गुजरनवाला की टीम दूसरी पारी में मात्र 15 ओवर ही खेल सकी और समय काम होने की वजह से मैच ड्रा पर समाप्त हो गया. गुजरनवाला की टीम ने दसरी पारी में 60 रन ही बनाये थे.