पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw): पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) भारत के सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी थे. उनको भारत का अगला सुपरस्टार माना जा रहा था और उन्होंने अपनी शुरुआत भी वैसी ही की थी. उन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में शतक लगाया था और लग रहा था कि अब वो कई सालों तक दुनिया के गेंदबाजों को डॉमिनेट करेंगे लेकिन हुआ उसका उल्टा.
उन्होंने डिसिप्लिन और फिटनेस पर ध्यान देना बंद कर दिया जिसकी वजह से वो अब टीम इंडिया और अपनी घरेलू टीम मुंबई से भी बाहर हो गए है. हालाँकि वो जब भी लय में होते है तो वो अपनी बल्लेबाजी से सामने वाली टीम से मैच बहुत जल्द छीनकर ले जाते है.
Prithvi Shaw ने खेली थी ताबड़तोड़ पारी
इस आर्टिकल में हम पृथ्वी शॉ की ऐसी पारी के बारे में जानेंगे जिसमें उन्होंने विपक्षी गेंदबाजों की धज्जियाँ उड़ाकर रख दी थी. इस मैच में पृथ्वी शॉ ने 123 गेंदों का सामना किया था जिसमें उन्होंने 21 चौके और 7 छक्कों की मदद से 185 रन बनाये थे. इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 150 का था. इस पारी में शॉ ने 126 रन सिर्फ बाउंड्री से बनाये थे.
समर्थ, चिराग और जडेजा की बदौलत सौराष्ट्र ने बनाया सम्मानजनक स्कोर
दरअसल ये मैच सौराष्ट्र और मुंबई के बीच साल 2021 में विजय हज़ारे ट्रॉफी में खेला गया था. जिसमें सौराष्ट्र की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए समर्थ व्यास, चिराग जानी और विश्वराज जडेजा के अर्धशतकों की बदौलत 50 ओवरों में 284 रन बनाये थे.
समर्थ ने 71 गेंदों में 7 चौके और 4 छक्के की मदद से 90 रन बनाये थे जबकि चिराग और जडेजा ने 53- 53 रन बनाये थे. मुंबई की तरफ से शम्स मुलानी सबसे किफायती गेंदबाज साबित हुए उन्होंने 51 रन देकर 2 विकेट लिए.
मुंबई की बड़ी जीत
मुंबई के लिए 285 रनों का लक्ष्य था. हालाँकि लक्ष्य बड़ा नहीं था लेकिन सेमीफइनल जैसे मैच में ये स्कोर भी दबाव वाला था. लेकिन मुंबई के ओपनिंग बल्लेबाजों ने बिना किसी दबाव में आये पहले विकेट के लिए दोहरी शतकीय साझेदारी कर डाली.
दोनों ने पहले विकेट के लिए 238 रन जोड़े थे. जायसवाल ने 104 गेंदों में 74 रन बनाये. जबकि शॉ ने अकेले दम पर मुंबई को ये मैच जिताने में अहम भूमिका निभाई. मुंबई की टीम ने 42वें ओवर में ही ये मैच 9 विकेट से जीत लिया.
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