पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw): पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) इंडिया के सबसे प्रतिभाशाली क्रिकेटर्स के से एक थे। उनकी काबिलियत को देखते हुए उन्हें अगला सचिन (Sachin Tendulkar) बताया जा रहा था, जिसकी झलक भी उन्होंने दिखाई थी, लेकिन वो अपने टैलेंट को सही साबित नहीं कर पाए है। हालांकि उसकी झलक वो बीच बीच में दिखाते रहे है।
पृथ्वी शॉ की शानदार पारी
इस आर्टिकल में हम जानेंगे पृथ्वी शॉ की ऐसी पारी की जिसमें उन्होंने बताया कि क्यों उन्हें इतना टैलेंटेड बल्लेबाज माना जाता है। दरअसल, ये मैच विजय हजारे ट्रॉफी में साल 2021 में मुंबई और पुडुचेरी के बीच खेला गया था। जिसमें पुडुचेरी ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया था।
हालांकि पुडुचेरी के चलते को ये नहीं पता था कि उनके साथ आगे क्या होने वाला है। मुंबई की शुरुआत तो खराब रही लेकिन पृथ्वी शॉ ने पहले आदित्य तारे के साथ मिलकर पारी को संभाला और उसके बाद सूर्यकुमार यादव के साथ मिलकर पुडुचेरी के गेंदबाजों की जमकर धुनाई की।
पृथ्वी ने लिस्ट ए में जड़ा पहला दोहरा शतक
पृथ्वी ने जल्द ही अपना शतक पूरा कर लिया लेकिन वो वहीं नहीं रुके और देखते ही देखते उन्होंने डोमेस्टिक क्रिकेट में अपना पहला दोहरा शतक जड़ दिया। पृथ्वी ने 152 गेंदों में 227 रनों की पारी खेली जिसमें 31 चौके और 5 छक्के शामिल थे। पृथ्वी के साथ साथ सूर्यकुमार यादव ने भी पुडुचेरी के कमजोर गेंदबाजों का जमकर फायदा उठाया। सूर्या ने मात्र 58 गेंद में 133 रन बनाए।
पृथ्वी के दोहरे शतक की बदौलत मुंबई ने 4 विकेट खोकर 457 रन बना लिए। पुडुचेरी की तरफ से पंकज सिंह ने 7 ओवर में 79 रन देकर 2 विकेट लिए। 458 रन के पहाड़ सा लक्ष्य का पीछा करने उतरी पुडुचेरी की टीम कभी भी मैच में नजर ही नहीं आई।
पुडुचेरी की टीम की तरफ से कप्तान दामोदरन रोहित अकेले लड़ते रहे और उन्होंने पचास जड़ा। जिसकी बदौलत पुडुचेरी की टीम 224 रनों तक पहुंच सकी। मुंबई की तरफ से प्रशांत सोलंकी ने सबसे ज्यादा 5 विकेट लिए। पृथ्वी की अविश्वसनीय पारी के लिए मैन ऑफ द मैच दिया गया।