IPL 2025: आईपीएल 2025 (IPL 2025) काफी रोमांचक रहा। इस सीजन दो ऐसी टीमें फाइनल में थी जिन्होंने अभी तक एक भी आईपीएल ट्रॉफी नहीं जीती है। आईपीएल के फाइनल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और पंजाब किंग्स (RCB vs PBKS) आमने-सामने थी। अंत में आरसीबी ने बाजी मारते हुए आईपीएल विजेता टीम की लिस्ट में अपना नाम शामिल कर दिया। आरसीबी ने 17 साल के इंतजार के बाद अपनी पहली आईपीएल ट्रॉफी जीती। उन्होंने पंजाब किंग्स को 6 रनों से मात दिया।
लेकिन इसी बीच एक दुखद खबर भी आ रही है। दरअसल आईपीएल फाइनल के बाद पंजाब के दिग्गज किलाड़ी की मौत हो गई। इस खबर से पूरा क्रिकेट जगत हिल गया है। यह सुनने के बाद रोहित शर्मा, विराट कोहली और श्रेयस अय्यर सभी सदमें में हैं।
IPL 2025 Final हारी PBKS
आर्टिकल में आगे बढ़ने से पहले बता दें कि 3 जून को आईपीएल 2025 का फाइनल मुकाबला अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में आरसीबी और पंजाब किंग्स (RCB vs PBKS) के बीच खेला गया। इस टूर्नामेंट में आरसीबी ने हर बेड़ियां तोड़कर पहली बार आईपीएल ट्रॉफी अपने नाम की।
बता दें आरसीबी ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पंजाब किंग्स को 191 रनों का टारगेट दिया। जिसका पीछे करने उतरी पंजाब की टीम महज 184 रन ही बना सकी और आरसीबी ने फाइनल मैच को 6 रनों से अपने नाम कर लिया। लेकिन IPL 2025 Final खत्म होते ही एक बुरी खबर आ रही है।
पंजाब के दिग्गज क्रिकेटर की हुई मौत
दरअसल पंजाब के दिव्यांग क्रिकेटर विक्रम सिंह (Vikram Singh) की बुधवार को ट्रेन में ही मौत हो गई। वह दिल्ली के निजामुद्दीन स्टेशन से ग्वालियर मध्य प्रदेश व्हीलचेयर क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा लेने जा रहे थे। लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई।
उनकी मृत्यु के पीछे के कारण समय पर इलाज न मिलने को बताया जा रहा है। बता दें ग्वालियर जाने के दौरान रास्ते में ही उनकी तबीयत खराब हो गई। अचानक उन्हें तेज दर्द शुरु हुआ और इलाज न मिलने के कारण मथुरा पहुंचने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
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ट्रेन में नहीं मिली कोई मदद
दिव्यांग क्रिकेटर विक्रम सिंह छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से व्हीलचेयर क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए ग्वालियर जा रहे थे। अझाई स्टेशन पहुंचने से पहले ही विक्रम की तबीयत खराब हो गई थी। उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुए उनके साथियों ने रेलवे से मदद की गुहार लगाई। लेकिन रेलवे से उन्हें कोई मदद नहीं मिली जिस कारण एक निर्दोष को अपनी जान गंवानी पड़ी।
हुआ ऐसा कि सुबह के करिब 5 बजे विक्रम के साथियों ने रेलवे हेल्पलाइन 139 पर फोन किया। लेकिन रेलवे ने जवाब दिया कि उन्हें डॉक्टर मथुरा स्टेशन पर मिलेगा। इतना ही नहीं बल्कि ट्रेन अझाई स्टेशन पर डेढ़ घंटे खड़ी रही। जिसका खामियाजा विक्रम को अपनी जान गंवाकर भरनी पड़ी।
दिए गए जांच के आदेश
इस घटना ने रेलवे की मेडिकल सहायता प्रणाली पर कई सवाल खड़े किए है। यह घटना सीधा मानवता पर चोट करती है। घटना की गंभीरता को देखते हुए रेलवे ने जांच के आदेश दिए हैं। यह केवल विक्रम की कहानी नहीं है बल्कि उन सभी यात्रियों की कहानी है जिन्हें तत्काल सुविधा की अवश्यता होती है लेकिन वह उपलब्ध नहीं कराई जाती है। बताते चलें की विक्रम के पार्थिव शरीर को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
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