संजय कृष्णमूर्ति (Sanjay Krishnamurthi): भारत में क्रिकेट गली-गली में खेला जाता है और कई सरे प्रतिभाशाली खिलाड़ी निकलकर सामने आते हैं और इसी कड़ी में अब अमेरिका ने भारत का एक होनहार खिलाड़ी चुरा लिया है और वो इंडिया को छोड़कर दूसरे देश से क्रिकेट खेल रहे हैं.
बता दें कि भारत के तमाम खिलाड़ी अमेरिका की तरफ से क्रिकेट खेलते हैं और इसी कड़ी में अब एक और नाम शामिल हो गया है. दरअसल, इस समय अमेरिका में मेजर लीग क्रिकेट 2024 (MLC 2024) खेली जा रही है और इसमें कई भारतीय खिलाड़ी खेल रहे हैं.
Sanjay Krishnamurthi ने MLC 2024 में अपने बल्ले से मचाया कोहराम
संजय कृष्णमूर्ति (Sanjay Krishnamurthi) ने मेजर लीग क्रिकेट में अपनी प्रतिभा का प्रमाण दिया और उन्होंने वाशिंगटन फ्रीडम के खिलाफ खेलते हुए सैन फ्रांसिस्को यूनिकॉर्न के लिए बेहतरीन पारी खेली और अपनी टीम को एकतरफा मैच में जीत दिलाई.
उन्होंने इस मैच में 42 गेंदों पर 5 चौके और 6 छक्के की मदद से नाबाद 79 रनों की पारी खेली और इसी के दम पर उनकी टीम ने फ्रीडम के दिए गए 175 रनों के लक्ष्य को 13.4 ओवरों में 4 विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया था. इस बेहतरीन पारी के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ़ द मैच भी चुना गया था.
भारतीय मूल के हैं Sanjay Krishnamurthi
दरअसल, संजय कृष्णमूर्ति (Sanjay Krishnamurthi) भारतीय मूल के हैं और उनके माता-पिता का सम्बन्ध भारत के कर्नाटक से है लेकिन वे अमेरिका चले गए और वहां पर संजय का जन्म कोरवालिस, ओरेगन में हुआ था, जो कि अमेरिका का ही एक राज्य है.
इस खिलाड़ी का जन्म 2 जून 2003 को हुआ था और 2011 वर्ल्ड कप का फाइनल मैच देखने के लिए भारत आये थे और इसके बाद उनके बेटे का झुकाव क्रिकेट की तरफ हो गया और इसी वजह से संजय के माता-पिता ने उनके क्रिकेट में भविष्य को देखते हुए वापस भारत में ही बसने का फैसला कर लिया.
स्पिनर के तौर पर की थी अपने करियर की शुरुआत
बता दें कि संजय (Sanjay Krishnamurthi) ने एक बार सिक्स कम्युनिटी क्रिकेट से बातचीत के दौरान बताया था कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बाएं के स्पिनर के तौर पर की थी और अंडर-16 तक स्पिन गेंदबाजी करते थे.
हालाँकि, अंडर-16 में एक बार जब वे स्कूल की तरफ से खेल रहे थे तो उन्हें उपरी क्रम में बल्लेबाजी करने का मौका मिला और उसके बाद से उन्होंने अपनी बल्लेबाजी पर अधिक ध्यान देंने का फैसला किया और अब बैटिंग कर रहे हैं. यही नहीं जब भारत में अधिक नहीं मिला तो उन्होंने वापस अमेरिका जाने का फैसला कर लिया.