Coach – आपको बता दे इंग्लैंड के खिलाफ ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज समाप्त होते ही खेल जगत से एक बेहद दुखद खबर सामने आई। दरअसल, पुर्तगाल और इंडिया में कोच के रूप में अपनी पहचान बना चुके एक शानदार कोच (Coach) का मंगलवार दोपहर 53 वर्ष की उम्र में अचानक निधन हो गया। बता दे दिल का दौरा पड़ने से हुई इस असमय मृत्यु ने दुनियाभर के फुटबॉल प्रेमियों और उनके शिष्यों को गहरे सदमे में डाल दिया है। कौन थे ये कोच (Coach) आइये जानते है।
जॉर्ज कोस्टा अब नहीं रहे
बता दे हम जिन कोच की बात कर रहे है वो कोई और नहीं जॉर्ज कोस्टा है। दरअसल, एफसी पोर्टो, जहां कोस्टा ने अपने करियर का बड़ा हिस्सा बिताया और कप्तानी भी की, ने इस दुखद समाचार की पुष्टि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर की। साथ ही क्लब ने अपने आधिकारिक बयान में लिखा, “हमने सिर्फ एक पूर्व कप्तान नहीं, बल्कि एक प्रेरक कोच (Coach), एक समर्पित योद्धा और क्लब के इतिहास का अभिन्न हिस्सा खो दिया है। कोच (Coach) जॉर्ज कोस्टा की विरासत हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगी।”
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क्लब परिसर में बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में हुई मौत
असल में मंगलवार सुबह कोच (Coach) कोस्टा को एफसी पोर्टो के ओलिवल प्रशिक्षण परिसर में अचानक अस्वस्थता महसूस हुई। ऐसे में स्टाफ ने तुरंत उन्हें पास के अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन कुछ ही समय में डॉक्टरों ने उनकी मृत्यु की पुष्टि कर दी। कोच (Coach) जॉर्ज कोस्टा की यह आकस्मिक विदाई सिर्फ एफसी पोर्टो ही नहीं, बल्कि पूरे फुटबॉल जगत के लिए एक गहरा आघात है।
‘बीस्ट’ के नाम से मशहूर कोच
इसके अलावा कोच (Coach) जॉर्ज कोस्टा को उनके जुनून, आक्रामक शैली और लीडरशिप के लिए ‘बीस्ट’ कहा जाता था। बता दे एक फुटबॉलर के रूप में उनका करियर शानदार रहा। रिकॉर्ड के हिसाब से उन्होंने अपने प्रोफेशनल करियर में कुल 530 मैच खेले, जिनमें 383 मुकाबले एफसी पोर्टो के लिए थे। वहीं 2003 में उन्होंने यूईएफए कप और 2004 में यूईएफए चैंपियंस लीग जीतकर क्लब के लिए ऐतिहासिक योगदान दिया।
और तो और कोच (Coach) जॉर्ज कोस्टा ने 8 बार पुर्तगाल लीग खिताब भी अपने नाम किया। इतना ही नहीं राष्ट्रीय टीम के लिए उन्होंने 50 मुकाबले खेले और दो गोल दागे, जो उनकी इंटरनेशनल क्लास को दर्शाता है। लेकिन एक कोच (Coach) के रूप में भी उन्होंने खुद को साबित किया।
भारत में भी कोच के तौर पर बनाई अलग पहचान
वहीं कोच (Coach) जॉर्ज कोस्टा का भारतीय फुटबॉल में योगदान भी कम नहीं रहा है। उन्होंने 2018 से 2020 तक इंडियन सुपर लीग (ISL) में मुंबई सिटी एफसी के कोच (Coach) के रूप में दो सीजन तक सेवाएं दीं। उनके नेतृत्व में टीम ने क्रमशः तीसरे और पांचवें स्थान पर रहते हुए अच्छा प्रदर्शन किया।
कोच (Coach) जॉर्ज कोस्टा की रणनीति, कठोर अनुशासन और फील्ड पर सोच ने मुंबई सिटी एफसी को नई पहचान दी। साथ ही भारतीय खिलाड़ियों ने भी उन्हें एक ऐसा कोच (Coach) माना जो खिलाड़ियों को मानसिक और तकनीकी रूप से निखारने में सक्षम था। बता दे उनकी कोचिंग शैली में अनुशासन, आक्रामकता और भावनात्मक जुड़ाव का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता था।
फुटबॉल जगत में शोक की लहर
कोच (Coach) जॉर्ज कोस्टा के निधन पर पुर्तगाल, भारत और दुनिया के कई फुटबॉल क्लबों और खिलाड़ियों ने शोक जताया है। बल्कि एफसी पोर्टो से लेकर मुंबई सिटी एफसी तक, सभी ने उन्हें एक प्रेरणादायक कोच (Coach) और शानदार इंसान बताया। बता दे पूर्व खिलाड़ियों ने कहा कि कोच (Coach) कोस्टा का हर शब्द, हर निर्देश मैदान पर बदलाव लाता था।
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