BCCI: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में टीम इंडिया को बेहद ही करारी हार झेलनी पड़ी है। जिसके चलते अब टीम इंडिया का लगातार तीसरी बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जाने का सपना टूट गया है। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 10 साल बाद हराया है।
क्योंकि, भारत ने पिछले 4 टेस्ट सीरीज अपने नाम किए थे। लेकिन ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मिली करारी हार के बाद अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को कुछ बड़े और कठिन फैसले लेने पड़ेंगे। तो चलिए जानते हैं कि, BCCI को कौन से 4 बड़े फैसले लेने चाहिए……
BCCI को लेने चाहिए ये 4 बड़े फैसले!
घरेलु क्रिकेट खेलना करे जरूरी
भारतीय क्रिकेट टीम में अभी कई ऐसे खिलाड़ी हैं। जो की घरेलु क्रिकेट खेलने से मुँह छिपाते हैं और इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने के लिए सबसे पहले राजी होते हैं। अब इंटरनेशनल टीम के खिलाड़ी जैसे रोहित शर्मा, विराट कोहली, केएल राहुल और मोहम्मद सिराज घरेलु क्रिकेट में नहीं खेलते हैं। जिसके चलते उनका खराब फॉर्म टीम इंडिया की हार का कारण बन रहा है। जिसके चलते अब बीसीसीआई (BCCI) को घरेलु क्रिकेट खेलना अब सभी खिलाड़ियों को अनिवार्य कर देना चाहिए।
खराब फॉर्म में चल रहे खिलाड़ियों को दिखाए बाहर का रास्ता
बीसीसीआई दूसरा बड़ा एक्शन खराब फॉर्म में चल रहे खिलाड़ियों को बाहर करके ले सकती है। टीम इंडिया में अभी कई ऐसे खिलाड़ी हैं। जिनके बल्ले से रन नहीं निकल रहे हैं। जिसके बाद भी उन खिलाड़ियों को लगातार टीम इंडिया में मौका दिया जा रहा है। खराब फॉर्म के चलते टीम इंडिया को अब ऑस्ट्रेलिया में भी हार का सामना करना पड़ा है।
कप्तान बदलने की आई बारी
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया के टेस्ट फॉर्मेट में प्रदर्शन खराब रहा है। जिसके बाद भी रोहित ही टीम की कप्तानी कर रहे हैं। लेकिन अब बड़े फैसले लेने की बारी आ चुकी है और रोहित शर्मा को कप्तानी से हटाकर उन्हें टीम से बाहर कर देना चाहिए। क्योंकि, रोहित शर्मा का फॉर्म भी बेहद खराब रहा है। रोहित शर्मा की जगह टीम इंडिया की टेस्ट कप्तानी तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को सौंप देनी चाहिए।
सही टीम का हो चयन
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में कुछ ऐसे खिलाड़ियों को मौका मिला था। जिनके चयन पर जमकर सवाल उठे थे। जिसके चलते अब समय आ गया है कि, किसी भी सीरीज या टूर्नामेंट के लिए बीसीसीआई को एक संतुलित टीम चुननी चाहिए। जिसमें सीनियर और युवा खिलाड़ियों को मौका है। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में कई युवा खिलाड़ी थे और वह पहली बार ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर टेस्ट खेल रहे थे। जिसके चलते भी भारत को इस सीरीज में हार मिली है।