Lord Test: टीम इंडिया इस समय इंग्लैंड में है और टेस्ट सीरीज खेल रही है। पहला मैच भारत ने गंवाया है जबकि दूसरा भारत ने जीता है। अब इसी बीच कोच बदलने की खबर सामने आई है।
दरअसल, पूर्व तेज गेंदबाज अतुल रानाडे, जो हाल ही में रणजी ट्रॉफी विजेता विदर्भ टीम के सहायक कोच थे, अब मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) से जुड़ गए हैं। बता दे सोमवार (7 जुलाई 2025) को उन्हें मुंबई की सीनियर टीम का असिस्टेंट कोच नियुक्त किया गया।
विदर्भ के साथ शानदार सफर
दरअसल, अतुल रानाडे ने पिछले दो सालों तक विदर्भ टीम के साथ बतौर सहायक कोच काम किया। इस दौरान विदर्भ दोनों बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल तक पहुंचा, और 2024-25 सीजन में तो टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए खिताब अपने नाम किया। इस सफर में विदर्भ ने लगातार 10 मुकाबले जीते, जो किसी भी टीम के लिए अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
याद दिला दे फाइनल में विदर्भ ने केरल को हराकर ट्रॉफी जीती, वहीं सेमीफाइनल में नागपुर के जामठा मैदान पर उन्होंने पिछले सीजन की चैंपियन मुंबई को 80 रनों से हराकर बदला लिया। इससे पहले 2023-24 के फाइनल में मुंबई ने विदर्भ को 169 रन से हराया था, जिसकी भरपाई इस बार विदर्भ ने कर दी।
मुंबई वापसी पर रानाडे की खुशी
मुंबई लौटने पर रानाडे ने कहा: “विदर्भ के साथ दो शानदार साल बिताने के बाद अब अपने जन्मस्थान, मुंबई लौटकर बेहद खुश हूं। मुंबई की रणजी टीम का हिस्सा बनना हमेशा गर्व की बात होती है।” तो वहीं अतुल रानाडे इससे पहले 2022-23 सीज़न में मुंबई के फील्डिंग कोच भी रह चुके हैं, जब टीम ने अपनी पहली सैयद मुश्ताक अली T20 ट्रॉफी जीती थी।
उन्होंने बताया कि मुंबई क्रिकेट से उनका गहरा भावनात्मक जुड़ाव है।
इसके अलावा रानाडे ने बोले “1996-97 के उस ऐतिहासिक साल में जब मुंबई ने Wills Trophy, Ranji Trophy और Irani Cup — तीनों BCCI टूर्नामेंट जीते थे, तब मैं टीम का हिस्सा था। इसके बाद जब मैं फील्डिंग कोच बना तो हमने पहली बार सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जीती। इसलिए मुंबई क्रिकेट मेरे लिए बहुत खास है।”
कोचिंग अनुभव और रणजी जीत की वजह
रानाडे ने बताया कि मुंबई में वह तीन सीज़न फील्डिंग कोच रहे और विदर्भ में दो साल असिस्टेंट कोच के तौर पर। दोनों बार टीम फाइनल में पहुंची और इस बार तो ट्रॉफी भी जीती। रणजी ट्रॉफी 2024-25 में विदर्भ की जीत के पीछे के कारणों को बताते हुए उन्होंने कहा: “हमने पूरी टीम को एक लक्ष्य के लिए एकजुट किया।
बल्लेबाज़ी, गेंदबाज़ी और फील्डिंग — तीनों विभागों में शानदार तालमेल था। पिछले साल फाइनल हारने के बाद इस साल जीत की भूख और भी ज़्यादा थी। सबसे बड़ी संतुष्टि की बात ये थी कि हम पूरे सीज़न में एक भी मैच नहीं हारे। 10 में 10 मैच जीतना एक दुर्लभ उपलब्धि है।”
मुंबई टीम की कोचिंग टीम
मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) ने 2 जुलाई को घोषणा की थी कि ओंकार साल्वी को मुंबई सीनियर टीम का मुख्य कोच बनाए रखा जाएगा, और संजय पाटिल चीफ सिलेक्टर के रूप में बने रहेंगे। अब रानाडे को सहायक कोच की भूमिका दी गई है, जिससे मुंबई की कोचिंग टीम और मजबूत हो गई है।
अतुल रानाडे का कोचिंग सफर लगातार सफलताओं से भरा रहा है — मुंबई की T20 ट्रॉफी जीत हो या विदर्भ की रणजी ट्रॉफी में अपराजेय यात्रा।
अब उनकी वापसी से मुंबई टीम को नया अनुभव, रणनीति और प्रेरणा मिलेगी। सभी की निगाहें अब इस बात पर होंगी कि वह मुंबई को एक बार फिर चैंपियन बनाने में कैसे मदद करते हैं।
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