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बाउंसबैक करना इन 2 टीमों के खून में है, अभी कर रहे ख़राब प्रदर्शन, लेकिन अगले महीने खेलेंगे प्लेऑफ के मैच

Bounceback is in the blood of these 2 teams, they are performing poorly right now but will play playoff matches next month

Playoff: आईपीएल 2025 (IPL 2025) अब अपने बीच फेज में पहुँच गया है जहाँ पर अब टीमों के लिए हर एक मैच काफी जरुरी हो गया है और यहाँ से जो भी टीम मैच हारेगी उसका प्लेऑफ के लिए जाना मुश्किल हो सकता है. आईपीएल (IPL) की सबसे सफल टीमें चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस है. दोनों ने अभी तक पांच पांच ख़िताब जीते है लेकिन इस सीजन उनकी शुरुआत काफी ख़राब हुई है लेकिन अभी भी ये टीमें बॉउंसबैक कर सकती है. इन टीमों ने पहले भी ये कारनामा कर रखा है और इस बार भी ये ऐसा कर सकती है. तो चलिए जानते हैं कि कैसे ये दोनों टीमें इस बार प्लेऑफ ( Playoff) के लिए क्वालीफाई कर सकती है.

7 मैच जीत करके Playoff में जा सकती है MI

बाउंसबैक करना इन 2 टीमों के खून में है, अभी कर रहे ख़राब प्रदर्शन, लेकिन अगले महीने खेलेंगे प्लेऑफ के मैच 1

मुंबई इंडियंस ने इस सीजन अभी तक 5 मैच खेले है और उसमें उन्होंने 1 मैच में जीत दर्ज की है जबकि 4 मैचों में हार का समाना करना पड़ रहा है. इस प्रदर्शन के चलते मुंबई की टीम इस समय पॉइंट्स टेबल में नंबर 8 पर है. मुंबई को इस सीजन अभी 9 मैच और खेलने है जिसमें उनको प्लेऑफ में पहुँचने के लिए 7 मैच जीतने है और वो आसानी से प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई कर सकते है. अगर मुंबई 7 मैच जीत जाती है तो वो 8 मैचों में जीत के साथ 16 अंक अर्जित कर लेंगे।

बुमराह की वापसी से मजबूत हुई मुंबईं इंडियंस

 

अगर कोई टीम 16 पॉइंट्स जीत जाती है तो उसके प्लेऑफ में जाने से कोई नहीं रोक सकता है. मुंबई की टीम इस सीजन काफी मजबूत है और उसमें अब जसप्रीत बुमराह की भी वापसी हो गयी है जिससे उनकी टीम पहले के मुकाबले ज्यादा ताकतवर दिख रही है. मुंबई की टीम को वैसे भी स्लो स्टार्टर माना जाता है. वो हमेशा अपने शुरुआती कुछ मैच जीतने के बाद ही प्लेऑफ में क्वालीफाई करती है. ऐसा ही नहीं एक दशक पहले 2015 में मुंबई की टीम ने शुरुआती 5 मुकाबलों में 1 मैच जीता था उसके बाद भी उन्होंने अगले 9 मैचों में कमबैक कर लिया था और वो उस सीजन न सिर्फ प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई की थी बल्कि आईपीएल भी जीता था.

हार्दिक के पास हैं चैंपियनशिप जिताने की काबिलियत

मुंबई की कप्तानी इस बार हार्दिक पंड्या कर रहे है और वो इसके पहले आईपीएल भी जीत चुके है और उन्हें पता है कि कैसे अपनी टीम को न सिर्फ प्लेऑफ में लेकर जाना है बल्कि चैंपियनशिप भी जिताना है. मुंबई की टीम अगर बचे हुए 9 मैचों में 6 मैच भी जीतती है तो वो प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई कर सकती है लेकिन उसमें उनकी किस्मत उनके हाथ में नहीं होगी बल्कि दूसरों पर निर्भर रहना पड़ेगा. इस स्थिति में मुंबई की टीम को अपना नेट रन रेट पॉजिटिव में रखना होगा और कोशिश करनी होगी कि वो कोई भी मैच ज्यादा अंतर से न हारे.

6 मैच जीतकर भी कर सकती है क्वालीफाई

अगर मुंबई की टीम अपने बचे हुए मुकाबलों में 6 मैच जीतती है तो उनके 14 पॉइंट्स हो जायेंगे और अक्सर टीमें इतने पॉइंट्स में प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई कर चुकी है. मुंबई की टीम पिछले कई सालों से आईपीएल नहीं जीती है और जिस तरीके से इस बार मुंबई में बड़े नामों की कोचिंग सेटअप में वापसी हुई है उसको देखकर लगता है कि वो इस बार ख़िताब के लिए पूरी जान लगा देंगे.

मुंबई ने अपना आखिरी ख़िताब साल 2020 में जीता था उसके बाद से वो एक बार प्लेऑफ में गयी है लेकिन फाइनल नहीं जीता है. मुंबई इंडियंस के सबसे सफल कोच महिला जयवर्धने की एक बार फिर से बतौर कोच टीम में वापसी हुई है और टीम इस बार पिछली बार से ज्यादा एकजुट दिख रही है. मुंबई की टीम अगर एक बार जीतना शुरू हो गयी तो उसे रोकना काफी मुश्किल होने वाला है.

CSK की नजरें वापसी पर

आईपीएल की एक और सबसे सफल टीम चेन्नई सुपर किंग्स की भी शुरुआत इस बार काफी ख़राब हुई है. चेन्नई और मुंबई एक ही नाव पर सवार है. दोनों ने बराबर मैच खेले है और बराबर मैचों में जीत दर्ज की है. चेन्नई की टीम को डीजल इंजन बोला जाता है जो शुरुआत तो धीरे करता है लेकिन जब अपनी गति पकड़ता है तो उसे रोकना काफी मुश्किल हो जाता है. कहते हैं कि इतिहास से हमेशा सीख लेते रहना चाहिए क्योंकि वो बहुत कुछ सिखाता है. अगर इतिहास को देखें, तो आज तक आईपीएल में कभी ऐसा नहीं हुआ है कि एमएस धोनी के बिना दो आईपीएल फाइनल खेले गए हो.

अभी भी टॉप टू में पहुंचा सकती है CSK

चेन्नई की टीम पिछली बार प्लेऑफ में नहीं पहुँच पायी थी लेकिन वो हमेशा अपने कमबैक के लिए जानी जाती है. साल 2020 और 2022 उसके परफेक्ट उदहारण है जब टीम प्लेऑफ में नहीं पहुंची थी और उसके अगले साल ही उन्होंने ख़िताब जीते थे. इसलिए इस बार भी ऐसा हो सकता है. चेन्नई को भी अभी 9 मैच खेलने है जिसमें से अगर वो 8 मैच जीत जाती है तो वो टॉप टू में भी फिनिश कर सकती है. इस स्थिति में चेन्नई के पास 18 पॉइंट हो सकते है और वो आसानी से टॉप टू फिनिश कर सकती है. टॉप टू में फिनिश करने का फायदा भी होता है कि उन्हें फाइनल में पहुंचें का एक अतिरिक्त मौका मिलता है.

7 जीत और प्लेऑफ की सीट हो सकती है पक्की

जबकि अगर वो 7 मैचों में जीत दर्ज करती है तो उनके 16 पॉइंट्स हो जायेंगे और वो बड़े आराम से प्लेऑफ में अपनी जगह बना सकती है. वहीँ चेन्नई के पास एक और समीकरण है कि वो अपने अगले 6 मुकाबले जीतकर भी प्लेऑफ में जगह बना सकती है लेकिन उस समय चेन्नई को दूसरी टीमों के भी नतीजे अपने हक़ में हो वरना उनके लिए मुश्किलात आ सकती है. यहीं नहीं इस स्थिति में चेन्नई की टीम को अच्छे खासे मार्जिन से भी मैच जीतना होगा ताकि नेट रन रेट का मसला आड़े न आये.

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