Cheteshwar Pujara best innings: भारतीय टीम के नंबर तीन के दिग्गज बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया है। वो चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) जिन्हें राहुल द्रविड़ के बाद भारत की दीवार कहा जाता था आखिरकार वो दीवार अब ढह गई है। चेतेश्वर पुजारा अब आपको न केवल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बल्कि घरेलू क्रिकेट में भी खेलते हुए नजर नहीं आएंगे। उन्होंने हर प्रारूप से रिटायरमेंट का ऐलान किया है।
Cheteshwar Pujara का टेस्ट करियर
भारतीय टीम की दीवार कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) ने अपने टेस्ट करियर में 103 टेस्ट मैच खेले। इन 103 टेस्ट मैच की 176 पारियों में चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) ने 7195 रन बनाए। चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) का टेस्ट फॉर्मेट में औसत 43.61 का रहा।
तो वहीं उन्होंने अपने करियर में 35 अर्धशतक और 19 शतक लगाए। चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) ने भारत के लिए 5 वनडे मुकाबले भी खेले। लेकिन इन पांच वनडे मुकाबले में उन्होंने सिर्फ 51 रन बनाए। चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) ने भारत के लिए 2013 से 2014 के बीच में पांच वनडे मुकाबले खेले। वहीं अगर चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) के टेस्ट करियर की बात की जाए तो उन्होंने 2010 में भारत के लिए टेस्ट डेब्यू किया था और 2023 में उन्होंने भारत के लिए आखिरी टेस्ट मैच खेला।
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यह तो चेतेश्वर पुजारा(Cheteshwar Pujara) के करियर की हमने बात कर ली। लेकिन उनके करियर में उनकी कौनसी सबसे खास और बेहतरीन पारियां रही जिन्होंने टीम इंडिया (Team India) को संकट से उबारा और टीम इंडिया की लाज बचाई? तो हम आपको उनकी पांच सबसे बेहतरीन पारियों के बारे में इस लेख में बताने जा रहे हैं।
Cheteshwar Pujara best innings: 6 सबसे बेहतरीन पारियां
145 रन बनाम श्रीलंका, कोलंबो, तीसरा टेस्ट, 28 अगस्त – 1 सितंबर 2015
भारतीय टीम के टेस्ट बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) का फॉर्म इससे पहले कुछ खास नहीं था. वह टेस्ट टीम में वापसी कर रहे थे। टेस्ट टीम में वापसी करते हुए, चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) को सीरीज़ के निर्णायक मुकाबले में सलामी बल्लेबाज़ी की जिम्मेदारी सौंपी गयी।
कोलंबो का प्रतिस्पर्धी विकेट तेज़ गेंदबाज़ों और स्पिनरों, दोनों के लिए काफी मददगार था, और शुरुआत में ही इसने अपने कमाल दिखाए।
चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) ने अपनी पारी को संभाले रखा, जबकि भारत का शीर्ष और मध्यक्रम श्रीलंका की अच्छी गेंदबाजी के आगे सस्ते में ढेर हो गया। पुछल्ले बल्लेबाजों का भरपूर साथ देते हुए, पुजारा ने अपनी टीम को 312 के मज़बूत स्कोर तक पहुँचाया। सौराष्ट्र के इस बल्लेबाज ने अपनी पारी में 14 चौके लगाए और शानदार प्रदर्शन किया।
भारतीय टीम के दिग्गज बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) अंत तक नाबाद रहे और सुनील गावस्कर, वीरेंद्र सहवाग और राहुल द्रविड़ के बाद बल्लेबाजी करने वाले चौथे भारतीय बल्लेबाज़ बने। उन्होंने तीसरी पारी में भी दमदार प्रदर्शन करते हुए श्रीलंका के सामने 386 रनों का लक्ष्य रखा। अंत में भारत ने टेस्ट मैच को जीता और 2-1 से सीरीज अपने नाम की। और पुजारा ने अपनी पारी के बदौलत टीम इंडिया को जीत दिलाई।
206* और 41* बनाम इंग्लैंड, पहला टेस्ट, अहमदाबाद, 15-19 नवंबर 2012
भारतीय टीम के दिग्गज बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) ने अपने टेस्ट करियर की बेहतरीन शुरुआत में ज्यादा वक्त नहीं लिया था। चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) को अपना दोहरा शतक बनाने में सिर्फ 6 टेस्ट मैच का ही इंतजार करना पड़ा। 2012 में पटौदी ट्रॉफी में घरेलू सीरीज में भारतीय टीम को एक बेहतरीन शुरुआत की जरूरत थी और चेतेश्वर पुजारा ने बिल्कुल वही किया।
चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) ने अहमदाबाद में खेले गए पहले टेस्ट मैच में लगभग आठ घंटे में 21 चौकों की मदद से 206* रन बनाए, जिससे भारत को अच्छी शुरुआत मिली। इसकी बदौलत उन्होंने 521/8 का मजबूत स्कोर बनाया और मेहमान टीम को दो दिन तक मैदान में नहीं उतरने दिया।
भारत के स्पिनरों ने इंग्लैंड को पहली पारी में ही ढेर कर दिया और उसे फॉलोऑन खेलने पर मजबूर होना पड़ा।
इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी में कुछ संघर्ष दिखाया, लेकिन भारत के लिए कोई चुनौतीपूर्ण स्कोर नहीं बना सका। घरेलू टीम ने मैच नौ विकेट से जीत लिया। पुजारा ने दूसरी पारी में 41* रन बनाए। इस तरह से भारत ने अहमदाबाद टेस्ट जीतकर 1-0 की बढ़त बना ली थी। यहां से पुजारा के टेस्ट करियर की शानदार शुरुआत हुई थी।
132* बनाम इंग्लैंड, साउथेम्प्टन, चौथा टेस्ट, 30 अगस्त – 2 सितंबर 2018
2018 में भारतीय टीम इंग्लैंड के दौरे पर थी और टीम का प्रदर्शन कुछ खास नहीं चल रहा था। साउथेम्प्टन में इंग्लैंड के पहले बल्लेबाजी करने के फैसले के बाद, भारतीय तेज गेंदबाजों ने मोर्चा संभाला और आठ विकेट लेकर मेजबान टीम को 246 रनों पर ढेर कर दिया।
भारतीय पारी के दौरान, घरेलू टीम ने परिचित परिस्थितियों का भरपूर फायदा उठाया, लेकिन पुजारा ने बड़े अनुशासन के साथ बल्लेबाजी की। उन्होंने 257 गेंदों का सामना करते हुए 16 चौके लगाए। मैच में भारत के अन्य बल्लेबाजों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा और मोईन अली (5/63) के सामने टीम का स्कोर 181-4 से 195-8 पर आ गया।
हालांकि इसके बावजूद चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) के नाबाद शतक ने भारत को बढ़त दिलाने में मदद की। उन्होंने इशांत और जसप्रीत बुमराह के साथ मिलकर भारत को 273 रनों तक पहुँचाया। हालाँकि, मेहमान टीम इस मामूली बढ़त को बरकरार नहीं रख पाई और इंग्लैंड ने भारत के सामने एक मुश्किल लक्ष्य रखा। मोईन अली ने वापसी करते हुए 71 रन देकर 4 विकेट चटकाए और इंग्लैंड ने 60 रनों से मैच जीत लिया।
पुजारा के बाद भारत का दूसरा सर्वश्रेष्ठ स्कोर कोहली का 58 रन था। इंग्लैंड की सरजमी पर चेतेश्वर पुजारा का यह पहला शतक भी था।
123 और 71 बनाम ऑस्ट्रेलिया, एडिलेड, पहला टेस्ट, 6-10 दिसंबर 2018
साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड में भारतीय टीम को टेस्ट सीरीज में हार मिली थी. और अब भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर थी जहां पर भारत ने कभी भी टेस्ट सीरीज नहीं जीती थी। ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीत का सपना लेकर मैदान में उतरी भारतीय टीम की शुरुआत एडिलेड टेस्ट मैच में बेहद खराब रही और भारतीय टीम के तीन विकेट 40 रनों के भीतर ही गिर गए थे।
पुजारा एक छोर संभाले हुए संघर्ष कर रहे थे और दूसरी छोर से बल्लेबाज आउट होते जा रहे थे।
भारतीय टीम के दिग्गज बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) ने एडिलेड टेस्ट की पहली पारी में अपनी टीम के कुल स्कोर (250) का लगभग आधा स्कोर बनाया और सुनिश्चित किया कि भारतीय गेंदबाजों के पास भी कुछ करने को हो।
गेंदबाजों ने जवाब में अपनी टीम को 15 रनों की बढ़त दिला दी। पुजारा ने दूसरी पारी में भी 71 रनों की पारी खेली और अपनी टीम को 307 रनों तक पहुँचाया। वह दोनों पारियों में भारत के सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे।
ऑस्ट्रेलिया ने चौथी पारी में संघर्ष किया, लेकिन 323 रनों के लक्ष्य से 31 रन पीछे रह गया। पुजारा भारत की ऐतिहासिक पहली सीरीज़ जीत में ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी (521 रन) बने। पुजारा को प्लेयर ऑफ़ द सीरीज के खिताब से भी नवाजा गया।
50 और 77 बनाम ऑस्ट्रेलिया, सिडनी, तीसरा टेस्ट, 7-11 जनवरी 2021
2021 में जब भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गई तब हर किसी को पता था कि एडिलेड टेस्ट मैच के बाद विराट कोहली टीम इंडिया को छोड़कर वापस भारत लौट जाएंगे। एडिलेड में शर्मनाक हार के बाद 36 रन पर आउट होने के बाद, भारत ने मेलबर्न में वापसी करते हुए सीरीज़ 1-1 से बराबर कर ली।
हालाँकि, हर तरफ से चोटों से जूझ रही टीम को, दबदबे वाली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी बरकरार रखने के लिए किसी चमत्कार की ज़रूरत थी। टीम के पास विराट कोहली भी मौजूद नहीं थे और अब पूरी जिम्मेदारी चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) के ऊपर थी। क्योंकि पुजारा पहले भी ऑस्ट्रेलिया में दमदार प्रदर्शन कर चुके थे।
पुजारा उन खिलाड़ियों में शामिल थे जिन्होंने पाँचवें दिन दो शानदार पारियाँ खेलकर भारत को ट्रॉफी बचाने में मदद की। पहली पारी सिडनी में आई थी जहाँ उन्होंने 205 गेंदों में 77 रनों की पारी खेलकर मेहमान टीम को ड्रॉ कराने में मदद की थी। उन्होंने ऋषभ पंत की 148 रनों की साझेदारी की और भारत को मैच में बराबरी दिलाने में मदद की। टेस्ट मैच बचाने में उनका पाँच घंटे का योगदान अहम रहा। और यह पुजारा की सबसे बेहतरीन पारियों में से एक भी हो सकती है।
25 और 56 बनाम ऑस्ट्रेलिया, ब्रिस्बेन, चौथा टेस्ट, 15-19 जनवरी 2021
फिलहाल सीरीज 1-1 से बराबर थी। 2018 में सीरीज जीतने वाली भारतीय टीम को अगर दोबारा से ऑस्ट्रेलिया में जीत हासिल करनी थी तो इस टेस्ट मैच को जीतना जरूरी था। पहली पारी में उन्होंने 25 रन बनाए। जबकि दूसरी पारी में 56 रन। पुजारा ने उछाल भरी पिच पर अपनी साहसिक पारी के दौरान लगातार झटके खाए, सिर, छाती, जांघों से लेकर बाजुओं तक, शरीर पर चोट के निशान झेले।
उन्होंने शानदार बल्लेबाज़ शुभमन गिल (91) के साथ तीसरे विकेट के लिए 114 रनों और पंत (89*) के साथ पाँचवें विकेट के लिए 61 रनों की साझेदारी करके भारत को जीत के और करीब पहुँचाया। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को तीन विकेट से हराकर ऑस्ट्रेलिया में प्रसिद्ध श्रृंखला जीत हासिल की। और पुजारा एक बार फिर से छा गए।