KKR – दरअसल, भारतीय क्रिकेट में कई ऐसे शानदार खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने सीमित ओवरों के फॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन किया लेकिन लाल गेंद के खेल यानी टेस्ट क्रिकेट में उन्हें कभी मौका नहीं मिल पाया। और इन्हीं खिलाड़ियों में शामिल हैं कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती। तो फिर आईपीएल (IPL) और टी20 इंटरनेशनल में लगातार अपने हुनर से धूम मचाने वाले वरुण को अब तक टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू का मौका क्यों नहीं मिल पाया है। जबकि कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के कोच गौतम गंभीर थे!
वरुण की शुरुआत और KKR से रिश्ता
इसमें कोई दो राय नहीं है कि वरुण चक्रवर्ती का सफर बेहद दिलचस्प रहा है। याद दिला दे शुरुआत में वह एक तेज गेंदबाज थे, लेकिन घुटने की चोट के बाद उन्होंने अपने करियर को नई दिशा दी और स्पिन गेंदबाज बन गए। फिर साल 2018-19 में तमिलनाडु प्रीमियर लीग से उन्हें पहचान मिली और जल्द ही वह कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) का अहम हिस्सा बन गए।
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कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) में रहते हुए उन्हें गौतम गंभीर जैसे दिग्गजों का मार्गदर्शन मिला। हालांकि, गंभीर के साथ नजदीकी होने के बावजूद वरुण को लगता है कि उनके करियर का एक अहम सपना—टेस्ट डेब्यू—शायद अधूरा ही रह जाएगा।
आईपीएल और एशिया कप से मिली पहचान
असल में आईपीएल (IPL) 2022 और 2023 में वरुण ने शानदार गेंदबाजी की। उन्होंने क्रमशः 20 और 21 विकेट लेकर कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) को कई मुकाबलों में जीत दिलाई। साल 2024 में तो कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) ने खिताब भी जीता और इस दौरान वरुण टीम का बड़ा हथियार साबित हुए। क्यूंकि उनके इसी प्रदर्शन का नतीजा था कि उन्हें भारत की व्हाइट बॉल टीम में जगह मिली। और तो और एशिया कप (Asia Cup) और उसके बाद हुए कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में उन्होंने लगातार विकेट लेकर खुद को साबित किया। खासकर एशिया कप (Asia Cup) के दौरान उनके प्रदर्शन ने उन्हें टीम का ‘मैच विनर’ बना दिया।
क्यों नहीं मिलेगा टेस्ट का मौका?
आपको बात दे हाल ही में एक पॉडकास्ट में वरुण ने खुद इस राज़ से पर्दा उठाया। दरअसल, उन्होंने कहा कि उनका गेंदबाजी स्टाइल टेस्ट क्रिकेट के लिए उपयुक्त नहीं है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा – “टेस्ट क्रिकेट में आपको एक दिन में 20-30 ओवर गेंदबाजी करनी होती है, लेकिन मेरी शैली तेज स्पिन की है और मैं ज्यादा से ज्यादा 10-15 ओवर ही डाल सकता हूं। शायद यही कारण है कि मुझे लगता है कि मैं कभी टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल पाऊंगा।” साथ ही उनका मानना है कि टेस्ट क्रिकेट में लंबी स्पेल फेंकने की ज़रूरत होती है, जबकि उनकी ताकत छोटे स्पेल में बल्लेबाजों को चौंकाना है।
चैंपियंस ट्रॉफी और सूर्या की कप्तानी में निखरे
और तो और वरुण चक्रवर्ती ने हाल ही में चैंपियंस ट्रॉफी में भी भारत के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया था। याद दिला दे वह टूर्नामेंट में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे और भारत को खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई। साथ ही इस दौरान उन्होंने कप्तान सूर्यकुमार यादव की तारीफ करते हुए कहा कि सूर्या का नेतृत्व स्टाइल बिल्कुल रोहित शर्मा जैसा है और वह गेंदबाजों को पूरा आत्मविश्वास देते हैं।
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