New Zealand’s Team All Out on 13: क्रिकेट में सबसे मुश्किल फॉर्मेट के रूप में टेस्ट का नाम लिया जाता है। इस फॉर्मेट में सफलता हासिल करने लिए खिलाड़ी के पास धैर्य और स्किल्स होना बहुत जरूरी है। कई बार स्किल वाले खिलाड़ी धैर्य की कमी के कारण अपना विकेट गंवा देते हैं। वहीं गेंदबाजों को भी बल्लेबाजों को फंसाने के लिए लगातार एक ही लाइन और लेंथ को पकड़कर रखना होता है, तभी उन्हें सफलता मिली है। इंटरेनशनल लेवल पर टेस्ट क्रिकेट खेलने का रास्ता खिलाड़ियों के लिए घरेलू क्रिकेट से तैयार होता है।
हर देश में फर्स्ट क्लास क्रिकेट के टूर्नामेंट खेले जाते हैं और उसी के माध्यम से काफी सारे खिलाड़ी अपने देश की टीम में जलवा दिखाने के लिए शामिल होते हैं। भारत में रणजी ट्रॉफी और दलीप ट्रॉफी के रूप में मुख्य रेड बॉल टूर्नामेंट होते हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया में शेफील्ड शील्ड और इंग्लैंड में काउंटी चैंपियनशिप होती है। अन्य देशों में भी अलग-अलग नाम से रेड बॉल टूर्नामेंट खेले जाते हैं। टेस्ट क्रिकेट में कई बार टीमों को बहुत बड़े टोटल बनाते देखा गया है लेकिन कई बार गेंदबाजों के हावी पर होने पर टीमें बेहद सस्ते में निपट जाती है।
2020-21 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया महज 36 रनों पर ढेर हो गई थी, जो उसका टेस्ट क्रिकेट में सबसे छोटा टोटल है। टेस्ट में सबसे कम स्कोर का रिकॉर्ड न्यूजीलैंड के नाम दर्ज है, जो 1955 में इंग्लैंड के खिलाफ महज 26 रन पर सिमट गई थी। फर्स्ट क्लास में द बीएस के नाम 6 रन का सबसे छोटा स्कोर दर्ज है। न्यूजीलैंड की एक टीम भी शर्मनाक रिकॉर्ड बना चुकी है, जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
न्यूजीलैंड की ये टीम महज 13 रन पर हो गई थी ढेर
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सबसे छोटा स्कोर बनाने के मामले में न्यूजीलैंड की घरेलू टीम ऑकलैंड का नाम भी शामिल है। ऑकलैंड को घरेलू मैच में शर्मसार होना पड़ा था, जब पूरी टीम 30 ओवर से ज्यादा खेलने के बावजूद सिर्फ 13 रन बनाकर ढेर हो गई थी। 1877 में कैंटरबरी और ऑकलैंड के बीच मैच में गेंदबाजों का दबदबा देखने को मिला था।
ऑकलैंड के गेंदबाजों को कैंटरबरी की पहली पारी को सिर्फ 93 पर समेट दिया था। इसके बाद, ऑकलैंड ने बल्लेबाजी करते हुए 163 रन बनाए और 70 रनों की अहम बढ़त हासिल की। अपनी दूसरी पार में कैंटरबरी ने 135 रन बनाए लेकिन पहली पारी की बढ़त के कारण ऑकलैंड को जीत के लिए 122 का टारगेट मिला। उम्मीद की जा रही थी कि इस छोटे टारगेट को ऑकलैंड की टीम आसानी से हासिल कर लेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
ऑकलैंड की पूरी टीम सिर्फ 13 रन ही बना पाई और 31वें ओवर में ऑल आउट हो गई। कैंटरबरी ने मैच को 108 रनों से अपने नाम करने में सफलता पाई। ऑकलैंड की पारी का इतना बुरा हाल था कि सिर्फ 4 बल्लेबाज अपना खाता खोल पाए और उन्होंने मिलकर 5 रन बनाए। बाकी के 8 रन एक्स्ट्रा के रूप में आए। कैंटरबरी के डेविड एश्बी ने 5 और विलियम फ्रिथ ने 3 विकेट अपने नाम किए, जबकि बाकी 2 विकेट रन आउट से गिरे।
फर्स्ट क्लास क्रिकेट इतिहास के 5 सबसे छोटे टोटल
1. 6 रन – द बीएस बनाम इंग्लैंड, 1810
2. 12 – ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी बनाम एमसीसी, 1877
3. 12 – नॉर्थैम्पटनशायर बनाम ग्लूस्टरशायर, 1907
4. 13 – ऑकलैंड बनाम कैंटरबरी, 1877
5. 13 – नॉटिंघमशायर बनाम यॉर्कशायर, 1901