Jay Shah: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सचिव जय शाह (Jay Sha) को हाल ही में क्रिकेट की वैश्विक संस्था अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) का चेयरमैन बनाया गया है। इससे पहले जय शाह पर कई आरोप लगते रहे हैं कि उन्होंने नेपोटिज्म के जरिये बीसीसीआई में जगह बनाई है। क्योंकि उनके पिता अमित शाह देश के बड़े नेताओं में से एक हैं। देखा जाए तो किसी भी आम आदमी के लिए बीसीसीआई (BCCI) तक पहुंचना काफी कठिन है, लेकिन अगर हम जय शाह (Jay Shah) के काम नजर डालें, तो उन्होंने कई सारे क्रांतिकारी काम किए हैं।
Jay Shah ने किए कई जरुरी बदलाव
भारत में क्रिकेट को पूजा जाता है और टीम इंडिया के फैंस अपने खिलाड़ियों के साथ खेल के अधिकारियों और प्रशासकों से बेहतर काम की उम्मीद रखते हैं, जो दुनिया में बीसीसीआई का दबदबा कायम कर सकें। ऐसे में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सचिव के रूप में, जय शाह ने अपने कुशल नेतृत्व, दूरदर्शी नीतियों और रणनीतियों से भारतीय क्रिकेट को बहुत कुछ दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कई सारे बदलाव किए जो बीसीसीआई के कापी लाभदायक साबित हुए।
घरेलू क्रिकेट में बड़ा बदलाव
शाह के प्रमुख योगदानों में से एक घरेलू क्रिकेट के तरीके पर ध्यान केंद्रित करना रहा है। जय शाह इस बात से भलीभांति परिचित हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता के लिए एक घरेलू सर्किट से टैलेंटड खिलाड़ियों का आना जरुरी है। ऐसे में शाह ने रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जैसी घरेलू प्रतियोगिताओं को मजबूत करने के लिए कई सारे जरुरी बदलाव किए। इसमें खिलाड़ियों की फीस के साथ-साथ बेहतर सुविधाएं, प्रदर्शन के अवसर उपलब्ध कराए। इसके साथ ही कई उनके कार्यकाल में अत्याधुनिक स्टेडियमों का निर्माण या नवीनीकरण किया गया है।
IPL का विस्तार और WPL
शाह के कार्यकाल में इंडियन प्रीमियर लीग ने भी नई ऊंचाइयों को छुआ है। आईपीएल इस समय दुनिया में सबसे अधिक लाभदायक और लोकप्रिय क्रिकेट लीग है। जय शाह ने 2022 में, शाह ने आईपीएल टीमों की संख्या को आठ से बढ़ाकर दस करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसका लाभ यह हुआ कि नए दर्शक जुड़े और बीसीसीआई के साथ ही खिलाड़ियों और टीमों को लाभ पहुंचा और भारत के नए क्षेत्रों में खेल का प्रसार हुआ। शाह ने भारत में महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की है। 2023 में आईपीएल की तर्ज पर महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) का शुभारंभ उनके कार्यकाल की एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी। इसके साथ महिलाओं को पुरुषों के बराबर फीस देना आरंभ किया। इसके साथ ही जय शाह ने आईसीसी से अधिक राजस्व हासिल किया।