मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (Royal Challengers Bengaluru) के बीच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला जा रहा मुकाबला अब समाप्त हो चुका है। इस मुकाबले को रजत पाटीदार (Rajat Patidar) की कप्तानी वाली आरसीबी ने जीत लिया है। आरसीबी की यह इस सीजन की तीसरी जीत है।
वहीं हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) की कप्तानी वाली मुंबई को चार मैचों में हार का सामना करना पड़ा है। इस हार की वजह से मुंबई के कप्तान काफी ज्यादा नाखुश है। उन्होंने पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन के दौरान बहुत कुछ बोला है। इसके साथ ही रजत पाटीदार ने भी जीत की ख़ुशी जाहिर की है। तो आइए जानते हैं कि दोनों टीमों के कप्तान ने इस मैच के बाद क्या कुछ कहा है।
मुंबई इंडियंस को मिली चौथी हार
बता दें कि आज के मैच में आरसीबी की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 5 विकेट के नुकसान पर 221 रन बनाए थे, जिसके जवाब में मुंबई की टीम 9 विकेट के नुकसान पर सिर्फ 209 रन ही बना सकी और 12 रनों से मुकाबला गंवा दिया। इस दौरान एमआई की ओर से सबसे अधिक रन तिलक वर्मा ने बनाए। उन्होंने 56 रनों की पारी खेली। वहीं आरसीबी की ओर से क्रुणाल पांड्या ने चार विकेट चटकाए।
Hardik Pandya ने कही ये बात
एक शर्मनाक हार के बाद मुंबई इंडियंस से कप्तान हार्दिक पांड्या ने कहा यह बल्लेबाजों के लिए मददगार पिच थी। विकेट काफी ज्यादा अच्छी थी। मैं बस अपने आप से यही बात कर रहा था कि हम फिर से दो हिट से चूक गए, मेरे पास कहने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है।
इसके बाद रोहित शर्मा को लेकर बात करते हुए हार्दिक ने कहा नमन हमारी टीम के मूल खिलाड़ी हैं, जो हमेशा निचले क्रम पर बल्लेबाजी करते हैं। बस बात यह है कि पिछले गेम में, रोहित उपलब्ध नहीं थे, इसलिए हमें किसी को ऊपर लाना पड़ा। नमन एक ऐसा खिलाड़ी है, जो ऊपर भी आ सकता है और डेथ में भी खेल सकता है। एक बार जब रोहित वापस आए, तो हम जानते थे कि नमन को नीचे आना होगा और यही हुआ।
ज्ञात हो कि नमन धीर लखनऊ सुपर जाइंट्स के खिलाफ नंबर तीन पर खेलते हुए ताबड़तोड़ अंदाज में 46 रन बनाए थे। वहीं आज के मैच में उन्हें सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने का मौका मिला। इस दौरान वह सिर्फ 11 रन बना सके। इस मैच में रोहित के बल्ले से सिर्फ 17 रन आए।
Rajat Patidar ने कही ये बात
विनिंग कैप्टन रजत पाटीदार ने कहा यह वाकई एक बेहतरीन मैच था। जिस तरह से गेंदबाजों ने हिम्मत दिखाई, वह कमाल का था। ईमानदारी से कहूं तो यह पुरस्कार गेंदबाजी यूनिट को जाता है, क्योंकि इस मैदान पर बल्लेबाजी इकाई को रोकना आसान नहीं है, इसलिए इसका श्रेय उन्हें जाता है। जिस तरह से तेज गेंदबाजों ने अपनी योजनाओं को अंजाम दिया वह शानदार था।
क्रुणाल ने जिस तरह से गेंदबाजी की वह कमाल की थी। आखिरी ओवर में यह आसान नहीं था, मुझे लगता है कि जिस तरह से उन्होंने गेंदबाजी की और जो हिम्मत दिखाई वह कमाल की है।
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